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गुमनाम युवा 800 किमी. पैदल पहुंचा राजसमंद, सर्वधर्म का संदेश लेकर जय भारत, जय भारतीय का नारा कर रहा बुलंद

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

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गुमनाम पदयात्री का राजसमंद पहुंचने पर स्वागत करते पद्मश्री श्यामसुंदर पालीवाल।

अनेकता में एकता व अखंडता के साथ ही अब दुनियाभर में हमारे भारत देश व तिरंगे का जो मान सम्मान बढ़ा रहा है, उसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए यह गुमनाम युवा 1400 किमी. की पदयात्रा पर निकल पड़ा है। 14 फरवरी 2023 को मुंबई में पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देकर अपना व्यवसाय बंद कर दिल्ली के लिए पदयात्रा पर रवाना हुई, जो करीब 800 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए राजसमंद पहुंचा, जहां पद्मश्री श्यामसुंदर पालीवाल ने अगवानी की। भोजन व रात्रि विश्राम के बाद सुबह फिर केलवा की तरफ चल पढ़ा। इस युवा का मकसद देश में लोगों को एकता, अखंडता, सद्भावना, भाईचारे व सर्वधर्म का संदेश देना और दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी से मिलना है।

युवा 35 वर्षीय युवा राजसमंद पहुंचकर मीडियाकर्मियों से रूबरू हुआ। युवा अपना न तो नाम बता रहा है और न ही धर्म बता रहा है। पहनावे से भी धर्म, जाति का अंदाजा नहीं लगा सकते। क्योंकि सिर पर मुस्लिम टोपी है, तो ललाट पर हिन्दू रीति रिवाज का तिलक और गले में सीख का त्रिशूल भी धारण कर रखा है। जब उससे नाम, जाति व धर्म के बारे में पूछा, तो युवा ने बताया कि मैं एक भारतीय हूं और यही मेरा धर्म है और नाम है। ललाट पर चंदन का लेप व कुमकुम का तिलक के साथ मुंह पर मास्क भी हमेशा पहना हुआ है। ऐसे में युवा अपनी पहचान के साथ चेहरा भी नहीं बता रहा है। अजीब पहनावा देख हर कोई व्यक्ति अचरज भरी निगाह से देख रहा है, तो बरबस ही वह युवा उनके पास जाकर जय भारत, जय भारतीय का नारा बोलकर एकता, अखंडता के साथ सर्वधर्म का संदेश दे रहा है। सुबह 7 बजे से शाम साढ़े 7 बजे तक पैदल चल रहा है और रास्ते में लंबी दूरी पर गांव या शहर नहीं होने पर पहले भी रूक जाता है।

कुछ इस तरह है युवा की पहचान

युवा के सिर पर मुस्लिम टोपी, ललाट पर चंदन का लेप, तिलक, गले में क्रॉस है। टीशर्ट पहन रखा है, जिसके आगे जय भारत, जय भारतीय लिखा हुआ है, जबकि पीछे की तरफ द मोम वंदना नामक फेसबुक पेज पर जॉइन करने का संदेश है। बैग पर लिखा है कि पदयात्रा में फिजिकल नहीं, तो डिजिटल ही सपोर्ट करें…। साथ ही हैश टैग कर भारतीय संग यात्रा अंकित है, जबकि उसके नीचे भारतीय चला भारत से मिलने… का स्लोगन अंकित है।

संयुक्त परिवार के साथ है पत्नी व बच्चे

झारखंड के मूल निवासी और मुंबई में व्यवसायरत युवा का परिवार अभी झारखंड में संयुक्त परिवार में पिता के साथ है। उनकी पत्नी, एक बेटा, एक बेटी है। वह परिवार की सहमति से ही इस यात्रा पर निकला है। इसके लिए उसने 17 साल की उम्र में ही कुछ स्पेशल करने की तमन्ना थी, मगर पारिवारिक उलझनों के चलते समय नहीं मिला। अब मुंबई में अपना व्यवसाय कुछ समय के लिए बंद कर पदयात्रा पर अकेले निकला है।

जगह जगह लोगों से कर रहा मुलाकात

पदयात्रा के तहत युवा जगह जगह लोगों से मिलकर बात कर रहा है। लोगों को देश की संस्कृति अनेकता में एकता व भाईचारे का संदेश दे रहा है और कतिपय लोगों व नेताओं के आचरण के प्रति असंतोष भी जता रहा है। वह बोला कि प्रधानमंत्री मोदीजी से पहले तक किसी भी राजनेता ने जनता को चुनाव के बगैर एक भारतीय के सम्मान, हक व अधिकार को लेकर कभी नहीं सोचा। युवा बोला कि यह पदयात्रा भी किसी जाति, धर्म, राजनीतिक दल विशेष के लिए नहीं, बल्कि देश के 140 करोड़ भारतीयों के सम्मान की पदयात्रा है।

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