राजसमंद में आदिवासी एकता परिषद एवं आदिवासी एकता संस्थान राजसमन्द की ओर से देश की आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सैनानी तिलका मांझी की जयंती पर रविवार को धोइन्दा क्षेत्र स्थित देवडूंगरी भैरूजी मंदिर पर रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। जिसमें 26 व्यक्तियों ने अपने सामाजिक उत्तदायित्व का निर्वहन करते हुए रक्तदान किया। आदिवासी समाज में पहली बार हुए रक्तदान कार्यक्रम को लेकर खासा उत्साह व उत्सुकता बनीी रही जहां अधिकांश युवाओं ने पहली बार रक्तदान किया।
परिषद एवं संस्थान अध्यक्ष इन्द्रलाल गमेती, प्रदेश कोषाध्यक्ष रामलाल मीणा, संरक्षक श्यामलाल, तहसील अध्यक्ष रतनलाल सहित वरिष्ठजनों ने आदिवासी वर्ग के आदर्श स्वतंत्रता सैनानी मांझी की चित्रछवि पर माल्यार्पण कर शिविर का उद्घाटन किया। इसके बाद जिला चिकित्सालय नाथद्वारा से आए डॉ. राजेश शर्मा व डॉ. गर्वित शुक्ला के नेतृत्व में वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी जीवन कुमार खोखावत व टीम ने रक्त संग्रहण प्रक्रिया शुरू की। शिविर में स्थानीय व आसपास के क्षेत्रों से समाजजन पहुंचते रहे। इनमें से कई युवाओं ने रक्तदान किया तो अन्य लोगों ने रक्तदान प्रक्रिया देखी। विशेष बात यह कि समाज में ऐसा अनूठा शिविर होने पर जहां अधिकांश लोगों ने पीड़ित मानवता की सेवा के लिए पहली बार रक्तदान किया व प्रक्रिया देखी जिससे उनमें काफी उत्सुकता रही। इस दौरान डॉ. शर्मा व डॉ. शुक्ला ने रक्तदान को लेकर आम जनमानस में व्याप्त तमाम भ्रांतियां दूर की जिससे प्रेरित होकर कई युवाओं ने निकट भविष्य में रक्तदान करने का संकल्प भी लिया। दोपहर तक चले शिविर में 26 यूनिट रक्त संग्रहित हुआ। छात्रा कविता व सोनिया ने भी पहली बार रक्तदान कर लोगों को रक्तदान करने का संदेश दिया। संस्थान अध्यक्ष इन्द्रलाल गमेती, प्रदेश कोषाध्यक्ष रामलाल मीणा के साथ भंवरलाल, युवा अध्यक्ष एडवोकेट वेणीराम भील, पूर्व पार्षद प्रकाश गमेती, कर्मचारी प्रकोष्ठ के मूलचंद, किशन लाल, देवीलाल, अजय कुमार, कमला देवी, मुकेश काड़ा, मदनलाल, जगदीशचन्द्र, परसराम, सुरेश धांयला, श्यामलाल वासनी, ललित, पूर्व पार्षद मोहनलाल नाथद्वारा, विराट, भगवान लाल आदि ने शिविर में मुस्तैद रहकर व्यवस्थाएं सम्भाली।
बैठक हुई आयोजित
शिविर उपरांत आदिवासी चिंतन बैठक हुई जिसमें अध्यक्ष इन्द्रलाल गमेती ने तिलका मांझी के जीवन वृत्त एवं स्वाधीनता आंदोलन में उनके योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि मांझी ने राष्ट्रहित में अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। मांझी ने अपने रक्त की एक-एक बूंद देश के लिए न्यौछावर कर दी तथा इससे प्रेरित होकर आज आदिवासी समाज के युवाओं ने भी पीड़ित मानवता की सेवा के लिए रक्तदान किया है। वक्ताओं ने सामाजिक एकता बढ़ाने, गांव-ढाणी तक संगठन का विस्तार कर अधिकाधिक समाजजनों को जोड़ने, शिक्षा को बढ़ावा देने एवं रक्तदान जैसे सेवा कार्यो के प्रति जागृति लाने पर जोर दिया। अंत में प्रदेश कोषाध्यक्ष रामलाल मीणा ने आभार प्रस्तुत किया।
इन्होंने किया रक्तदान
शिविर में पूरणमल भील, रतनलाल, कविता, सोनिया, वेणीराम भील, भैरूलाल गमेती, मदनलाल, जगदीश, परसराम, पूर्व पार्षद रामलाल मीणा, उदयलाल, मूलचंद, लक्ष्मण लाल, भंवरलाल, किशनलाल, भरत, तेजपाल, सुरेश कुमार, नानालाल, इन्द्रलाल, प्रकाश गमेती, शंकरलाल, नानालाल, गोविन्द भील, पुष्करलाल एवं गणेशलाल गमेती ने रक्तदान किया। सभी रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानि किया गया। शिविर आयोजन पर विभाग की ओर से संस्था को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।