चित्तौड़गढ़ के मंगलवाड़ क्षेत्र में 8 बच्चे घर से तालाब में नहाने निकले थे। इसमें से 5 डूब गए। आनन-फानन गांव वाले बच्चों को पानी से निकालकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। एक साथ 5 शवों को देख पूरे इलाके में मातम पसर गया है। 4 बच्चे एक ही गांव के थे। गांव वालों ने बताया कि बच्चे रोज नहाने जाते थे। बारिश ज्यादा होने के बाद बहाव तेज हो गया था। इसलिए बुजुर्गों ने बच्चों को आगाह करते हुए तालाब की ओर जाने से मना किया था। शनिवार को इसी कारण बच्चे नहीं गए थे। रविवार को बच्चों ने बुजुर्गों की बात की अनदेखी की और तालाब में नहाने चले गए।
एक साथ 5 उतरे थे पानी में
बरसात के बाद मंगलवाड़ क्षेत्र के आस-पास के तालाबों में पानी भर गया है। रविवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे 8 बच्चे तालाब पर नहाने गए थे। मंगलवाड़ निवासी भावेश (10) पुत्र नारायण लाल मेघवाल, चंद्रशेखर (12) पुत्र ओम प्रकाश ढोली, सुमित (12) पुत्र भैरूलाल, प्रिंस (8) पुत्र विष्णु और इंदौरा, गंगरार निवासी हरीश (8) पुत्र सत्यनारायण सबसे पहले पानी में उतरे। किनारे करीश (11) पुत्र कैलाश बारेठ और आयुष (10) पुत्र भवानीशंकर बारेठ खड़े थे।
कुछ देर बाद मंगलवाड़ निवासी सूरज (12) पुत्र राजेश ढोली भी तालाब में उतरने जा रहा था। इतने में उसके ध्यान में आया कि पहले से पानी में गए उसके साथ बच्चे काफी देर से पानी से बाहर ही नहीं आए। इसके बाद उसका माथा ठनका। उसने अपना निर्णय बदल दिया। यह बात उसने बाहर खड़े करीश और आयुष को बताई।
अनहोनी की आशंका में 2 भाग गए
अनहोनी की आशंका में करीश और आयुष वहां से भाग खड़े हुए। गांव पहुंचे और पूरी बात बताई। गांव के पुष्कर अहीर, किशन अहीर, नारायण कहार, मदनलाल अहीर, किशन प्रजापत, देवनारायण अहीर मौके पर पहुंचे। उन्होंने तालाब से पांचों को बाहर निकाला और अस्पताल लेकर गए। डॉ पंकज कीर ने चेक किया तो पांचों की डेथ हो चुकी थी। डूंगला, मंगलवाड़ और चिकरडा से मेडिकल टीम बुलाई गई है। पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। सुमित पांच बहनों का इकलौता भाई था। भावेश के घर पर तो रविवार को कोई समारोह था। उसके घर कई मेहमान आए हुए हैं।
उधर, मौके पर पहुंची पुलिस ने सिविल डिफेंस टीम को बुलाया। पुलिस को आशंका थी कि कुछ और बच्चे पानी में हैं। करीश और आयुष के बयान पर उनको यकीन हुआ कि अब कोई बच्चा वहां नहीं है। बच्चों ने पुलिस को बताया कि कुल 8 लोग नहाने गए थे। उसमें से तीन लोग सुरक्षित हैं। इसके बावजूद गांव वाले 2 बार पानी में उतरकर जांच कर चुके थे। हादसे की सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक आशीष कुमार, थानाधिकारी हरेंद्र सिंह सोढा और विधायक ललित ओस्तवाल मौके पर पहुंचे। एडिशनल एसपी हिम्मत सिंह देवल भी चित्तौड़ मुख्यालय से रवाना हो चुके हैं।
हर संभव मिलेगी सरकारी मदद
ADM रतनकुमार स्वामी और संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट मौके पर पहुंचे। राजेंद्र भट्ट ने परिवार को हर संभव आर्थिक सहायता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सहायता कोष के जरिए एक बच्चे के एक लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। मरने वाले बच्चों के घरवाले खेती पर निर्भर हैं। घटना के समय परिवार वाले खेत गए हुए थे।