राजसमंद शहर में स्थित एक मकान में रात को भीषण आग लग गई और परिवार के 6 सदस्यों सहित 9 लोग दूसरी व तीसरी मंजिल पर फंस गए। घटना के बाद पुलिस, प्रशासन पहुंचता, उससे पहले ही आस पड़ोसियों ने सतर्कता बरते हुए तत्काल रेस्क्यू करते हुए पिता-पुत्र, सास-बहू, बेटी व पौत्री के अलावा तीन श्रमिकों को भी सुरक्षित बचा लिया गया। मकान के प्रथम तल पर टेंट हाउस का सामान भरा हुआ था, जिसकी वजह से आग विकराल हो गई। राजसमंद व नाथद्वारा की 3 दमकले करीब चार से पांच घंटे तक लगातार आग बुझाने में जुटी रही। आग बुझने के 13 से 14 घंटे बाद भी पूरा मकान तपीस से धधक रहा है। टेंट हाउस के साथ मकान के रसोई के बर्तन, आटा, दाल सहित सारा राशन भी जलकर राख हो गया। गनीमत यह रही कि रसोई में एक सिलेंडर रखा हुआ था, जो फटा नहीं। एक बाइक भी जल गई, जबकि घर पर कपड़े, बिस्तर, मोबाइल सहित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जलकर राख हो गए। प्रथम दृष्टया 2 करोड़ से ज्यादा का नुकसान बताया जा रहा है।
Rajsamand Police के अनुसार राजसमंद शहर में रेलवे स्टेशन कांकरोली के पास आशिर्वाद कॉलोनी में कैलाशचंद्र पुत्र उदयलाल कुमावत के मकान में प्रथम तल पर तीन दुकानें है, जिसमें अंजनी टेंट हाउस का सामान भरा हुआ था। रात करीब साढ़े 11 बजे अचानक आग लग गई और आग की लपटों की आवाज सुनकर कैलाशचंद्र कुमावत रात 11.45 बजे बालकनी में आकर देखा तो चौतरफा धुआं व आग रही थी। यह देख वह घबरा गए। फिर परिवार के अन्य सदस्य भी बालकनी में आग गए और हो हल्ला मचाने पर आस पड़ोस से कई लोग दौड़ आए। घटना के बाद फायर ब्रिगेड को कॉल कर दी। सूचना पर नगरपरिषद से दो दमकल भी मौके पर पहुंच गई। प्रथम तल पर भीषण आग के चलते दूसरी मंजिल पर परिवार के 6 सदस्य थे, जबकि तीसरी मंजिल छत पर तीन श्रमिक सोए हुए थे। नीचे आग लगने से सभी 9 लोग काफी घबरा गए। बाद में पड़ोस से जितेंद्रसिंह व हीरालाल सहित कई लोग मौके पर आ गए। बाद में मकान के नीचे पिकअप को खड़ी करने के बाद सीढ़ी लगाकर व तीसरी मंजिल से रस्सी के सहारे पीछे की तरफ से रेस्क्यू कर नीचे उतारा गया। इस दौरान पार्षद मांगीलाल टांक, हिम्मत कीर, जितेंद्र सिंह, हीरालाल सहित बड़ी तादाद में क्षेत्रीय लोग मौजूद थे।
मकान में फंसे 9 लोगों को रेस्क्यू कर बचाया
आग लगने से मकान में कैलाशचंद्र कुमावत के साथ उनकी पत्नी लक्ष्मीबाई व बेटी नीलम एक कमरे में सो रहे थे, जबकि दूसरे कमरे में उनका बेटा हितेश (24), बहू संगीता (23) व डेढ़ वर्षीय पौत्री जीन थे। इसके अलावा तीसरी मंजिल पर टेंट हाउस में कार्य करने वाले तीन श्रमिक धनपाल, महेन्द्र व टीनू थे। आग लगने के बाद आस पड़ोस के लोगों ने परिवार के सदस्यों व लेबर को बचाने के लिए आवश्स्त किया। फिर पिकअप, सीढ़ी लगाई, जिसके सहारे हाथ पकड़कर परिवार के सभी 6 सदस्यों को नीचे उतारा गया। फिर तीनों ही श्रमिकों को रस्सी पकड़कर नीचे उतारा। इसके अलावा दो श्रमिक प्रकाश व श्याम नीचे प्रथम तल पर ही थे, जो थोड़ी से आग लगने पर टेंट खोलकर बाहर निकल गए।
रातभर आग बुझाने में जुटे रहे, 3 दमकल, 6 टैंकर लगे
पार्षद मांगीलाल टांक ने बताया कि रेलवे स्टेशन कांकरोली के पास अंजनी टेंट हाउस के मालिक कैलाशचंद्र कुमावत के मकान में लगी आग को बुझाने के लिए करीब पांच घंटे तक लगातार प्रयास हुए। राजसमंद की 2 दमकल के प्रयास नाकाफी दिखे, तो नाथद्वारा से भी एक दमकल को मंगवाई गई। साथ ही 6 पानी के टैंकर भी मंगवाए गए। इस तरह करीब साढ़े पांच घंटे से ज्यादा समय तक दमकलकर्मिकयों के साथ क्षेत्रीय लोग आग बुझाने में रातभर जुटे रहे। आग सुबह करीब पांच बजे बुझ गई, लेकिन मकान गुरुवार को दिनभर आग की तपीस से धधकता रहा। आग में टेंट हाउस के बिस्तर, तकिया, सोफा सेट, कवर, कनात, टेंट, गुदस्ते सहित काफी सामान जलकर राख हो गया। आग बुझाने में क्षेत्रीय लोग व दमकलकर्मी भी बड़ी ही सिद्धत से जुटे रहे, जो काफी सराहनीय कार्य रहा।
टेंट हाउस में यह जलकर हो गया राख
कैलाश कुमावत ने बताया कि मकान के नीचे प्रथम तल पर टेंट हाउस का गोदाम है, जहां आग लगने से करीब 500 बिस्तर सेट, 200 डलफ सेट, नए टेंट का सामान में 500-500 के सेट में पर्दे, टेंट मेटिंग, सिलिंग, 3 लाख रुपए के सजावटी प्लास्टिक फ्लावर सहित 80 लाख रुपए का टेंट सामान जल गया। साथ ही 20 लाख रुपए का नया टेंट सामान का कच्चा माल और मकान का फर्नीचर व भवन भी जल गया। मकान में लगे इलेक्ट्रीक उपकरण, टैंट के सामन, गद्दे, सोफासेट, कुर्सिया, पर्दे, फर्रिया, दरिया, कनाते, मेटिंगे सहित अन्य सजावटी सामान जलकर राख हो गया। साथ ही पहली व दूसरी मंजिल में रखे घरेलू सामान यानि पलंग, टीवी, फ्रीज, एसी, बिस्तर, कपड़े के अलावा सभी घरेलू सामान भी जल गए।
आग बुझाने के लिए तोड़ने पड़े तीनों शटर
मकान के प्रथम तल पर आग लगने के बाद दमकल मौके पर पहुंच गई, मगर भीषण आग लगने व शटर के गर्म होने के कारण खोलना मुश्किल हो रहा था। इस कारण तीनों ही शटरों को तोड़ना पड़ा, तब दमकल से पानी की बौछार करके आग पर काबू पाया जा सका। मकान के आगे पीछे व दाएं- बाएं चौतरफा दरारें पड़ गई और पूरा मकान तड़क गया है, जिससे अब मकान में जाना भी जोखिमभरा बना हुआ है। हालांकि मकान के अन्दर अब कुछ बचा नहीं है। इस कारण परिवार के सदस्यों का हाल भी बुरा हो गया है। गाेदाम पर राेशनदान नहीं हाेने के कारण आग बुझाने में कांच व गेट काे ताेड़ने पड़े।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, राजस्व विभाग नहीं पहुंचा
राजसमंद शहर की सबसे बड़ी व भीषण आग होगी, जिसमें दो करोड़ से ज्यादा का नुकसान बताया जा रहा है। इस कारण परिवार के सदस्य बेघर व बेरोजगार हो गए। पीड़ित कैलाशचंद्र कुमावत की सूचना पर कांकरोली थाना पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना किया और एफआईआर दर्ज कर ली, मगर राजस्व महकमे की तरफ से कोई नहीं आया। जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रशासन को अवगत करवा दिया, मगर कोई अधिकारी व कार्मिक नहीं पहुंचा।