कुंभलगढ़ अभ्यारण्य में इको सेंसेटिव की सीमा 0 मीटर पर भी संभव
लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य के अलावा प्रदेश के साथ देश कई ज्यादातर वन्यजीव अभ्यारण्यों में इको सेंसेटिव की सीमा 0 मीटर भी है। पर्यटन, आबादी व अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के चलते भैंसरोडगढ़, रामगढ़ अभ्यारण्य सहित जम्मू- कश्मीर व हिमाचलप्रदेश के अभ्यारण्य में भी इको सेंसेटिव की दूरी जीरो से आधे किमी. तय है। भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन के साथ ग्रामीण जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना के पास पहुंचे और प्रशासन पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए आक्रोश जताया। इस पर कलक्टर ने जल्द ही उचित व सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कुंभलगढ़ अभ्यारण्य में इको सेंसेटिव की सीमा घटाने को लेकर क्षेत्रीय लोगों द्वारा पांच वर्ष से मांग की जा रही है, लेकिन प्रशासन द्वारा मामला केन्द्र सरकार का होने का हवाला देते हुए जिला प्रशासन द्वारा 2 साल से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब क्षेत्रीय ग्रामीण जब उग्र हुए, तो प्रशासन ने प्राप्त आपत्तियों पर सुनवाई करते हुए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने के लिए शुक्रवार सुबह 11 बजे बैठक रखी। इसकी सूचना पर कुंभलगढ़ क्षेत्र के ग्रामीण भी जिला कलक्ट्री पहुंचे गए। फिर कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़ व मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीरसिंह जोजावर के नेतृत्व में ग्रामीण जिला कलक्टर से मिले और कहा कि प्रदेश के कई अभ्यरण्यों में जीरो मीटर सीमा तय है, तो कुंभलगढ़ अभ्यारण्य की सीमा में यह नियम क्यों नहीं लागू है। इस पर ग्रामीणों ने प्रशासन पर भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए उनकी आपत्तियों को दर्ज करते हुए जहां आबादी है, बाजार है और पर्यटक स्थल है, उस क्षेत्र को अभ्यारण्य के इको सेंसेेटिव से मुक्त किया जाए। इस पर जिला कलक्टर ने बैठक में उचित चर्चा करते हुए उनकी मांग के अनुसार अन्य वन्यजीव अभ्यारण्यों का हवाला देते हुए उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब ग्रामीण माने। इस दौरान कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़, कुंभलगढ़ प्रधान कमला दसाणा, जिला परिषद सदस्य दीनदयाल गिरी, कुंभलगढ़ पंचायत समिति सदस्य प्रेमसुख शर्मा, गवार सरपंच बिशनसिंह राणावत, भाजपा युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष अल्पेश असावा, खीमसिंह गवार, सोहनसिंह रावत, किशन सिंह खेड़ा गवार, भंवरसिंह, तेजसिंह रावत, हजारीसिंह रावत आदि मौजूद थे।
कलक्टर ने ली विशेष बैठक
कुंभलगढ़ अभ्यारण्य में इको सेंसेटिव को लेकर दर्ज आपत्तियों पर सुनवाई करते हुए उचित कार्रवाई करने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में विशेष बैठक आयोजित हुई। बैठक में वन विभाग, उपखंड अधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे, जिनसे चर्चा करते हुए आपत्तियों पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही आपत्ति के आधार पर एवं ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन, ज्ञापन और अन्य अभ्यारण्यों में इको सेंसेटिव सीमा जीरो मीटर के दायरे में रखने के गजट नोटिफिकेशन के आधार पर उचित कार्रवाई के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया।
अभी ये कार्य हो रहे प्रभावित
- नए भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा
- स्वीकृत आवास योजना के मकान भी अटके पड़े है
- स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का निर्माण भी रूका है
- गांवों में सडक़ व नालियों का निर्माण भी अवरुद्ध
- किसान नए कुएं नहीं खुदवा पा रहे
- आबादी भूमि पर ग्रामीणों को नहीं मिल रहे भू पट्टे
- बैंकों द्वारा भूखंड व मकान पर ऋण पर भी रोक
इन अभ्यारण्यों में जीरो मीटर का दायरा
भैंसरोडगढ़ वन्यजीव अभ्यारण, बस्सी वन्यजीव अभ्यारण चित्तौडग़ढ़, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, माउंट आबू वन्यजीव अभ्यारण, रामसागर वन्यजीव अभ्यारण धौलपुर में पर्यटन, आबादी, हाइवे के पास को देखते हुए 0 मीटर इको सेंसेटिव की सीमा तय कर रखी है। स्थानीय प्रशासन के प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019, 2020 व 2021 में ही गजट नोफिकेशन जारी किए थे, जबकि कुंभलगढ़ अभ्यारण्य में इको सेंसेटिव का मामला पांच वर्ष से लंबित पड़ा है।
कुंभलगढ़ अभ्यारण्य का यह सीमावर्ती इलाका
कुंभलगढ़ अभ्यारण्य के इको सेंसेटिव की दूरी को लेकर कुंभलगढ़, चारभुजा, देसूरी, सायरा, गोगुंदा क्षेत्र का सीमावर्ती इलाका प्रभावित हो रहा है। इन क्षेत्र में अभ्यारण्य के आस पास ग्रामीण न तो कोई निर्माण कर पा रहे हैं और न ही व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल पा रहा है।
जल्द ही सकारात्मक कार्रवाई की उम्मीद
प्रशासन द्वारा गुमराह किया गया, जबकि प्रदेश व देश के कई अभ्यारण्यों में इको सेंसेटिव की सीमा जीरो मीटर के दायरे में है। उसी आधार पर क्षेत्रीय लोगों की आपत्ति को सुनते हुए नोटिफिकेशन में बदलाव करने की मांग जिला कलक्टर के समक्ष रखी है। मैंने विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया व वन मंत्री ने जल्द उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। आज राजसमंद के जिला कलक्ट्री में वन्यजीव अभ्यारण्य की सीमा को लेकर बैठक हुई।
सुखवीरसिंह जोजावर, विधायक मारवाड़ जंक्शन