राजसमंद। जंगलों में देहाती परिवेश में पली बढ़ी आदिवासी भील समुदाय की खुशबू भील ने अपने हूनर की खुशबू से पूरी दुनिया को अचंभित कर दिया है। जी हां, बात कर रहे हैं कुंभलगढ़ तहसील के गवार निवासी खुशबू भील की। उसके पिता रतनलाल भील एक पेन्टर है, मगर बेटी के हूनर को पहचान कर उसे आगे बढ़ाने का प्रयास किया, तो आज उसे अमेरिका में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय मेजिक शॉ में शामिल हाने का मौका मिला। ऑनलाइन इंटरनेशनल मैजिक प्रतियोगिता में खुशबू ऐसी कलाकारी दिखाई कि दुनियाभर के लोग दांतों के तले अंगुली दबाने लग गए और हर किसी ने अभावों में गुजर बसर करने वाली आदिवासी खुशबू भील की तारीफ की।
खुशबू के पिता राजस्थान भील समाज विकास समिति के सक्रिय कार्यकर्ता भी है, जो सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहते हैं। इस अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 100 प्रतियोगियों व सात देशों के प्रतियोगियों मेे से भारत की ओर से भाग लिया। जिसमें उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने वालो की सूची में नाम जोड़ा गया। साथ ही उन्हें इस प्रतियोगिता का ऑनलाइन प्रमाण पत्र भी यूएसए कंट्रोल कमेटी के प्रेसिडेंट के हस्ताक्षरित युक्त प्रमाण पत्र भी भेजा गया है। आदिवासी समाज की इस बाला की अद्भुत अदाकारी का भील समाज ने खुशी व्यक्त की। गरीब असहाय व केवल मजदूरी, पेंटिंग के कार्य करने वाले पिता ने अपनी इस बिटिया को मेहनत के बलबूते पर इस कामयाबी के शिखर पर पहुंचाया। जादूगर बेटी को पढ़ा लिखकर उसे एएनएम का प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा जो आज वो नर्सिंग द्वितीय वर्ष की छात्रा भी है। पिता उसे जादूगर का प्रशिक्षण भी दिलाया गया जो आज वह उनके पिता का नाम रोशन कर रही है।
इस बिटिया की कामयाबी से राजस्थान भील समाज विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल, प्रदेश सचिव गंगाराम, जिला अध्यक्ष उदयलाल, जिला महासचिव गुलाबचन्द, संभागीय अध्यक्ष शंकरलाल, प्रदेश संयोजक देवीलाल, जिला उपाध्यक्ष मदनलाल कुंभलगढ़ उप प्रधान शांतिलाल, तहसील अध्यक्ष हजारीलाल, भीमराज, युवा जिलाध्यक्ष फूलचंद, योगेश कुमार, भंवरलाल, रतनलाल, जगदीश चन्द्र, देलवाड़ा प्रधान कसनी देवी, प्रकाश चन्द्र, मोहनलाल, वक्तावरलाल ने खुशी जाहिर की।