जालोर हत्याकांड का क्या है सच ? : 24 दिन इलाज के बाद हुई मौत को लेकर उठे कई सवाल, देखिए खबर

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राजस्थान में जालोर जिले में सुराणा गांव में सरस्वती बाल विद्या मंदिर की तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के छात्र इंद्र मेघवाल की मौत को लेकर कोई स्पष्ट खुलासा अब तक नहीं हो पाया है। कथित तौर पर हैड मास्टर की पिटाई के बाद छात्र को अहमदाबाद अस्पताल में भर्ती कराना बताया, जहां उसका उपचार चलते ही मौत होना बताया है। इसके अलावा अब मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि छात्र पहले से कान की बीमारी से ग्रसित था। उपचार को लेकर आवश्यक दस्तावेज दैनिक भास्कर वेबसाइट द्वारा साजा भी किए गए हैं। हालांकि जालोर जिले के कलक्टर और एसपी अब भी पोस्टमार्टम की विस्तृत रिपोर्ट आने और पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही छात्र इन्द्र की मौत के वास्तविक कारण सामने आने की बात कही है। दूसरी तरफ छात्र की मौत के वास्तविक कारण अभी स्प्ष्ट नहीं हो पाए हैं, मगर परिजनों द्वारा शिक्षक की पिटाई से छात्र के बीमार होकर मौत होने का आरोप लगाने के बाद पूरे राजस्थान में दलित समाज व संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इधर दैनिक भास्कर वेबसाइट की न्यूज के अनुसार इंद्र करीब 5 साल से कान की बीमारी क्रोनिक सप्युरेटिव ओटाइटिस मीडिया (CSOM) से पीड़ित था। इंद्र का 2017 से 2019 तक इस अस्पताल में इलाज चला। डॉक्टर ने बताया कि CSOM ऐसी बीमारी है, जिससे कान में मवाद, सूजन, दर्द रहता है। बीमारी का समय पर निदान न हो तो इंफेक्शन इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि मरीज की जान भी जा सकती है। आगे बढ़ने से पहले खबर में दिए गए पोल में हिस्सा लेकर इस मुद्दे पर आप अपनी राय दे सकते हैं।

यह FIR हुई दर्ज, देखिए खबर

मृतक के चाचा किशोर कुमार निवासी सुराणा ने रिपोर्ट दी कि उसके भाई देवाराम का पुत्र इंद्र कुमार निजी विद्यालय में अध्ययनत था। 20 जुलाई को इंद्र कुमार स्कूल गया। सवेरे 10.30 बजे के आस पास प्यास लगने पर स्कूल में मटके पर पानी पीने गया। उसने अध्यापक छैलसिंह के मटके से पानी पी लिया। इस पर अध्यापक ने उससे मारपीट की। जिससे उसके अंदरुनी चोट लगी। दर्द होने पर इंद्र कुमार स्कूल के सामने स्थित अपने पिता देवाराम की दुकान पर गया और घटना की जानकारी दी। इसके बाद देवाराम अपने पुत्र को उपचार के लिए अनेक अस्पताल ले गया और अहमदाबाद में उपचार लेकर गया। 13 अगस्त को उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट में बताया कि शिक्षक अकारण मारपीट करता था। पुलिस ने हत्या और एससी-एसटी एक्ट में प्रकरण दर्ज करने के साथ आरोपी को दस्तयाब कर लिया है। सूचना पर पुलिस अधीक्षक हषर्वधन अग्रवाला एवं जालोर वृताधिकारी हिम्मत चारण सुराणा पहुंचे तथा घटना की जानकारी ली। रिपोर्टं में आरोप है कि अध्यापक खुद के लिए पानी अलग रखता था और भूलवश इंद्र कुमार ने उस मटके से पानी पी लिया था। जिससे आक्रोशित शिक्षक ने उससे मारपीट की और इंद्र कुमार गंभीर घायल हो गया।

छात्र की मौत पर कलक्टर- SP क्या बोले, देखिए

जालोर कलेक्टर निशांत जैन ने मीडिया को बताया कि पुलिस जांच कर रही है। मामले में धारा 302 में मुकदमा दर्ज कर आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार तुरंत किया गया था। पीड़ित परिवार को नियमानुसार मुआवजा दिलाया गया। इसी तरह SP हर्षवर्धन अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि बच्चे को पहले से बीमारी होने और मटके को लेकर जांच चल रही है। बच्चे का मटके से छूना प्रमाणित नहीं हुआ है। सभी बिंदुओं को लेकर पुलिस जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकेगा।

छात्र की मौत को लेकर उठ रहे हैं कई सवाल

  • मटका छुने पर तो शिक्षक ने पीटा: इंद्र की मां पवनी और उसी स्कूल में पढ़ने वाले उसके भाई नरेश का कहना है कि इंद्र ने हेड मास्टर छैल सिंह का मटका छू लिया था। इस बात से नाराज होकर छैलसिंह ने उसे पीटा, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे इलाज के लिए पहले उदयपुर और वहां से अहमदाबाद ले गए। 24 दिन इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में भी मटका छूने पर मौत का जिक्र है।
  • दो छात्रों में लड़ाई की बात भी आई सामने :  छात्र इंद्र के सहपाठी राजेश ने बताया कि मैंने उससे चित्रकला की कॉपी मांगी तो उसने मना कर दिया। ‘मैंने कहा कि टीचर से शिकायत करूंगा तो उसने झगड़ा किया। फिर टीचर ने हम दोनों को एक-एक चांटा लगाया था। उस दिन के बाद से वह स्कूल नहीं आया। ग्रामीणों और दूसरे टीचर्स का कहना है कि स्कूल में कोई मटका है ही नहीं, एक टैंक है। सब उसी से पानी पीते हैं।
  • भाजपा विधायक बोले जातिगत भेदभाव नहीं हो सकता : बीजेपी विधायक दल के सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा- जिस स्कूल में घटना हुई उस प्राइवेट स्कूल में दो पार्टनर हैं। एक राजपूत और एक मोची है। वहां के स्टाफ में आधे से ज्यादा टीचर SC-ST के हैं। मेघवाल, मोची और भील भी हैं। वहां के आधे के लगभग बच्चे SC-ST के हैं। ऐसे में जिस स्कूल में सवर्ण और दलितों के बीच पार्टनरशिप हो और स्टाफ दलित और जनरल कास्ट का हो, वहां इस तरह का भेदभाव नहीं हो सकता।

इस पूरे मामले में अब तक क्या क्या?

  • जालोर के सुराणा गांव में सरस्वती बाल विद्या मंदिर की तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के बच्चे इंद्र मेघवाल का 24 दिन से अहमदाबाद में इलाज चल रहा था। तीन दिन पहले उसकी मौत हो गई।
  • पिता ने आरोप लगाया कि 20 जुलाई को उनके 9 साल के बेटे ने पानी की मटकी छू ली थी। इसके बाद हेड मास्टर छैल सिंह ने इतनी पिटाई की थी, इससे उसकी हालत गंभीर हो गई।
  • बच्चे का पहले उदयपुर और फिर अहमदाबाद में इलाज कराया गया, लेकिन बचाया नहीं सका।
  • छात्र की मौत के बाद पुलिस ने SC-ST एक्ट में मामला दर्ज कर छैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
  • घटना के बाद से पूरे प्रदेश में आक्रोश बढ़ गया है।
  • मामले को लेकर भीम आर्मी के समर्थकों ने रविवार दोपहर पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ के उग्र होते ही पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
  • पीड़ित परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर बारां-अटरू के कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल इस्तीफा दे चुके हैं।
  • सोमवार को दलित सेना से जुड़े 4 नेता जयपुर में पानी की टंकी पर चढ़ गए थे।
  • मंगलवार को जोधपुर, दौसा, राजसमंद सहित कई जिलों में रैली निकाली गई।

कान की बीमारी के मिले कई दस्तावेज, देखिए

अस्पताल में इंद्र कुमार मेघवाल की MRI और CBC रिपोर्ट सामने आई है। डॉक्टर द्वारा बताया कि पुरानी बीमारी के संकेत सामने आए। MRI रिपोर्ट में भी इंन्फरैक्ट यानी खून की सप्लाई रुकना सामने आया है। एक्सपर्ट के अनुसार यह इन्फेक्टिव मेनेसाइटिस दिमाग के इंफेक्शन की वजह से होती है। इससे आंख में सूजन आ जाती है। इंद्र कुमार की पुरानी पर्ची पर इंफेक्शन कम करने के लिए एंटी बायोटिक व पेन किलर लिखी गई थी। साथ ही कान में दवाई डालने के लिए ईयर ड्रॉप भी थी। 20 जुलाई को हुई घटना के बाद 31 जुलाई को सुराणा के प्राइवेट क्लिनिक में भी उसकी जांच करवाई थी। इंद्र की CBC भी हुई थी उसमें WBC काउंट 29,700 आया था। यह सेप्टिसीमिया की कंडीशन होती है। आम भाषा में इसका मतलब है इंफेक्शन बढ़ जाना। हालांकि वास्तविकता तो पुलिस की पूरी जांच होने के बाद ही सामने आएगी।

देखिए दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित जांच रिपोर्ट

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देखिए दैनिक भास्कर की खबर : इंद्र को 5 साल से थी कान की बीमारी