Gulabchand Katariya https://jaivardhannews.com/asam-governor-in-bjp-leader-gulabchand-katariya/

राजस्थान में उदयपुर के वरिष्ठ भाजपा नेता व प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को राष्ट्रपति की ओर से असम का राज्यपाल बनाया गया। राष्ट्रपति द्वारा 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में राज्यपाल व उपराज्यपाल की अदला बदली गई। ​​​​​​कटारिया के राज्यपाल नियुक्त होने पर राजसमंद व उदयपुर संभाग के साथ प्रदेशभर में उनके प्रशंसकों और बीजेपी नेताओं ने खुशी जताई है। वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने फोन कर कटारिया को बधाई दी है। दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटारिया को फोन कर संकेत दे दिए।

कटारिया राजस्थान में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते है। वे आरएसएस के स्वयंसेवक रहे और बाद में वे जनसंघ में आए। जनसंघ के बाद बीजेपी के शुरुआती नेताओं में से कटारिया मुख्य रहे। कटारिया बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष रहने के साथ ही उदयपुर शहर से 8 बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं। राजस्थान में गृहमंत्री के अलावा शिक्षा मंत्री सहित कई मंत्रालय का प्रभार भी रहा।

PM मोदी ने दो दिन पहले किया फोन

उदयपुर संभाग के वरिष्ठ बीजेपी नेता गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाने की चर्चा तो कई माह से चल रही थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भी चर्चा रही। दो दिन पहले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलाब चंद कटारिया को फोन कर संकेत दे दिए था। कटारिया ने पीएम मोदी से बात होने और मोदी द्वारा हालचाल पूछने की बात बताई थी।

अब प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष की रेस में कौन

कटारिया के असम राज्यपाल बनने के बाद राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष का पद रिक्त हो गया। अब बीजेपी जल्द नए नेता प्रतिपक्ष का चयन करेगी। अभी तो नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेता रेस में हैं, लेकिन बदले राजनीतिक हालात में चौंकाने वाला नाम भी हो सकता है।
अब राजस्थान बीजेपी के अंदरूनी समीकरण भी बदल जाएंगें।

कटारिया के टीचर से गवर्नर तक का सफर

गुलाबचंद कटारिया ने प्राइवेट स्कूल में टीचर से अपने करियर की शुरुआत की और अब वे राज्यपाल बने है। वे आरएसएस स्वयंसेवक के तौर पर भी काम कर चुके है। स्कूल टीचर के दौरान 1975 में इमरजेंसी लगी, तब भी काफी सक्रिय रहे और जेल में भी रहे। वे पहली बार छठी विधानसभा में विधायक बने थे।

दक्षिण राजस्थान में बीजेपी नया विकल्प कौन ?

बीजेपी को दक्षिणी राजस्थान में मजबूत रखने में कटारिया की अहम भूमिका थी। उदयपुर जिले के साथ ही पूरे उदयपुर संभाग के राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ व चित्तौड़गढ़ जिलों की लगभग 25 विधानसभा सीटों के क्षेत्र में कटारिया प्रभावित करते थे। कटारिया की वजह से ही 2018 में सत्ता गंवाने के बावजूद उदयपुर संभाग में 28 में से 15 सीटों पर बीजेपी के विधायक है। उदयपुर की 8 में से 6 सीटों पर बीजेपी काबिज है। इनमें से कटारिया की उदयपुर शहर सीट भी शामिल है।

महाराणा प्रताप पर बयान पर हुआ था विवाद

बीजेपी की राजसमंद जिले में आमसभा के दौरान गुलाबचंद कटारिया कथित तौर पर महाराणा प्रताप पर भाषण से विवादों में आए थे। वे 2021 के उप चुनाव में राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी के प्रचार कार्यक्रम के दौरान महाराणा प्रताप को लेकर बयान दिया था। इस बयान का पूरे प्रदेश में विरोध हुआ था। साथ ही नरेंद्र मोदी व मनमोहन सिंह को लेकर दिए बयानों के लिए भी चर्चा में रहे थे।

श्रीमाली, दीप्ति या अन्य कोई

उदयपुर शहर विधानसभा सीट से 2003 से लगातार गुलाबचंद कटारिया विधायक हैं। पहले 1998 में भी कटारिया विधायक रहे। बीच में वे बड़ी सादड़ी सीट से चुनाव लड़े थे। मगर इसके बाद से लगातार वे उदयपुर से चुनाव जीत रहे हैं। उदयपुर शहर विधायक के लिए बीजेपी प्रत्याशी को लेकर बीजेपी जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, बीजेपी महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष अलका मूंदड़ा व राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी की चर्चा भी है। इसके अलावा भी कई नाम चर्चा में है।