जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना इन दिनों दफ्तर में कम और गांव- ढाणियों के दौरे पर है। खास तौर से महंगाई राहत शिविर की सख्त मॉनिटरिंग को लेकर कलक्टर जब आमेट क्षेत्र के सियाणा गांव पहुंचे, तो सड़क किनारे एक अपर्णा क्लीनिक देखकर तत्काल कार रूकवा ली। क्लीनिक में जाकर देखा तो क्लीनिक संचालक के पास न तो कोई डिग्री थी और न ही वह कोई संतोषप्रद जवाब दे पाया। फिर कलक्टर के निर्देश पर तत्काल पुलिस, चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो पूरा क्लीनिक ही अवैध निकला, जो पिछले 20 सालों से लोगों की सेहत से खेल रहा था। जिला कलक्टर के निर्देश के बाद प्रशासन ने तत्काल क्लीनिक पर छापामार कार्रवाई करते हुए झोलाछाप डॉक्टर को हिरासत में लेते हुए क्लीनिक से सारे रिकॉर्ड, दवाइयां व संसाधन को जब्त कर लिया।
जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना महंगाई राहत शिविर को लेकर जब आमेट क्षेत्र के सियाणा गांव पहुंचे, तो सड़क किनारे अपर्णा क्लीनिक नजर आया। यह देख जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना ने तत्काल कार रूकवाई और क्लीनिक पर पहुंच गए, जहां पर क्लीनिक संचालक पश्चिम बंगाल हाल सियाणा निवासी मलय विश्वास से क्लीनिक से संबंधित दस्तावेज मांगे, तो वह कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया। इस पर जिला कलक्टर ने गहरी नाराजगी जताई और बोले कि तो फिर आप लोगों की जिन्दगी से क्यों खिलवाड़ कर रहे हो। बाद में कलक्टर ने तत्काल आमेट उपखंड अधिकारी रक्षा पारीक को सियाणा में अपर्णा क्लीनिक पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इस पर आमेट खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के वर्मा मय चिकित्सा टीम के मौके पर पहुंच गए। फिर चिकित्सा टीम की पूछताछ में बताया कि वह पिछले 20 साल साथ अपना क्लीनिक पहुंचे और बताया कि मलय विश्वास उम्र 36 साल निवासी पश्चिम बंगाल द्वारा अवैध क्लीनिक चलाया जा रहा था। औचक निरीक्षण में झोलाछाप अपने क्लीनिक पर लोगों को इलाज कर रहा था। चिकित्सा विभाग की टीम के साथ आमेट थाने से पुलिस जाब्ता भी साथ में था। चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के बाद आमेट थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया। सियाणा में चिकित्सा विभाग की कार्रवाई के साथ ही आमेट थाने से हैड कांस्टेबल ओम सिंह, देवीलाल, मुकेश मीणा आदि साथ में थे।
क्लीनिक पर जांच, उपचार व दवाइयां भी
अपर्णा क्लीनिक पर मलय विश्वास बिना डिग्री व योग्यता के सियाणा में अपर्णा क्लीनिक खोल दिया, जहां पर न सिर्फ डॉक्टर की तरह लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर उनका उपचार कर रहा है, बल्कि इंजेक्शन लगाना, ड्रिप चढ़ाने से लेकर दवाइयां देने का कार्य भी खुद ही कर रहा था। क्लीनिक पर बकायदा एक अस्पताल की तरह से बैड भी लगा रखे थे। बताया कि मलय विश्वास बिना डिग्री के कैसे लंबे समय से डॉक्टर की तरह अस्पताल चला रहा है। इससे चिकित्सा महकमे से जुड़े कार्मिक, अधिकारियों से लेकर पुलिस व प्रशासनिक अमले की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
हाइडोज की दवाइयां मिली, कर ली जब्त
अपर्णा क्लीनिक पर कई तरह की अंग्रेजी दवाइयां मिली, जिसे देने के लिए कोई प्रशिक्षित कार्मिक नहीं है और ही मेडिकल का कोई लाइसेंस उसके पास था। डेक्सामेथासोन स्टेरॉइड इंजेक्शन, दर्द निवारक व एंटी फंगल दवाईयां, हैवी एंटीबायोटिक्स, ड्रिप्स, इंजेक्शन व मेडिकल उपकरण जब्त भी मिले, जिसे जब्त कर लिया गया। साथ ही क्लीनिक संचालक मलय विश्वास को चिकित्सा टीम व पुलिस साथ में लेकर गई।
उपकरण किए जब्त, क्लीनिक संचालक को साथ ले गए
सियाणा में अवैध अपर्णा क्लीनिक की सूचना मिली। जांच में पुलिस ने क्लीनिक से आवश्यक संसाधन, दवाइयां बरामद कर ली। साथ ही क्लीनिक संचालक को साथ में लाया गया है और क्लीनिक को लेकर आवश्यक पूछताछ की जा रही है। साथ ही लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने पर आमेट थाने में रिपोर्ट दी गई है। पुलिस द्वारा अग्रिम जांच व कार्रवाई की जा रही है।
डॉ. एसके वर्मा, खंड चिकित्सा अधिकारी आमेट