अतिक्रमण, अवैध डम्पिंग व अनियमितता को लेकर सुर्खियों में निर्मल ग्राम पंचायत पसूंद के सरपंच अयन जोशी, पूर्व ग्राम विकास अधिकारी विजयसिंह और पूर्व उप सरपंच गोविंदलाल प्रजापत के खिलाफ फर्जी पट्टे जारी करने के आरोप को लेकर केलवा थाने में प्रकरण दर्ज हुआ है। आरोप है कि दो लोगों के भूखंड को अनाधिकृत तरीके से ग्राम पंचायत पसूंद द्वारा नीलामी कर दोनों भूखंड पूर्व उप सरपंच के नाम कर दिए। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर गहन जांच शुरू कर दी। हालांकि सरपंच अयन जोशी ने इन सारे आरोपों को झूठा बताया है।
पुलिस के अनुसार पसूंद निवासी चांदमल पुत्र रोड़ीलाल जोशी ने केलवा पुलिस थाने में रिपोर्ट दी। बताया कि पसूंद सरपंच अयन जोशी, पूर्व ग्राम विकास अधिकारी विजयसिंह व पसूंद निवासी पूर्व उप सरपंच गोविंदलाल प्रजापत द्वारा षड़यंत्रपूर्वक फर्जी तरीके से भूखंड का पट्टा जारी कर दिया। बताया कि ग्राम पंचायत पसूंद के तत्कालीन सरपंच देवकिशन द्वारा 20 नवंबर 1975 को आराजी नंबर 329 की जमीन में भूखंड संख्या 9 का पट्टा जारी कर रखा है। फिर घीसीबाई ने वह भूखंड प्रार्थी चांदमल को बेचकर कब्जा सौंप दिया था, जिसका इकरारनामा आज भी है और भूखंड का पट्टा घीसीबाई के नाम पर मौजूद है। इसी तरह 1985 में तत्कालीन सरपंच भैरूलाल जोशी द्वारा मोहनसिंह पुत्र नंदसिंह राजपूत को पट्टा जारी किया था, जो उनके पुत्र रतनसिंह के हिस्से में बंटवारा में आया था। बाद में चांदमल द्वारा वह पट्टा भी रतनसिंह के हिस्से का खरीदा था और उसका पट्टा आज भी मोहनसिंह के नाम दर्ज होकर रिकॉर्ड है। इसकाे लेकर घीसीबाई व मोहनसिंह द्वारा पट्टा उनके नाम होने का शपथ पत्र भी प्रस्तुत कर दिया।
न्यायालय में विचाराधीन है पूरा मामला
चांदमल जोशी के भूखंड को ग्राम पंचायत पसूंद द्वारा नीलाम कर पूर्व उप सरपंच गोविंदलाल प्रजापत के नाम पट्टे जारी करने के बाद गोविंदलाल प्रजापत द्वारा सिविल न्यायाधीश राजसमंद में याचिका दायर की। उक्त मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जहां भी घीसीबाई, मोहनसिंह के साथ मोहनसिंह के पुत्र रतनसिंह, रणजीतसिंह, भैरूलाल, मानसिंह व मदनलाल द्वारा शपथ पत्र पेश कर दिए गए। बताया कि गोविंदलाल द्वारा न्यायालय में बताया कि वह भूखंड रणजीतसिंह से खरीदना बताया है, जबकि दो भूखंड के पट्टे घीसीबाई व मोहनसिंह के नाम दर्ज है। साथ ही उक्त दोनों भूखंडों पर प्रार्थी चांदमल जोशी का कब्जा होकर चारदीवारी भी बना रखी है। फिर भी आरोपी पूर्व उप सरपंच गोविंदलाल प्रजापत द्वारा न्यायालय में दावा पेश किया कि 1993 में 35 फीट गुणा 45 फीट का भूखंड पट्टा 22 दिसंबर 2020 को एक भूखंड उनका खुद का होना बताया, जबकि दूसरा पट्टा घीसीबाई का बताया, मगर आरोपी गोविंदलाल द्वारा रणजीतसिंह से भूखंड खरीदना बताया। इसके बाद भी ग्राम पंचायत पसूंद द्वारा नीलामी विज्ञप्ति जारी करते हुए 17 नवंबर 2019 को राजस्थान पत्रिका में विज्ञप्ति प्रकाशित कर आपत्ति आव्हान मांगे गए। इस पर चांदमल द्वारा 28 नवंबर 2019 को जरिए पंजीकृत सूचना पत्र के जरिए आपत्ति सरपंच व जिला कलक्टर के समक्ष दर्ज करवा दी गई। फिर भी ग्राम पंचायत कोरम में बिना सहमति, बिना क्षेत्रीय वार्डपंच की सहमति के 60 गुणा 45 फीट का ीाूखंड 12 जनवरी 2022 को मिसल नंबर 15 बताकर जारी किया गया। साथ ही तारीख व सन में गड़बड़ी का आरोप है और रिकॉर्ड कांट छांट भी प्रत्यक्ष तौर पर होना बताया है।
सभी आरोप झूठे, जांच में सच्चाई आएगी सामने
चांदमल जोशी द्वारा उनके खिलाफ केलवा थाने में दी गई रिपोर्ट एक राजनीतिक षड़यंत्र मात्र है। इसमें कोई फर्जी पट्टे जारी नहीं किए गए हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत में सारे दस्तावेज मौजूद है। घीसीबाई को पहले जो पट्टा आवंटित है, वह भी तय समयावधि में मकान नहीं बनाने व दूसरे को भूखंड विक्रय करने से पट्टा शून्य हो चुका है। इसलिए ग्राम पंचायत द्वारा जमीन को नीलाम कर पट्टे नियमानुसार जारी किए गए हैं। केलवा थाना पुलिस की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
अयन जोशी, सरपंच ग्राम पंचायत पसूंद