राजसमंद जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम द्वारा हैड कांस्टेबल को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। एसीबी द्वारा आरोपी हैड कांस्टेबल के आवास की भी तलाशी ली जा रही है और रिश्वत राशि लेने को लेकर भी गहन पूछताछ जारी है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद के पुलिस उप अधीक्षक अनूपसिंह ने बताया कि भीम थाने में दर्ज प्रकरण में उसके भाई को गिरफ्तार नहीं करने की एवज में प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी एवं हैड कांस्टेबल रघुवीरसिंह द्वारा 10 हजार रुपए मांगे जा रहे थे। रिश्वत की राशि नहीं देने पर लंबे समय से दबाव बना रहा था और उसके भाई को गिरफ्तारी से बचाने का दावा किया। इसके तहत पीड़ित से 2 हजार रुपए पहले ले लिए, जबकि 8 हजार रुपए बकाया चल रहे थे। बकाया रिश्वत की राशि के लिए भी हैड कांस्टेबल द्वारा बार बार तकाजा किया जा रहा था। इस पर पीड़ित ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत कर दी। इस पर राजसमंद एसीबी के डीएसपी अनूपसिंह द्वारा शिकायत का सत्यापन कराया गया, जिसमें मामला सही पाया गया। इस पर एसीबी ने प्लानिंग के तहत शुक्रवार को भीम पुलिस थाने में पीड़ित ने 8 हजार रुपए की रिश्वत राशि हैड कांस्टेबल रघुवीरसिंह को दी। तभी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने पहुंचकर हैड कांस्टेबल रघुवीरसिंह को पकड़ लिया और उसके हाथ धुलवाए तो रंग उभर आया। साथ ही एसीबी द्वारा उससे रिश्वत के 8 हजार रुपए बरामद करते हुए सील चिट कर दिए गए। साथ ही एसीबी टीम द्वारा भीम पुलिस थाने के साथ उसके आवास सहित कुछ अन्य संदिग्ध जगहों पर तलाशी जारी है।
रिश्वत मांगे तो यहां करें कॉलेज, नाम रहेगा गोपनीय
एसीबी अतिरिक्त महानिदेशक व उदयपुर के उप महानिरीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने आमजन से विशेष अपील जारी की है। बताया कि किसी भी सरकारी महकमे में कोई कार्मिक या अधिकारी रिश्वत की मांग करता है, तो तत्काल टोल फ्री नंबर 1064 पर कॉल किया जा सकता है। इसमें पीड़ित चाहे तो उसका नाम गोपनीय भी रहेगा। इसके अलावा मोबाइल नंबर 9413502834 पर कॉल या वाट्सएप भी किया जा सकता है। इस पर एसीबी टीम द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाएगी और आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा जाएगा।
पीड़ित का कार्य एसीबी करवाएगी
पीड़ित द्वारा जिस जायज कार्य के लिए कार्मिक या अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगी जा रही थी और आरोपी पकड़ा जाने के बाद जायज कार्य पूरा करवाने में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम पूर्ण रूप से सहयोग करेगी। एसीबी केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार के कर्मचारी व अधिकारी हो, सभी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।