राजसमंद। जिले की सड़कों का मानूसन से पहले पेचवर्क करना था मगर पीडब्ल्यूडी विभाग ने कई सड़काें का पेचवर्क ही नहीं करवाया। बिपरजॉय तूफान की बारिश और अब मानसून की एंट्री के बाद लगातार बारिश जारी है अब ऐसे में सड़कों के हालात बदतर हो चुके है इन सड़कों पर सफर करना एक चुनौती भर हो गया है।
राजसमंद जिला मुख्यालय से कुंभलगढ़ दुर्ग को जोड़ने वाली मुख्य सड़क जो लंबे समय से खस्ताहाल बनी हुई है। मुंडोल से पुठोल तक सड़क का निर्माण तीन चार महीने पहले ही हुआ था मगर गठिया निर्माण होने की वजह से कुछ ही दिनों में डामर उखड़ गया है। अब यहां पर मानसून की बारिश से पहले इस सड़क पर पेचवर्क करना था मगर विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और पेचवर्क नहीं किया। अब इसका नतीजा यह निकला है इस सड़क पर खड्ढों में पानी भर चुका है और लगातार भारी वाहन निकलने से गड्ढे गहरे हो चुके है। अब इस मार्ग पर आए दिन बाइक सवार गिर रहे है। तो कई बार बड़े वाहनों को भी नुकसान हो रहा है। मुंडोल से पुठोल तक सड़क के तो हालात इतने बदतर है कि इस पर सफर करना भी एक चुनौती हो गया है।
सबसे ज्यादा कमाई देने वाली सड़क के हालात बदतर
जिले का सबसे बड़ा माइनिंग एरिया पिपलांत्री, मोरवड़, आरना, झांझर है। इन मार्बल माइंसों से प्रतिदिन मार्बल ब्लॉक से भरे ट्रक ट्रेलर इसी मार्ग से निकलते है। कहने का अर्थ ये है कि सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली सड़क यही है फिर भी जिम्मेदार इस सड़क की सुध तक नहीं ले रहे है। डीएमएफटी में करोड़ों रुपए का राजस्व इस मार्ग से मिल रहा है। मगर इस सड़क का नवीनीकरण करवाने और इसकी मरम्मत करवाने के मुद्दे को जिम्मेदार गंभीरता से नहीं ले रहे है। इस कारण आए दिन इस सड़क पर हादसे हो रहे है।
सड़क के हालात बदतर देख पर्यटक भी परेशान
राजसमंद में श्रीनाथजी और प्रभु श्री द्वारिकाधीश मंदिर में बाहर से आने वाले दर्शनार्थी और विदेशी पर्यटक राजसमंद झील देखने के बाद राजसमंद से सीधे कुंभलगढ़ जाने के लिए इसी मार्ग से जाते है। मगर सड़क के हालात देखकर पर्यटक भी उफ ये सड़क और ये खड्ढे.. कहते हुए निकलते है। जो पर्यटक एक बार इस मार्ग से निकलते है वे दोबारा इस सड़क पर आना तक पसंद नहीं करते है। सड़क खस्ताहाल होने के कारण कई बार पर्यटकों को मजबूरन चारभुजा या खमनोर होते हुए कुंभलगढ़ जाना पड़ता है।
यहां पर हालात सबसे ज्यादा बदतर
मुंडोल से पुठोल तक सड़क पर मुंडोल से आगे रॉयल होटल के पास मोड़ में पूरी सड़क पर खड्ढे हो चुके है। यहां पर जरा से चुक से बाइक सवार गड्ढे में गिर रहे है। क्योंकि गड्ढों में पानी भर जाने से गढ्ढो की गहराई का पता नहीं चल पाता है ऐसे में बाइक स्लीप हो जाती है और वे गड्ढों में गिर जाते है। इसी प्रकार होली मगरा मनवार हाेटल के पास यहां पर सड़क के एक तरफ से डामर पूरा उखड़ चुका है इस कारण वाहन एक तरफ निकल रहे है। यहां पर हरदम हादसे का खतरा रहता है। इसी प्रकार पुठोल ढलान में सीसी सड़क पूरी उधड़ चुकी है इस ढ़लान में एक तरफ गहरा खड्ढा हो चुका है। अब माइनिंग एरिया से भरे ट्रक ट्रेलर खड्ढ से बचने के लिए गलत साइड से निकलते है क्योंकि ट्रक में भारी वजन रहता है और गड्ढे से पलटी होने का डर रहता है इस कारण गलत साइड से निकलते है यहां पर सबसे बड़ा खतरा है क्योंकि राजनगर से जाने वाले वाहन ढलान में कतारबद्ध खड़े रहते है अब ढलान में उतरते वक्त भारी वाहन का ब्रेक फैल होने का खतरा रहता है अब ऐसी परिस्थिति में सामने खड़े वाहन चालक हादसे के शिकार हो सकते है।
पानी निकासी का अभाव
राजनगर से पुठोल तक सड़क पर सनवाड़ में श्मशान के पास सड़क पर पानी निकासी नहीं होने के कारण पूरी सड़क दरिया बन चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा बाइक सवारों को है। पानी भरा होने के कारण बाइक सवारों को खड्ढे का डर रहता है इस कारण वे गलत साइड से निकलत है। वहीं इसी प्रकार सनवाड़ से आगे स्वरूप सागर तालाब के पास भी पानी निकासी का अभाव है इस कारण यहां पर भी पूरी सड़क पर पानी भरा हुआ है। हालांकि इन दोनों जगह पर खड्ढा नहीं है मगर पानी निकासी नहीं होने के कारण पूरी सड़क पर पानी भरा हुआ है। बाइक सवारों को निकलने पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।