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जिसका एक आंसू दोनों बर्दाश्त नहीं कर पाते थे, वो बेटी उनकी आंखों के सामने उन्हीं के खेत में बनी कोयले की भट्‌ठी पर जल रही थी। बेबस पिता के आंसू रुक नहीं रहे थे तो मां दहाड़े मार-मारकर रोती हुई अपनी बेटी को बुला रही थी।

14 साल की बेटी। जब भी घर से बाहर जाती, मां-बाप साये की तरह साथ रहते थे। जरा सी नजरों से ओझल होती तो मां-बाप की बेचैनी बढ़ जाती। लेकिन बुधवार रात मां-बाप को वो दर्द झेलना पड़ा जो उन्होंने बुरे से बुरे सपने में भी नहीं सोचा था। दरिंदों ने पहले पिता के ही खेत में बने कोयले के भट्ठे पर 14 साल की नाबालिग से गैंगरेप किया और इसके बाद उसे भट्‌ठी में डाल जला दिया। भीलवाड़ा के शाहपुरा के एक गांव में हुए इस गैंगरेप और हत्याकांड ने हर किसी को अंदर तक हिला दिया।जब गांव के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो पूरा समाज व ग्रामीण एकजुट हो गए और आरोपियों को फांसी देने की मांग करने लगे। जहां इस वारदात को अंजाम दिया गया, वह खेत पीड़िता के घर से डेढ़ किलोमीटर दूर है। यहां पर कोयला बनाने के लिए पांच भट्‌ठे हैं, जिन्हें दो साल से किराए पर चलाया जा रहा था। चार महीने पहले ही खेत में ये भट्‌ठे पीड़िता के पिता ने आरोपियों को किराए पर दिए थे। पिता ने सोचा भी नहीं था, जिन्हें वो भट्‌ठा किराए पर दे रहा है, वही उसके परिवार के दुश्मन बन जाएंगे। चार महीने से यहां कोयला बनाने का काम हो रहा था। यहां काम करने वाले लोगों का नाबालिग के घर आना-जाना भी था, इसलिए वे परिवार को भी अच्छी तरह से जानते थे।

बेटी कभी घर से अकेली नहीं निकली

नाबालिग के पिता ने बताया कि उनकी बेटी कभी घर से अकेली नहीं निकली। बेटी, उसकी मां और मेरी रोज की यही दिनचर्या थी कि हम लोग साथ में ही मवेशी चराने निकलते थे। बेटी कभी बोल भी देती कि मैं अकेली जा रही हूं तो मां उसका साथ नहीं छोड़ती। बुधवार को परिवार में कोई विवाद हो गया था। रिश्तेदारी में इस विवाद को सुलझाने के लिए हमें जाना जरूरी था। इस वजह से हम लोग बुधवार को वहां चले गए। बेटी अकेली थी तो उसने सोचा कि वह मवेशी लेकर निकल जाए। सुबह करीब 8 से 9 बजे के बीच वह मवेशी लेकर निकल गई और इसके बाद वह नहीं लौटी। पीड़िता की मां ने बताया कि जब उनकी बेटी दोपहर 3 बजे तक घर नहीं आई तो उसे ढूंढते हुए खेत पर गई थी। उस समय खेत में कोई भट्‌ठी नहीं जल रही थी। इस दौरान आरोपियों से पूछा भी कि मेरी बेटी कहां है तो वे अनजान बन गए। इसके बाद मां वहां से निकल गई और घर आ गई। शाम को गांव के लोगों को बताया तो उन्होंने ढूंढना शुरू किया। इस दौरान दोबारा वो लोग खेत की तरफ गए तो भट्‌ठी जल रही थी।

इसे देखकर परिवार और गांव वालों का माथा ठनका, क्योंकि दिन में भट्‌ठी जल नहीं रही थी और बारिश का मौसम था। अचानक रात में भट्‌ठी को जलती देख ग्रामीणों ने काम करने वाले लोगों से सख्ती से पूछताछ की तो वे डर गए। इसी बीच किसी ने बताया कि बेटी का जूता यहीं पड़ा है। इस पर उन्हें लगा कि अब सारी बात सामने आ गई है। तब जाकर उन्होंने बताया कि उन्होंने मासूम के साथ गलत काम करके उसे जला दिया। इस घटना के बाद गुरुवार को मौके पर एफएसएल टीम को बुलाया गया। टीम के सदस्यों ने भट्‌ठी से राख व कोयलों काे बाहर निकाला। उसे छानने के बाद 6 घंटे तक एक-एक कोयले को छांटकर नाबालिग के शरीर के कई टुकड़ों को ढूंढकर बाहर निकाला गया। इससे पहले बुधवार की रात जब भट्‌ठी में पानी डालकर आग बुझाई गई तो दहकते कोयलों के बीच बच्ची के शरीर के अंग निकले। एक अधजला हाथ और चांदी का कड़ा अंगारों के बीच से निकला। नाबालिग सुबह 8 से 9 बजे के बीच अपने घर से मवेशी लेकर खेत के लिए निकल गई थी। घर से नाबालिग का खेत डेढ़ किलोमीटर दूर है। आशंका जताई जा रही है कि सभी आरोपियों ने नाबालिग को खेत पर पहुंचते ही अपनी दरिंदगी का शिकार बना लिया था। घंटों तक उसके साथ रेप करने के बाद उसे भट्‌ठी में आग के हवाले कर दिया।

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बीजेपी ने एक कमेटी का गठन

भीलवाड़ा में नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले में राजस्थान बीजेपी ने एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी घटनास्थल पर जाकर जांच करेगी। कमेटी में विधायक अनिता भदेल, महिला मोर्चा की अध्यक्ष रक्षा भंडारी व पूर्व विधायक अतर सिंह भडाना हैं। टीम के पहुंचने पर ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी दोपहर में घर पर 2 बकरियों को भी बाइक पर छोड़ गए थे। इस पर जब परिवार के लोगों ने बेटी के बारे में पूछा तो अनजान बन गए और बोले- हमें नहीं पता है।

वहीं, कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने नाबालिग के परिजनों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि 14 साल की मासूम के साथ इस तरह की घटना निंदनीय है। सभी लोग आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके लिए आंदोलन भी करना पड़ा तो करेंगे।

कोटड़ी थाने को बनाया छावनी

इस घटना के बाद मौके पर हजारों की संख्या में गुर्जर समाज के लोग जमा हो गए। लोग इस घटना के आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने कोटड़ी थाने को छावनी में बदल रखा है। थाने के बाहर भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है। एसपी के नेतृत्व में सभी आरोपियों से इस घटनाक्रम को लेकर पूछताछ की जा रही है।