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पंजाब, हरियाणा, गुजरात व मध्यप्रदेश के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल व डीजल 6 से 11 रुपए तक महंगा मिलने से न सिर्फ हाइवे के पेट्रोल पम्पों की खपत कम हो गई, बल्कि आम लोग भी महंगा पेट्रोल खरीदने को मजबूर है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार सुबह से ही पम्पों पर डीजल व पेट्रोल की बिक्री बंद रही। इस बीच राज्य सरकार द्वारा एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वार्ता करते हुए 10 दिन की समयाविध में उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही दस दिन के लिए हड़ताल स्थगित कर दी गई। अगर पेट्रोलियम एसोसिएशन की शर्तों के अनुसार मांग पूरी नहीं होती है, तो फिर से पम्प बंद किए जा सकेंगे। हड़ताल के दौरान प्रदेशभर में विभिन्न कंपनियों के 60 पम्प खुले थे, जबकि राजस्थान में करीब 7 हजार पम्प है। सूत्रों के अनुसार सरकार स्तर पर मंथन चल रहा है, जिसके तहत करीब 5 से 10 रुपए तक प्रति लीटर दर कम हो सकती है।

पेट्रोल पम्प एसोसिसएशन राजसमंद जिलाध्यक्ष कैलाश चौधरी ने बताया कि पंजाब, गुजरात व दिल्ली तक पेट्रोल व डीजल पर राज्य टैक्स बहुत कम है, जबकि पूरे देश में सबसे ज्यादा टैक्स राजस्थान में है। इस कारण खास तौर से देशभर में चलने वाले माल वाहक वाहन राजस्थान में पेट्रोल व डीजल भरवाते ही नहीं है। इस कारण पम्प संचालकों के लिए भी संकट खड़ा हो गया है, तो प्रदेश के व्यापारियों के साथ आम लोगों की जेब भी प्रति लीटर करीब 6 से 11 रुपए तक का अतिरिक्त भार पड़ रहा है। इस कारण पम्प संचालकों के साथ ही आमजन में भी सरकार के प्रति असंतोष है। उल्लेखनीय है कि राज्यव्यापी हड़ताल के बाद गहलोत सरकार हरकत में आई और पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया गया। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास द्वारा वार्ता की गई, जिसमें मंत्री ने आश्वस्त किया कि अगले 10 दिन की समयाविध में उचित निर्णय लिया जाएगा। इसलिए हड़ताल खत्म कर ली जाए, जिस पर पेट्रोलियम एसोसिएशन द्वारा हड़ताल खत्म करने की बजाय 10 दिन के लिए स्थगित कर दी है।

पहले सांकेतिक हड़ताल से चेताया

पम्प संचालकों ने हड़ताल से पहले गहलोत सरकार को 13 व 14 सितंबर को सांकेतिक हड़ताल के माध्यम से चेताया। फिर भी न तो उनकी मांगे मानी गई और न ही सरकार ने कोई ठोस निर्णय लिया। दो दिन तक 8-8 घंटे पम्प बंद रहे थे, मगर सरकार के सकारात्मक निर्णय नहीं लेने पर पम्प संचालकों ने 15 सितंबर को सुबह से ही बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी। इसके तहत सभी पम्प पूर्ण रूप से बंद कर दिए गए। इस तरह पूरे राजस्थान में 6 हजार 900 पम्प बंद रहे। हड़ताल के तहत न तो पम्प से पेट्रोल व डीजल की बिक्री हुई और न ही डीपो से माल खरीदा गया। पेट्रोल-डीजल पर राज्य में ज्यादा टैक्स होने की वजह से महंगा बिक रहा है, जिससे पम्प संचालकों के साथ आम लोग भी परेशान है।

देखिए पंजाब के मुकाबले कितना रेट में फर्क

अगर पंजाब व राजस्थान राज्य में पेट्रोल व डीजल (petrol & diesel rate) की दरों को देखा जाए, तब भी प्रति लीटर 11.52 रूपए पेट्रोल पर राजस्थान में ज्यादा है और डीजल पर करीब 6.43 रुपए ज्यादा है। इसी तरह हरियाणा, दिल्ली, गुजरात व मध्यप्रदेश के मुकाबले भी राजस्थान में पेट्रोल व डीजल महंगा है। इसमें मुख्य रूप से राज्य वैट अधिक होने की वजह लोगों महंगा पेट्रोल व डीजल मिल रहा है। साथ ही हाइवे व राज्यों के सीमावर्ती पम्प संचालकों के लिए पम्प का संचालन करना ही मुश्किल हो रहा है।

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पंप बंद होने से आधे दिन तक वाहन चालक रहे परेशान

प्रदेशभर में पेट्रोल- डीजल की कीमतें घटाने की मांग को लेकर राजस्थान पेट्रोलिमय डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर कई जिलों में पेट्राेल पम्प बंद रहे। सुबह से पम्प बंद होने से दुपहिया व चार पहिया वाहन चालक पेट्रोल, डीजल भरवाने के लिए पहुंचे, मगर पम्प बंद होने से उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। पेट्रोलिमय डीलर्स एसोसिएशन मांग है कि राजस्थान में पंजाब के बराबर वैट कम किया जाए। बताया कि न सिर्फ लोगों को महंगा पेट्रोल व डीजल मिल रहा है, बल्कि अन्य राज्यों में सस्ता होने से भारी वाहन चालक राजस्थान में पेट्रोल व डीजल भरवाते ही नहीं है। इस कारण आम लोग भी परेशान है, तो पेट्रोल पम्प कारोबारियों का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। कई वाहन चालक पम्पों पर पेट्रोल भरवाने के लिए मिन्नते करते भी देखे गए और कुछ बंद पम्पों पर वाहन चालकों को जमावड़ा भी दिखा।

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महंगे पेट्रोल-डीजल के कारण 270 पम्प बंद : Petrol rate

राजस्थान राज्य की सीमा वाले राज्यों में सस्ता पेट्रोल व डीजल मिलने के कारण सीमावर्ती जिलों के करीब 270 पम्प बंद हो चुके हैं। क्योंकि राजस्थान के गंगानगर की बात करें, या डूंगरपुर, उदयपुर की, जहां के लोग गुजरात या पंजाब जाकर सस्ता पेट्रोल भरवा देते हैं। इसलिए गुजरात व पंजाब की सीमा वाले जिलों के पम्पों से कोई पेट्रोल या डीजल भरवाता ही नहीं है। कुछ ऐसे ही हालात हनुमानगढ़, अलवर, कोटा, चित्तौड़गढ़ व सिरोही जिले के बने हुए हैं, जहां पर भी सीमावर्ती इलाके के लोग गुजरात, मध्यमप्रदेश राज्य के इलाके में जाकर पेट्रोल व डीजल भरवा देते हैं।

राजसमंद में पम्प संचालकों की बैठक : Diesel Price

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राज्यव्यापी हड़ताल के बाद राजसमंद में धोइंदा के पास एक होटल में जिला पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष कैलाश चौधरी के सानिध्य में पम्प संचालकों की बैठक हुई। बैठक में पम्प संचालकों ने प्रदेश के निर्देशानुसार पम्प बंद रखने का निर्णय लिया। साथ ही पम्प संचालकों की विभिन्न समस्याओं पर भी चर्चा की गई। इस दौरान एसोसिएशन महासचिव हेमंत लड्‌ढा, देवेंद्र जोशी, वैभव श्रीमाली, शैलेंद्र जोशी, परसमरा बुनकर, विनीत सोनी, जम्बू जैन, अनिरुद्ध सिंह, अनिल पारीक, महेश लखारा, रोहित बड़ाला, कायद बोहरा आदि मौजूद थे।

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