Vishvaraj singh mewar : महाराणा प्रताप के वंशज और मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराजसिंह मेवाड़ के नाथद्वारा विधायक बनने से पहले उनके जीवन की भी रोचक कहानी है। अभी विश्वराज सिंह मेवाड़ नाथद्वारा के विधायक है, मगर उनके पिता महेन्द्रसिंह मेवाड़ भी चित्तौड़गढ़ सांसद रह चुके हैं। उसके बाद लंबे अर्से से राजपरिवार का कोई सदस्य राजनीति में नहीं रहा, मगर अब फिर विश्वराजसिंह मेवाड़ वर्ष 2023 में नाथद्वारा विधानसभा से बतौर भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. सीपी जोशी को हराकर विधायक बन गए। अब उनकी पत्नी Mahima Kumari राजसमंद लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी है, जो चुनावी रण में उतर चुकी है।
Vishvaraj singh mewar उदयपुर राजपरिवार यानि रॉयल फेमिली के सदस्य है। महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। Maharana prtap के वशंज भगवत सिंह मेवाड़ के दो बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ और अरविंद सिंह मेवाड़ हैं। महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ हैं और अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे का नाम लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ है। भाजपा ज्वाइन करने वाले विश्वराज सिंह मेवाड़ मुम्बई स्थित मेवाड़ हाउस में अपने परिवार के साथ रहते हैं, जबकि उनके पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ उदयपुर शहर के बीच स्थित समौर बाग में रहते हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ज्वाइन कर सबको चौंका देने वाले Vishvraj Singh mewar ने अजमेर से स्कूली शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद मुंबई चले गए और वहां से कॉलेज शिक्षा पूरी की। कॉलेज करने के बाद मुम्बई में बस गए। उदयपुर में नियमित रूप से आते रहते हैं। उनके एक बेटा व एक बेटी है, जिनकी पढ़ाई के चलते उनका पूरा परिवार मुंबई में रहने लगा।
साथ यह भी चर्चा है कि महिमा कुमारी का वाराणसी से पुराना नाता है, जहां से नरेंद्र मोदी चुनाव लड़े हैं। ऐसे में महिमा कुमारी की चर्चा वाराणसी के जरिए चर्चा हुई, तो नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दे दी। महिमा कुमारी के मामा अभी सांसद है, तो पीहर पक्ष भी सक्रिय राजनीति में हमेशा रहा है, जिनका पश्चिम बंगाल के राजपरिवार से नाता है। ऐसे में परिवारवाद की बात को लेकर आम लोगों में चर्चा है।
Mahima Kumari की बायोग्राफी
जन्म | 22 जुलाई 1972 |
जन्म स्थल | वाराणसी, उत्तरप्रदेश |
पिता का नाम | जगदीश्वरीप्रसाद सिंह |
पति का नाम | विश्वराज सिंह मेवाड़, नाथद्वारा विधायक |
पीहर राजपरिवार | पश्चिम बंगाल पूर्व राजपरिवार |
पीहर वंशज | राजा भोज वंशज |
ससुर का नाम | महेन्द्रसिंह मेवाड़ |
शादी किस राजपरिवार | उदयपुर राजपरिवार में |
स्कूली शिक्षा | वाराणसी, उत्तरप्रदेश |
कॉलेज शिक्षा | श्रीराम कॉलेज नई दिल्ली |
शिक्षा | मनोविज्ञान में स्नातक |
बेटा व बेटी | पुत्री जयती कुमारी (25) यूनाइटेड किंगडम से मास्टर्स की पढ़ाई जारी पुत्र देवजादित्य सिंह (22) चाटर्ड फाइनेंशियन एनालिस्ट (सीएफए) हैं |
अनुभव | मुम्बई के कैथेड्रल व जॉन कैनन स्कूल में 11 साल तक बतौर शिक्षिका |
सामाजिक सरोकार | उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली |
पीहर पक्ष राजनीति | मामा सुखेंद्रसिंह एमपी के सतना से सांसद चचेरे भाई नागेन्द्रसिंह एमपी के नागोद से विधायक चाची माला राजलक्ष्मी टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड से सांसद |
ससुराल पक्ष में राजनीति | ससुर महेन्द्रसिंह मेवाड़ चित्तौड़गढ़ पूर्व सांसद पति विश्वराज सिंह मेवाड़, विधायक वर्तमान नाथद्वारा |
विश्वराज मेवाड़ ने दिल्ली में ली थी भाजपा की सदस्यता
दिल्ली में विश्वराजसिंह मेवाड़ ने नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता लेने के बाद उन्हें नाथद्वारा से टिकट दिया था। फिर वे नाथद्वारा विधानसभा से चुनाव लड़े और वर्ष 2023 में विधायक चुने गए। उनके साथ मारवाड़ के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कल्याण सिंह कालवी के पोते व करणी सेना के प्रमुख रहे लोकेन्द्र सिंह कालवी के बेटे भवानी सिंह ने भी भाजपा की सदस्यता ली थी। कार्यक्रम में BJP office delhi में प्रदेशाध्यक्ष CP Joshi, जॉइनिंग कमेटी के अध्यक्ष व केंद्रीय कानून मंत्री Arjunram Megwal ने पार्टी ज्वाइन कराई। इस मौके पर सांसद Diya Kumari भी मौजूद रही।
राजपरिवार का पुराना है राजनीतिक रिश्ता
Vishwraj Singh Mewar के पिता महेंद्रसिंह मेवाड़ चित्तौड़गढ़ सांसद रह चुके हैं। इसलिए उनके परिवार का राजनीतिक रिश्वता पुराना है। वर्ष 1989 में महेंद्र सिंह मेवाड़ चित्तौड़गढ़ लोकसभा से चुनाव लड़कर जीते और सांसद बने थे। तब Mahendra Singh Mewar ने कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला कुमारी को 1 लाख 91 हजार 738 वोट से हराया था। बाद में कांग्रेस की सदस्यता लेकर दोबारा चुनाव लड़े थे, जिसमें भाजपा प्रत्याशी जसवंत सिंह ने 18 हजार 418 वोट से हरा दिया था। उसके बाद महेंद्र सिंह मेवाड़ कोई चुनाव नहीं लड़े। अब उनके पुत्र विश्वराज सिंह मेवाड़ ने भाजपा की सदस्यता ली है और अब संभावना जताई जा रही है कि वे नाथद्वारा विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं। उनके सामने कांग्रेस से डॉ. सीपी जोशी प्रत्याशी हो सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को हराने के उद्देश्य से भाजपा द्वारा विश्वराज सिंह मेवाड़ को मैदान में उतारने की चर्चा है। इस बार चित्तौड़गढ़ संसदीय सीट से लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ के भी लड़ने की अटकले भी चल रही थीं। हालांकि चर्चा तो lakshyaraj singh mewar के नाथद्वारा विधानसभा से चुनाव लड़ने की भी थी।
Diya Kumari भी तीसरी बार लड़ रही चुनाव
Rajsamand MP Diya Kumari भी जयपुर राजघराने की सदस्य है। जयपुर राजपरिवार में आज भी दीया कुमारी को राजकुमारी कहा जाता है और माना भी जाता है। हालांकि लाेकतांत्रिक व्यवस्था के तहत चुनाव लड़कर दीया कुमारी अभी राजसमंद से सांसद है और अब उन्हें जयपुर के विद्याधरनगर से विधानसभा चुनाव लड़ने का टिकट दिया गया है। ऐसे में उदयपुर राज परिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ के भाजपा की सदस्यता दिलाने में भी दीया कुमारी की अहम भूमिका मानी जा रही है। दीया कुमारी सबसे पहले सवाई माधोपुर से विधायक थी और दूसरी बार चुनाव में राजसमंद सांसद बनी। अब तीसरी बार फिर विधायक बनने के लिए चुनाव मैदान में है।
मेवाड़- मारवाड़ के 4 जिलो की 8 विधानसभा शामिल
राजसमंद लोकसभा सीट लंबी चौड़ी है, जिसमें मेवाड़ व मारवाड़ के चार जिले राजसमंद, पाली, अजमेर व नागौर जिला शामिल है। इनमें आठ विधानसभा नाथद्वारा, कुंभलगढ़, राजसमंद, भीम, जेतारण, ब्यावर, मेड़ता व डेगाना शामिल है। दोनों राजनीतिक दलों में क्षेत्रवाद का मुद्दा हमेशा हावी रहता है। क्योंकि काफी लंबा चौड़ा इलाका राजसमंद लोकसभा सीट में आता है। 3 बार हुए इस सीट के चुनाव में कांग्रेस ने 2 बार मारवाड़ की तरफ से टिकट दिए, जबकि 1 बार मेवाड़ क्षेत्र के नाथद्वारा से टिकट दिया, जबकि भाजपा ने 1 बार मारवाड़, 1 बार मेवाड़ तो 1 बार बाहरी जयपुर की दीया कुमारी को टिकट दे दिया।
राजसमंद सीट के 3 चुनावों के क्या रहे परिणाम
- पहला चुनाव : 2009 में भाजपा के रासासिंह रावत को हरा कर कांग्रेस के गोपालसिंह ईडवा विजयी हुए थे। ईडवा नागौर जिले से है, जो मारवाड़ क्षेत्र में आता है।
- दूसरा चुनाव : 2014 में भाजपा के हरिओमसिंह राठौड़ ने कांग्रेस के गोपालसिंह ईडवा को हराया। इसमें राठौड़ राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले थे।
- तीसरा चुनाव : 2019 में भाजपा ने जयपुर पूर्व राजपरिवार की दीया कुमारी ने कांग्रेस के देवकीनंदन गुर्जर को हराया। दीया कुमारी लोकसभा क्षेत्र से बाहर की थी, जबकि कांग्रेस ने राजसमंद सीट में ही नाथद्वारा के गुर्जर को टिकट दिया। दीया कुमारी को विद्याधर विधायक का चुनाव लड़ाकर उप मुख्यमंत्री बना दिया। पिछला चुनाव भाजपा ने करीब 5 लाख वोट से जीता था।
22 लाख से ज्यादा मतदाता देंगे वोट
राजसमंद लोकसभा सीट में चार जिलों की 8 विधानसभा है। राजसमंद जिले में नाथद्वारा, कुंभलगढ़, राजसमंद व भीम विधानसभा है, जबकि पाली जिले की जेतारण, ब्यावर, नागौर जिले की डेगाना व मेड़ता विधानसभा है। चारों ही विधानसभा में करीब 22 लाख मतदाता है, जिनके हाथ रहेगी राजसमंद सांसद की किस्मत। वर्ष 2019 में 19 लाख 12 हजार मतदाता थे।