दुनिया के बड़े क्रिकेटर ग्रेग चैपल के तंगहाली में जीने का मामला सामने आया है। साथ ही ग्रेग चैपल की आर्थिक मदद के लिए उनके मित्रों ने ऑनलाइन अभियान शुरू किया, जिसके तहत रुपए जुटाए जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया का यह 75 वर्षीय पूर्व कप्तान 2005 से 2007 तक भारत का मुख्य कोच रहा था। हालांकि उनका पूरा कार्यकाल काफी विवादास्पद रहा। मित्रों द्वारा पैसा एकत्रित करने के लिए ‘गो-फंड-मी’ अभियान शुरू किया। इसके तहत पिछले हफ्ते मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में सामूहिक भोज रखा, जिसकी मेजबानी एडी मैग्वायर ने की। अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के मुताबिक चैपल ने ‘न्यूज कॉर्प’ से कहा, ‘मैं बहुत बुरी स्थिति में नहीं हूं। मैं निश्चित तौर पर इस तरह नहीं दिखाना चाहता कि बहुत मुश्किल में हूं, लेकिन लग्जरी जीवन नहीं जी रहे हैं। निश्चित तौर पर हम गरीब नहीं हैं, लेकिन हमें आज के खिलाड़ियों जैसे फायदे भी नहीं मिल रहे।’
बताया गया कि ग्रेग चैपल ‘हिचक’ के साथ ‘गो-फंड-मी’ अभियान के लिए सहमत हुए। पिछले हफ्ते मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में एडी मैग्वायर की मेजबानी में दोपहर के स्नेह भोज में उनके भाई इयान व ट्रेवर ने भी शिरकत की। चैपल ने कहा कि वह अपने युग के एकमात्र खिलाड़ी नहीं हैं जो आर्थिक तंगी से जुझ रहे हैं, बल्कि कई अन्य खिलाड़ी भी है। (Greg Chappell: Former Indian coach struggling with lack of money, friends started online campaign)
ग्रेग चैपल के जीवन की कहानी
ग्रेग चैपल का जन्म 7 अगस्त 1948 को ऑस्ट्रेलिया के साउथ ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर में हुआ था। वह एक क्रिकेटर परिवार से आते हैं, उनके पिता डेनिस चैपल और बड़े भाई इयान चैपल भी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के सदस्य थे। चैपल ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1970 में की थी। वह एक आक्रामक बल्लेबाज थे, और उनकी शैली को अक्सर “द चैपल स्ट्राइक” कहा जाता था। उन्होंने 87 टेस्ट मैचों में 7110 रन बनाए, जिसमें 24 शतक और 21 अर्धशतक शामिल हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, जब उन्होंने 1984 में क्रिकेट से संन्यास लिया था।
- चैपल ने 1975 से 1977 तक और फिर 1979 से 1984 तक ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम की कप्तानी की। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 1975 और 1983 के क्रिकेट विश्व कप में फाइनल तक पहुंचाया।
- चैपल ने 1985 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, वह एक क्रिकेट विश्लेषक और कोच के रूप में काम करने लगे। उन्होंने 2005 से 2007 तक भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में भी काम किया।
- चैपल एक विवादास्पद व्यक्ति हैं, जिन्हें उनकी आक्रामक शैली और कठोर कोचिंग के तरीके के लिए जाना जाता है। हालांकि, उन्हें एक महान क्रिकेटर और कोच के रूप में भी सम्मानित किया जाता है।
ग्रेग चैपल के जीवन की प्रमुख घटनाएं:
- 1948: 7 अगस्त को एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया में जन्म।
- 1970: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में पदार्पण।
- 1975: ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम की कप्तानी संभाली।
- 1975: ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया।
- 1977: ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम की कप्तानी से इस्तीफा दिया।
- 1979: ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम की कप्तानी फिर से संभाली।
- 1983: ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया।
- 1984: क्रिकेट से संन्यास लिया।
- 1985: क्रिकेट विश्लेषक और कोच के रूप में काम करना शुरू किया।
- 2005: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच बने।
- 2007: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में इस्तीफा दिया।
ग्रेग चैपल के कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां:
- ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी (जब उन्होंने 1984 में क्रिकेट से संन्यास लिया था)।
- ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम के कप्तान के रूप में 48 टेस्ट मैच जीते।
- 1975 और 1983 के क्रिकेट विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को फाइनल तक पहुंचाया।
- 1975 और 1983 में विजडन क्रिकेटर्स ऑफ द ईयर चुने गए।
ग्रेग चैपल की विरासत :
ग्रेग चैपल एक महान क्रिकेटर और कोच थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। उनकी आक्रामक शैली और कठोर कोचिंग के तरीके ने उन्हें विवादों में भी घसीटा, लेकिन उनकी उपलब्धियों से इनकार नहीं किया जा सकता है। चैपल एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं, जिन्होंने दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को प्रभावित किया है।