राजस्थान में महिला अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, वहीं बाड़मेर जिले के पूर्व विधायक मेवाराम जैन, RPS आनन्दसिंह राजपुरोहित 9 लोगों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में FIR दर्ज होने के 17वें दिन दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पीड़ित महिला ने एफआईआर में पहले ही दो अश्लील वीडियो होने का दावा किया था। वायरल वीडियो वही है या अन्य, इसको लेकर पुलिस जांच में जुटी है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोग कई तरह के कमेंट कररहे हैं पूर्व विधायक मेवाराज जैन पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
रेप पीड़िता ने जोधपुर के राजीवनगर थाने में मामला दर्ज कराया था। आरोप था कि जैन और उसके साथी रामस्वरूप आचार्य ने उसके साथ रेप व 15 साल की नाबालिग बेटी के साथ अश्लील हरकतें की। आरपीएस सहित शेष 7 लोगों ने झूठे केस में फंसाकर प्रताड़ित करने का भी आरोप है। बाद में पीड़िता का मेडिकल करवा बयान दर्ज किए और पूर्व विधायक मेवाराम जैन ने कोर्ट की शरण ली थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने राहत देते हुए 25 जनवरी तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए भी थे। एक साल पहले भी यह केस सामने आया था। पूर्व विधायक महिला और अन्य लोगों के खिलाफ ब्लैकमेल का मामला दर्ज करवा चुके हैं। 6 मिनट के दो अलग अलग वीडियो में अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से मना करने की बात बोली जा रही है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर अचानक शेयर होने लगे। दावा किया गया कि इसमें दिख रहा शख्स बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन हैं। एक वीडियो 6 मिनट और दूसरा 53 सेकेंड का है। हालांकि इस वीडियो की पुलिस जांच कर रही है। इस मामले को लेकर मीडिया द्वारा एसीपी चंचल मिश्रा से बातचीत करने पर बताया कि वे जयपुर में है और वीडियो के बरे में उन्हें जानकारी नहीं है। वायरल वीडियो को लेकर पूर्व विधायक जैन की तरफ से भी कोई बयान नहीं आया है। पीड़िता ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि पूर्व विधायक जब उससे रेप करने के बाद पन्द्रह- सोलह साल की लड़किया लाने के लिए भी कहा था। आरोप है कि पूर्व विधायक ने उसकी सहेली के घर में घुसकर रेप किया। रेप के दोनों वीडियो उनके पास है, जो पेन ड्राइव में है। बताया जा रहा है कि महिला की ओर से जोधपुर में दर्ज FIR का कनेक्श बाड़मेर के कोतवाली थाने में 29 नवंबर 2022 को दर्ज हुई FIR से है। करीब एक साल पहले रामस्वरूप ने भी पीड़ित महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। अब पुलिस हर एक पहलू की गहन जांच में जुटी है। पुलिस की जांच में ही वास्तविक स्थिति सामने आ पाएगी।
महिला का आरोप- पूर्व विधायक के सामने नग्न कर पीटा
महिला ने FIR में बताया कि पूर्व विधायक मेवाराम ने रामस्वरूप आचार्य के जरिए मेरे, दयाल और अन्य के खिलाफ अक्टूबर 2023 और इससे एक साल पहले 29 नवंबर 2022 को जो मुकदमे दर्ज करवाए थे, वो झूठे थे। इस रिपोर्ट में बताया कि जिस दिन 29 नवंबर 2022 को मुकदमा दर्ज हुआ, उसी सुबह 7 बजे बाड़मेर कोतवाली थानाधिकारी गंगाराम खावा और वहां का पुलिसकर्मी दाउद खान, दोनों दयाल को लेकर जोधपुर में मेरे निवास स्थान आए और जरूरी काम का कहकर पाली रोड पर सुनसान जगह स्थित फार्म हाउस ले गए। वहां पर डीएसपी आनंद सिंह राजपुरोहित पुलिसकर्मियों के साथ मौजूद थे। थोड़ी देर में दयाल, उसकी सहेली और भंवरलाल को भी वहीं बुलाया गया। वहां महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। मेवाराम जैन पक्ष के गिरधरसिंह सोढ़ा, सुरतानसिंह, प्रवीण सेठिया, गोपालसिंह राजपुरोहित नाम के व्यक्ति भी वहां मौजूद थे। इन सभी ने पुलिस वालों के साथ मिलकर हमारे साथ बुरी तरह मारपीट की। मुझे और उसकी सहेली को नग्न कर प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डालकर प्रताड़ित किया। पिस्तौल दिखा जबरदस्ती बुलाकर खाली कागज पर साइन करवा लिए थे।
जान का खतरा बता महिला ने मांगी सुरक्षा
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि इसके बाद हमें बाड़मेर ले जाकर वहां के कोतवाली थाने में बंद कर दिया गया। कोतवाली थाने में दयाल और हमारे साथ मारपीट की गई। आरोप है कि अब डीएसपी आनंदसिंह राजपुरोहित, पूर्व विधायक मेवाराम जैन व रामस्वरूप धमका रहे थे कि रेप की घटना सहित प्रताड़ना के बारे में किसी को बताया तो जान से खत्म कर देंगे। पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया कि मेवाराम जैन, रामस्वरूप आचार्य और अन्य लोगों से आज भी मुझे, मेरे परिवार व गवाहों को जान का खतरा है। ऐसे में सुरक्षा की भी मांग की थी।
होटल में ले जाकर रेप करने का आरोप
FIR में बताया कि पूर्व विधायक जैन व रामस्वरूप ने कई बार रेप किया। रामस्वरूप ने बाड़मेर होटल में ले रेप किया। उसकी बेटी के साथ ही अश्लील हरकतें की तो बाड़मेर थाने में रिपोर्ट की। वहां भी केस दर्ज करने के बजाय उसे प्रताड़ित करने का आरोप है। थानाधिकारी, एसआई व आरपीएस अधिकारी पर प्रताड़ित करने के आरोप है। पीड़िता ने पुलिसकर्मियों पर धमकाने के भी आरोप लगाए। इस पर पुलिस ने पूर्व विधायक मेवाराम जैन, RPS आनंद सिंह राजपुरोहित, थानाधिकारी गंगाराम खावा, SI दाऊद खान, रामस्वरूप आचार्य, उपसभापति सुरतान सिंह, प्रधान गिरधरसिंह सोढ़ा, प्रवीण सेठिया व गोपालसिंह राजपुरोहित के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
पूर्व विधायक ने दर्ज करवाया था ब्लैकमेल करने का मामला
पूर्व विधायक मेवाराम जैन पर जब आरोप लगे तो उनके द्वारा भी 30 अक्टूबर 2023 को बाड़मेर थाने में ब्लैकमेल करने के आरोप को लेकर प्रकरण दर्ज करवाया था। रिपोर्ट में बताया था कि लंबे समय से दयालराम निवासी जोलियाली, शैलेंद्र अरोड़ा वकील व एक अन्य महिला सहित कुछ लोगों का एक गिरोह उसे ब्लैकमेल कर रहा है। गिरोह धमकी दे रहा कि उनके पास फोटो व वीडियो क्लिप है। सोशल मीडिया पर शेयर कर बदनाम कर राजनीति चौपट कर देंगे, वरना 10 लाख रुपए दे दीजिए। पूर्व विधायक का रिपोर्ट कहना था कि 10 लाख रुपए नहीं देने की वजह से रेप का झूठा मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी दी जा रही है।