राजसमंद 24 जनवरी। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बुधवार दोपहर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुआ कार्यक्रम रोचक रहा। जिले के अलग-अलग गांवों, कस्बों से आई बालिकाओं ने जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल, जिला परिषद सीईओ राहुल जैन, पुलिस उप अधीक्षक पार्थ शर्मा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र तोमर से उनके करियर और जीवन संघर्ष की कहानी सुनी। साथ ही उनसे सफलता के गुर भी जाने।
महिला अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक रश्मि कौशिश द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व बालिकाओं द्वारा ईश वन्दना के साथ हुई। सभी उपस्थित बालिकाओं ने अधिकारियों को अपना परिचय दिया। जिला कलक्टर एवं उपस्थित अतिथियों ने उपस्थित बालिकाओं से संवाद किया गया।
कौशिश ने बताया कि बालिकाओं ने जिला कलक्टर और सीईओ से करियर को लेकर कई सवाल किए, जैसे- आपने आईएएस बनने का लक्ष्य कब निर्धारित किया, आईएएस कैसे बनते हैं, कोचिंग करें या सेल्फ स्टडी करें आदि। अधिकारियों ने भी इन प्रश्नों का बखूबी जवाब दिया। संचालन महिला अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक रश्मि बोहरा ने किया।
बालिकाओं ने जिला कलक्टर व अन्य उच्च अधिकारियों से करियर, अध्ययन, आत्मरक्षा आदि पर अपने प्रश्न पूछे, जिस पर सभी ने अपने सुझाव, परामर्श दिये। इसके साथ ही अपने जीवन में सही समय पर लक्ष्य निर्धारित और उनकी चुनौतियों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य प्राप्त करने की ओर प्रेरित किया।
कलक्टर ने बताए आईएएस बनने के टिप्स
जिला कलक्टर से एक बालिका ने आईएएस बनने के सफर को लेकर पूछा तो जिला कलक्टर ने भी अपने विभिन्न संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने स्कूली जीवन, मेडिकल की पढ़ाई से लेकर यूपीएससी सिविल सर्विसेज क्लियर करने तक के सफर को विस्तार से बयां किया। उन्होंने कहा कि जितना जल्दी आप लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ेंगे उतना अच्छा रहेगा। एक व्यक्ति के निर्माण में उसके शिक्षकों, परिजनों, आस-पास के लोगों, मित्रों, परिवेश का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आपके लक्ष्य रियलिस्टिक होने चाहिए। जिला कलक्टर ने बालिकाओं को अपना व्यक्तिगत अनुभव सुनाते हुए जीवन में कभी हार नहीं मानने और अपना लक्ष्य प्राप्त करने की बात कही।
सीईओ ने प्रतियोगी परीक्षा तैयारी के नुस्खे बताए
जिला परिषद सीईओ ने भी बालिकाओं के प्रश्नों का उत्तर देकर जिज्ञासाओं को शांत किया। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई और केरियार के साथ-साथ आईएएस बनने तक के सफर को सभी से साझा किया। सीईओ ने कहा कि जब भी आप किसी परीक्षा की तैयारी करें टो काम से कम उसके गत दस वर्षों के पेपर्स को अवश्य देखें और अपनी तैयारी का आँकलं करें। साथ ही उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से सफलतम व्यक्तियों के सुझावों को सुनने और सिख लेने की बात भी कही। सीईओ राहुल जैन ने करियर पर बात करते हुए कठिन परिश्रम करके अपना भविष्य निर्माण हेतु प्रेरित किया।
डीएसपी बोले- बालिका को निर्डर होने की जरूरत
पुलिस उपाधीक्षक पार्थ शर्मा ने महिला सुरक्षा को लेकर विस्तार से अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि काभी भी कोई परेशानी या बात होने पर सबसे पहले पुलिस को जरूर सूचित करें। उन्होंने कहा कि अगर आपके फ्रेंड सर्किल में कोई लड़की परेशान है तो उसकी बात सुने। अगर वह बात नहीं कह पा रही है तो आप आगे आकर कहें, पुलिस मदद के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि सभी बालिकाओं को अपने जीवन में बिना डरे और बिना रुके आगे बढ़ना चाहिए। पुलिस उपाधीक्षक पार्थ शर्मा ने अपने खेल जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला और पुलिस सेवा के बारे में कई प्रश्नों का जवाब दिया। शर्मा ने साहस रखने व निर्भय होने को कहा। जिला शिक्षा अधिकारी ने बालिकाओं को अपनी समस्याओं के लिए विद्यालयों में रखी गरिमा पेटी के उपयोग का सुझाव दिया।
इसी के साथ ही जिले में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं यथा साक्षी पालीवाल, अनिता कंवर, माया जाट, अंजलि कुमावत, सुगना रैगर, कुसुम जिनगर, विद्या कुमावत, हनि चावला, रौशनी माली एवं आयुषी तंवर को जिला कलक्टर महोदय द्वारा मौमेंटों, प्रशस्ति-पत्र एवं बैग देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभागार में उपस्थित सभी आगन्तुकों ने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं पर शपथ ली जिसके पश्चात सहायक निदेशक श्रीमती रश्कि कौशिश ने सभी अतिथियों का आभार जताया।