भीम उपखंड मुख्यालय स्थित राजकीय उप जिला चिकित्सालय में गत 2 वर्षों से विशेषज्ञों के विभिन्न पद रिक्त होने से मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में 39 फीसदी पद खाली पड़े हैं। उपखण्ड मुख्यालय के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में विशेषज्ञों के पद रिक्त होने एवं संसाधनों की उपलब्धता के अभाव में भर्ती मरीजों को उपचार सम्बंधी दिक्कतें हो रही हैं विशेष तौर से ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्थाएं गड़बड़ा रही हैं। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई के लिए नवीन स्वीकृत भवन का निर्माण कार्य भी वर्तमान में बंद है।
हालात ये है कि अस्पताल में वरिष्ठ विशेषज्ञ व सामान्य चिकित्सकों के कुल 28 में से 14 चिकित्सक यानि आधे पद खाली है। चिकित्सालय में औसतन प्रतिदिन 600 से ज्यादा मरीज आते हैं। कई विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त होने ने मरीज दूसरे शहरों के सरकारी व निजी अस्पतालों का रुख करते हैं।
ये प्रमुख पद हैं खाली
उपजिला अस्पताल में वरिष्ठ विशेषज्ञ (शल्य), कनिष्ठ विशेषज्ञ (शल्य), कनिष्ठ विशेषज्ञ (मेडिसन), कनिष्ठ विशेषज्ञ (नेत्र रोग), कनिष्ठ विशेषज्ञ (शिशु-रोग), कनिष्ठ विशेषज्ञ (अस्थि- रोग), कनिष्ठ विशेषज्ञ (नाक, कान, गला), चिकित्सा अधिकारी (दन्त), वरिष्ठ रेडियोग्राफर, सहायक रेडियोग्राफर, लैब टेक्निशियन, मशीन विद मैन के पद खाली हैं, वहीं ट्रॉमा इकाई में कनिष्ठ विशेषज्ञ (निश्चेतन), चिकित्सा अधिकारी स्नात्कोत्तर (हड्डी-रोग), के एक-एक, ईसीजी टेक्निशियन का एक और नर्सिंग ऑफिसर के पांच पद खाली हैं। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई में चिकित्सा अधिकारी के 4, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के 2, नर्सिंग ऑफिसर के 8 पद खाली पड़े हैं।
फैक्ट फाइल…
■ 80 में से 59 कर्मचारी ही कार्यरत हैं पीएमओ भवन में ■ 10 में से 8 पद ट्रॉमा इकाई में हैं खाली
■ 22 में से 15 पद खाली हैं मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई में