फाइनेंस कंपनी से लोन लेने के लिए फर्जी पट्टे की प्रति संलग्न करने वाले तीन आरोपियों को देवगढ़ थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तीनों बदमाशों की निशानदेही से लेपटॉप, प्रिंटर, फर्जी मुहर, स्टाम्प भी बरामद कर लिए। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया।
राजसमंद जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि उप पंजीयक देवगढ़ मुकन सिंह शेखावत ने देवगढ़ थाने में 1 दिसंबर 2022 को रिपोर्ट देकर बताया कि ताल निवासी धर्मचंद पुत्र वन्नालाल सालवी, सूरतपुरा निवासी जगदीश पुत्र मोहनलाल सालवी व सुरतपुरा निवासी वेण सिंह पुत्र देवीसिंह रावत ने लोन के लिए एक निजी फाइनेंस कंपनी में आवेदन किया। आवेदन के साथ तीनों ही आरोपियों ने भूमि पट्टे की प्रतिलिप संलग्न की। इस पर फाइनेंस कंपनी द्वारा तीनों आवेदनों के साथ संलग्न भूमि पट्टों का सत्यापन करने के लिए उप पंजीयन कार्यालय देवगढ़ में आवेदन किया गया। इस पर उप पंजीयन कार्यालय देवगढ़ में पंजीकृत पट्टों का मूल दस्तावेजों से मिलान करने पर पट्टा विलेख फर्जी पाए गए। इस पर उप पंजीयक द्वारा देवगढ़ थाने में 1 दिसंबर 2022 को रिपोर्ट दे दी गई। तब से तीनों ही आरोपी फरार चल रहे थे। अब पुलिस टीम द्वारा धर्मचंद सालवी, जगदीश सालवी व वेणसिंह रावत को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद उनसे जाली दस्तावेज, मुहर आदि भी बरामद कर लिए। फिर आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
सरपंच- ग्राम विकास अधिकारी की बना ली फर्जी मुहर
देवगढ़ थाना प्रभारी कमलेंद्र सिंह ने बताया कि फर्जी लोन लेने के लिए आरोपी धर्मचंद सालवी, जगदीश सालवी व वेणसिंह रावत ने लेपटॉप में अन्य दस्तावेजों में हेराफेरी करते हुए फर्जी पट्टे तैयार कर लिए। फिर उनकी प्रिंट निकाल ली। पुलिस ने सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, उप पंजीयन कार्यालय देवगढ़ की मुहरों को बरामद कर लिया।
इस पुलिस टीम ने की कार्रवाई
भीम पुलिस उप अधीक्षक राजेन्द्रसिंह राठौड़ के निर्देशन में देवगढ़ थाना प्रभारी कमलेंद्र सिंह के नेतृत्व में एएसआई प्रतापसिह, कांस्टेबल अर्जुन, रामचंद्र, डालूराम, रामनिवास की टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने मुखबिर अलर्ट करते हुए तीनों आरोपियों को पकड़ लिया।
फर्जी पट्टा बनाने की यह थी पूरी प्रक्रिया
पुलिस ने बताया कि धर्मचंद, वन्नाराम व वेणसिंह ने फर्जी पट्टे से लोन लेने के लिए खुद के आवासीय भूमि के पट्टों की फोटो कॅपी कर उन पट्टों की कार्रवाई के विवरण का नकल करते हुए उन्हीं पट्टों के जैसे हुबहू सन व नक्शा नजरी चेंज कर बना लिए। 3 अलग अलग फर्जी पट्टे तैयार करने के बाद एसके फाइनेंस लिमिटेड में लोने के लिए आवेदन किया। फिर एसके फाइनेंस कंपनी द्वारा उप पंजीयन कार्यालय देवगढ़ में भूमि पट्टे का सत्यापन कराने के लिए आवेदन किया, तो फर्जी पट्टे होने का खुलासा हो गया।