आत्महत्या होना ताे सबने सुना होगा, मगर एक व्यक्ति ने खूद के परिवार को ही मौत के घाट उतार दिया। युवक ने अपने पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर ली। बता दें कि युवक ने धोखे से अपने पत्नी व दो बेटों को नहर में फेंका व खुद ट्रेन के सामने कूद गया। इस घटना को लेकर परिजनों से लेकर पुलिस तक के भी होश उड़ गए। क्योंकि जानकारी के अनुसार परिवार में पैसों को लेकर भी कोई आर्थिक तंगी नहीं थी, और ना ही परिवार में झगड़े होते थे। ऐसे खुशहाल परिवार की मौत ने हर किसी को हैरान कर दिया। घटना जोधपुर के मथानिया थाना क्षेत्र के तिंवरी कस्बे की है।
मथानिया थानाप्रभारी राजेन्द्रसिंह ने बताया कि 27 फरवरी को तिंवरी निवासी कंवरलाल पुत्र मदनलाल ने अपने पत्नी व दो बच्चों के साथ खूदकुशी कर ली। मदनलाल पेशे से कारीगर था। बताया कि सबसे पहले पता चला की किसी युवक की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। जब वहां पर पहुंचे तो कंवरलाल की बाइक को देखकर परिजनों ने शव की शिनाख्त कर ली। हालांकि वहां पर उसकी पत्नी व दोनों बच्चे नहीं थे। उनकी तलाश की गई तो कंवरलाल की पत्नी पूनम व दोनों बेटे सौरभ(4) व भरत(7) का शव नहर में मिला। पुलिस के मुताबिक कंवरलाल नहर में डूब नहीं पाया, जिसके कारण वो ट्रेन के आगे कूद गया। प्रथम जांच में पुलिस ने इस घटना को आत्महत्या बताया है, मगर पुलिस को खुदकुशी करने का कोई कारण हाथ नहीं लगा है।
समृद्ध व खुशहाल था परिवार
कंवरलाल का परिवार पैसों के मामले में पूरी तरह से समृद्ध था। जानकारी के अनुसार उसके परिवार में किसी प्रकार का कोई झगड़ा भी नहीं था। कंवरलाल तो कारीगर था ही साथ ही उसके पिता व भाई भी कारीगरी का काम करते थे। उनकी मां मजदूरी पर जाती थी। ऐसे में आर्थिक तंगी जैसी तो कोई समस्या नहीं थी। परिजनों ने बताया कि बच्चों से भी काफी प्यार करता था, उसके बेटे ने 8 मोबाइल तोड़े मगर फिर भी उन्हें कभी नहीं डांटा।
मानसिक रूप से था बीमार
परिजनों से पुछताछ कि ताे हैरान कर देने वाल सच सामने आया। परिजनों ने बताया कि युवक करीब 1 साल से मानसिक रूप से बीमार था। बताया कि युवक को भूत प्रेत का डर सताता था। वो यह सोचता था कि कोई भूत प्रेत उसके परिवार की जान ले लेगा। मगर अभी भी इस मौत को लेकर किसी के पास कोई जवाब नहीं है।
घूमने को निकला था जोधपूर
जानकारी के अनुसार कंवरलाल 27 फरवी को जोधपुर के लिए निकला था। परिजनों ने बताया कि उन्हे ताे शक भी नहीं था कि वो ऐसा करेगा। कंवरलाल ने परिजनों को बताया था कि वो उसके सीने में दर्द है उसके लिए जोधपुर जा रहा है। उसने कहा कि पत्नी का भी कुछ इलाज कराना है, और बच्चे कई दिनों से घूमे नहीं इसीलिए उन्हे भी जोधपुर घुमा लाऊंगा। जानकारी के अनुसार इलाज के लिए पहले कंवरलाल अकेले ही जोधपुर जाता था। पत्नी को शक ना हो इसीलिए उसने जोधपुर घूमने का बहाना बना लिया। उसने अपने बच्चे वो पत्नी को नये कपड़े पहनने को कहा।
कंवरलाल के पिता ने बताई बात
कंवरलाल के पिता मदनलाल ने कहा कि उसे तो कोई शक भी नहीं था कि कंवरलाल इतना बड़ा कदम उठा लेगा। बताया कि घूमने की बात सुनकर पोते भरत व सौरभ काफी खुश दिख रहे थे। मैने पोते से पुछा तो बोला- दादा मैं नए कपड़े लेने के लिए जोधपुर जा रहा हूं। दादा आपके लिए भी कुछ लाना हो तो बता देना। पोते के आखिरी शब्द थे जो मैंने आखिरी बार सुने थे। बताया कि रेल ट्रेक पर जब बेटे का शव मिला तो हम सब हैरान रह गए। लेकिन वहां पर उसकी पत्नी व बच्चे नहीं थे। हमें लगा कि वो पीहर चली गई। तलाशने पर उनके शव नहर में पड़ मिले।
आत्महत्या बनी रहस्य
पुलिस की जांच में सामने आया कि आत्महत्या के मामले में परिवार में काेई आर्थिक तंगी व झगड़े जैसी कोई बात सामने नहीं आई हैं। मगर कंवरलाल के मानसिक रूप से बीमार होने का कारण सामने आया है। हालांकि पुलिस द्वारा इस मामले को लेकर जांच की जा रही है।