-मत्स्याखेट के लिए झाड़ियों व अन्य जगह छिपाकर रखे थे
राजसमन्द। ऐतिहासिक राजसमन्द झील में मत्स्याखेट पर सख्त प्रतिबंध के बावजूद कतिपय लोग अपनी कारस्तानी से बाज नहीं आ रहे है तथा इसे देखते हुए अब स्थानीय जागरूक कार्यकर्ताओं व जनप्रतिनिधियों ने इस पर प्रभावी रोकथाम करने के लिए स्वयं निगरानी शुरू कर दी है।
इसी क्रम में जे.सी. गु्रप के कार्यकर्ताओं के साथ कई जनप्रतिनिधि झील पर पहुंचे एवं मत्स्याखेट के लिए छिपाकर रखे जाल सहित अन्य साजो-सामान जब्त कर जला दिए। झील में चोरी-छिपे एवं रात्रि में अंधेरे का फायदा उठाते हुए मत्स्याखेट होने की सूचना मिलने पर पार्षद हेमंत रजक, प्रमोद रेगर, हेमंत गुर्जर, अनिल कुमावत के साथ जेसी गु्रप के कार्यकर्ता हीरालाल माली, राकेश प्रजापत, देवाशीष बागोरा, अर्पित जैन, कुलदीप बावरा, युवराज गुर्जर, शंकर खटीक आदि गुरूवार देर शाम सलूस रोड़ की तरफ से झील पर पहुंचे। उन्होंने जूना अखाड़ा एवं आसपास के क्षेत्र में मत्स्याखेट की आशंका के आधार पर झील के जल एवं किनारों पर तलाशी शुरू की तो सभी चौंक गए। वहां देखा तो झाड़ियों व इर्दगिर्द छिपाकर रखे 50 से अधिक बड़े आकार के जाल के साथ ही कई ट्यूब, चाकू सहित मछली पकड़ने में उपयोग लिए जाने वाले छोटे-बड़े अन्य संसाधन पड़े मिले। यही नहीं झील के जल में भी मछलियों को फंसाने के लिए चार-पांच जाल बिछे हुए पाए गए। इस पर कार्यकर्ताओं ने जाल सहित अन्य तमाम संसाधन एक जगह एकत्र कर आग के हवाले कर दिया ताकि फिर कभी इनका उपयोग नहीं हो सके। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नगर परिषद सभापति अशोक टांक को पूरे घटनाक्रम की सूचना दी जिस पर वे भी मौके पर पहुंचे एवं स्थिति देखी।
वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने सभापति से कहा कि इस बारे में प्रशासन व पुलिस से प्रभावी कार्रवाई कराई जाए ताकि ऐतिहासिक एवं धार्मिक आस्था से जुड़ी झील में मत्स्याखेट पर रूक सके। इस पर सभापति ने शीघ्र ठोस कार्रवाई कराने का भरोसा दिलाया। पार्षद हेमंत रजक ने बताया कि तीन दिन पहले भी कार्यकर्ता झील के जोंक की मण्डी क्षेत्र में पहुंचे थे जहां किनारे पर मत्स्यााखेट के लिए छिपाए जाल व अन्य संसाधन बरामद किए थे। उन्होंने कहा कि व्यापक क्षेत्रफल में फैले झील के कई हिस्सों में लगातार मत्स्याखेट चल रहा है जिस पर पूरी तरह रोक लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कतिपय लोग अपने व्यवसाय के लिए अवैध कार्य को चोरी-छिपे अंजाम दे रहे है तथा कई बार पुलिस कार्रवाई होने के बावजूद कुछ दिन बाद वे पुनः अपनी सक्रिय हो जाते है।