इस दिन भोलेनाथ धरती पर मौजूद सभी शिवलिंगों में विराजमान होते हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन भोले बाबा को प्रसन्न करना आसान होता है।
पौराणिक कथाओं, प्रतीकवाद और प्राचीन परंपराओं में गहराई से निहित है, जिसमें भक्त भगवान शिव का सम्मान करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए विभिन्न अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों में संलग्न होते हैं।
हजारों हिंदू देवताओं में से, भगवान शिव धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक के रूप में प्रमुख स्थान रखते हैं। अपनी लौकिक जिम्मेदारियों से परे, शिव शुभता, परोपकार और गहन ज्ञान सहित कई अन्य गुणों का प्रतीक हैं।
शिव भक्तों का माननाहै कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मोक्ष प्राप्ति होती है। पापों का नाश होता है और आत्मा को शुद्धि मिलती है
भारत में, Mahashivratri का उत्सव क्षेत्रीय आधार पर अलग-अलग होता है, विभिन्न राज्यों में अलग-अलग रीति-रिवाज और अनुष्ठान मनाए जाते हैं।
भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं। पूजा में, भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, घी, शहद, और फल चढ़ाते हैं। वे शिव चालीसा, ॐ नमः शिवाय मंत्र, और अन्य मंत्रों का भी जाप करते हैं।
महाशिवरात्रि तिथि और मुहूर्त 8 मार्च, 2024 को रात्रि 09 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर 09 मार्च, 2024 को शाम 06 बजकर 17 मिनट तक है।