केन्द्र सरकर द्वारा 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए को भारत में लागू कर दिया। इसके तहत अब गैर मुस्लिम पाकिस्तानी, बांग्लादेशी व अफगानी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल सकेंगी। सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA का नोटिफिकेशन जारी होने से यह कानून पूरे देश में लागू हो गया। CAA Full Form Citizenship Amendment Act है और इसे हिंदी में नागरिकता संशोधन कानून कहते हैं। इस कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया। इसके तहत न्यूनतम 5 वर्ष से अधिक समय से भारत में रह रहे हो, तभी उन्हें सीएए का लाभ मिलेगा। इसके अलावा भी कई शर्ते व नियम है, जिसकी पालना जरूरी होगी। इस कानून के तहत भारतीय लोगों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
CAA Updates : गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 के बीच पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए इन गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत पंजीकरण की मदद से भारतीय नागरिकता दी गई थी। इस कानून के तहत दूसरे देश से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता नहीं दी जा सकती। हालांकि, सरकार का कहना है कि अन्य समुदायों के आवेदनों पर व्यक्तिगत रूप से विचार किया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन CAA वेबसाइट पर करना होगा। इसकी ऑनलाइन प्रक्रिया का टायर गृह मंत्रालय कर चुका है। आवेदनकर्ता को बताना होगा कि वे किस साल भारत आए थे व उनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे। इस प्रक्रिया में आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। (Relief to non-Muslims of Pakistan, Bangladesh and Afghanistan)
Citizenship Amendment Act: CAA कानून की 3 बड़ी बातें
- 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत में आ गए। हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
- भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।
- भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।
CAA Fact : सीएए कानून फैक्ट फाइल
- भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए वर्ष 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) संसद में पेश हुआ।
- लोकसभा में 10 दिसंबर 2019 को सीएए एक्ट पास हुआ, जबकि 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में पास हो गया। फिर 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ एक्ट लागू हो गया।
- भारतीय नागरिकता कानून में अब तक 6 बार संशोधन हो चुके हैं। 1986, 1992, 2003, 2005, 2015 व 2019 में संशोधन हो चुका है।
- पहले भारतीय नागरिकता के लिए 11 वर्ष रहना अनिवार्य था, मगर सीएए के तहत अब यह समयावधि घटाकर 6 वर्ष कर दी है।
सीमा हैदर को नहीं मिलेगा CAA का लाभ
सीमा हैदर को फिलहाल सीएए का लाभ नहीं मिलेगा। क्योंकि वह एक मुस्लिम हैं और 2014 के बाद भारत आई हैं। सीएए कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले गैर मुस्लिम पर लागू है। इस तरह हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को यहां पांच वर्ष निवास करने के बाद भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।