लोकसभा चुनाव से पहले डबल इंजन सरकार द्वारा डबल सौगात देते हुए पेट्रोल व डीजल में बड़ी राहत दी है। इस तरह केन्द्र 2 रुपए व राज्य ने 5.30 रुपए तक घटाए हैं, जिससे पेट्रोल व डीजल काफी सस्ता हुआ है, जिससे आमजन को राहत मिलेगी। खास तौर से सीमावर्ती राज्यों के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल व डीजल काफी महंगा मिल रहा था, जिससे कई पेट्रोल पम्पों के बंद होने की नौबत आ गई थी। इसको लेकर पम्प संचालकों ने हड़ताल भी की थी। उसके बाद राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक बुलाकर यह निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने वैट पर 2 प्रतिशत कम किए हैं, जिससे पेट्रोल 1.40 से 5.30 रुपए कम हो गए हैं, जबकि डीजल पर भी 1.34 रुपए से 4.85 रुपए तक कम होंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पेट्रोल व डीजल की दरें घटाने का ऐलान किया। इस निर्णय को आने वाले लोकसभा चुनाव के नजरिए से देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अभी तक राजस्थान के अलग अलग शहरों में पेट्रोल व डीजल की कीमत अलग अलग थी। इस विसंगति को अब दूर कर लिया है और अब पूरे राजस्थान में पेट्रोल व डीजल की एक ही कीमत रहेगी। जयपुर में अभी डीजल 93.72 रुपए प्रति लीटर है, तो पेट्रोल की कीमत 108.48 रुपए प्रति लीटर है। यह नई दरें अब 15 मार्च सुबह 9 बजे से लागू हो जाएगी।
कैबिनेट की बैठक में सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि पेट्रोल व डीजल की नई दरें शुक्रवार सुबह 6 बजे से लागू होगी। इसे सरकार पर करीब 1500 करोड़ रुपए का भार बढ़ेगा। दरअसल, 10 व 11 मार्च को प्रदेश में वैट कम करने की मांग को लेकर पेट्रोल डीलर्स ने हड़ताल की थी। साथ ही सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ा राज्य सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) 4 प्रतिशत बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाया था। इसके बाद राज्य सरकार ने भी यह फैसला लिया। इससे राज्य सरकार पर 1639 करोड़ रुपए का भार आएगा। राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता 46 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है।
देशभर में पेट्रोल और डीजल 2 रुपए सस्ता
मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेट्रोल और डीज़ल के दाम 2 रुपये कम करके देश के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “पेट्रोल और डीज़ल के दाम 2 रुपये कम करके देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि करोड़ों भारतीयों के अपने परिवार का हित और सुविधा सदैव उनका लक्ष्य है। वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ? जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया।” महाकवि रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा लिखी कविता की ये पंक्तियाँ अपने परिवार के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। पुरी ने आगे लिखा, “जब विश्व मुश्किल दौर से गुज़र रहा था विकसित और विकासशील देशों में पेट्रोल के – दामों में 50-72 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुयी और हमारे आसपास के कई देशों में तो पेट्रोल मिलना ही बंद हो गया तब भी, 1973 के बाद आये पचास साल के सबसे बड़े तेल संकट के बावजूद, मोदी जी के दूरदर्शी और सहज नेतृत्व के कारण मोदी के परिवार पर आंच नहीं आयी। भारत में पेट्रोल के दाम बढ़ने के बजाय पिछले ढ़ाई बर्षों में 4.65 प्रतिशत कम हुए!”
Petrol Diesel Rate : 2 कारणाें से पंप संचालकों की हड़ताल
- पहला कारण : राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04 प्रतिशत वैट था। साथ ही 1.5 रुपए प्रति लीटर रोड डेवलपमेंट सैस भी वसूला जा रहा है। इसी तरह डीजल पर 19.30 प्रतिशत वैट था। वहीं, इस पर 1.75 रुपए प्रति लीटर सैस वसूला जा रहा है। राजस्थान उन राज्यों में है जहां पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स लिया जा रहा है।
- दूसरा कारण : हड़ताल का दूसरा बड़ा कारण राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल-डीजल सस्ता होना था। कुछ राज्यों में भले ही राजस्थान के बराबर या इससे ज्यादा वैट पेट्रोल-डीजल पर हो, लेकिन राजस्थान के लिए समस्या इसलिए थी कि राजस्थान से सटे पड़ोसी राज्यों में यहां की तुलना में काफी सस्ता पेट्रोल-डीजल था।
- वहां पर वैट भी काफी कम है। यही वजह है कि राजस्थान के किसी भी कोने से आने वाले वाहन में पेट्रोल पड़ोसी राज्यों से भरवाया जा रहा था। इससे राजस्थान के पेट्रोल पम्प संचालकों को नुकसान हो रहा था। राजस्थान के पड़ोसी राज्य गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में दरें काफी कम है। पेट्रोल जहां 16 रुपए तक तो डीजल 11 रुपए तक सस्ता मिल रहा था।
अन्य राज्यों की अपेक्षा में महंगा था पेट्रोल डीजल
राजस्थान में सीमावर्ती अन्य राज्यों से तुलना की जाए, तो बहुत ज्यादा वैट के चलते कीमत है। पंजाब से तुलना करें तो पंजाब बॉर्डर से सटे राजस्थान के जिलों में पेट्रोल की कीमत में 13 से 16 रुपए और डीजल में 8 से 11 रुपए तक का अंतर था। हरियाणा की तुलना में पेट्रोल की कीमत 12 से 13.50 रुपए और डीजल में 4 से 5.50 रुपए तक का अंतर था। यूपी की तुलना में पेट्रोल में 11 से 12.70 रुपए और डीजल में 3 से 5 रुपए तक का अंतर था। गुजरात की तुलना में पेट्रोल पर 12 से 14 रुपएऔर डीजल पर 2 से 3.5 रुपए प्रति लीटर तक का अंतर था। दिल्ली की तुलना करें पेट्रोल में 11 से 12.50 रुपए और डीजल पर 4 से 5 रुपए का अंतर था।
हमारे भारत देश में पेट्रोल डीजल की कीमतें यूं होती है तय
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑयल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी। 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑयल कंपनियों को सौंप दिया। अभी ऑयल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।
Paper leak में अब तक पकड़ चुके हैं 63 आरोपी
सीएम भजनलाल ने तीन माह के कार्यकाल का लेखा-जोखा बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश में तमाम जनहित के काम सरकार ने किए हैं। पेपर लीक मामले की जांच कर सख़्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। एसआईटी गठन का वादा किया था, वो पूरा कर दिया गया है। एसआईटी जिस तरह काम कर रही है, वो सभी के सामने हैं। पेपरलीक में अब तक 63 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है। साथ ही ईआरसीपी को लेकर सीएम ने कहा कि योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। जरूरत के मुताबिक स्टाफ की नियुक्ति कर दी गई है। जमीन अधिग्रहण का भी काम शुरू हो चुका है।
Rajasthan में ऊर्जा सेक्टर में होगा सवा 2 लाख करोड़ का निवेश
मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा कि कहा कि तीन साल बाद बिजली में हम सरप्लस होंगे और दूसरे प्रदेशों को बिजली आपूर्ति करने की स्थिति में आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि बीते दिनों 3 हजार 325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाएं एवं 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए करीब 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए गए है। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एवं एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर उर्जा परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसमें 100 मेगावाट टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया के तहत 2.62 पैसे प्रति यूनिट तथा 500 मेगावाट एमएनआरई की सीपीएसयू स्कीम के तहत 2.57 पैसे प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए विद्युत आपूर्ति की जाएगी। शर्मा ने बताया कि 4 800 मेगावाट कोल आधारित परियोजना, 8000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया माध्यम से करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इन परियोजनाओं की स्थापना से लगभग 64,000 करोड़ रूपये का निवेश आने की उम्मीद है। इस प्रकार प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में कुल करीब सवा दो लाख करोड़ रूपए का निवेश होगा।