Gold Price Fall : अंतरराष्ट्रीय बाजार में चल रही अस्थिरता का सीधा असर सोने और चांदी की कीमतों पर पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों में रिकॉर्ड तेजी के बाद इनकी कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले 10 दिनों में ही स्टैंडर्ड सोने की कीमत में 2,650 रुपये की भारी गिरावट आई है। वहीं, चांदी में 3,600 रुपये प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट के बाद 10 ग्राम सोने की कीमत 73,150 रुपये और चांदी की कीमत 82,100 रुपये प्रति किलो रह गई है।
Gold rate today : विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं के चलते सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आ रही है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और आने वाले समय में इनकी कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है। जयपुर सर्राफा कमेटी द्वारा जारी ताजा भावों के अनुसार, जयपुर में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई है। 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत अब 73,150 रुपए है, जो कि पिछले कुछ दिनों पहले की तुलना में कम है। 22 कैरेट सोने की कीमत 68,400 रुपए प्रति 10 ग्राम, 18 कैरेट सोने की कीमत 58,200 रुपए प्रति 10 ग्राम और 14 कैरेट सोने की कीमत 47,200 रुपए प्रति 10 ग्राम है। चांदी की कीमत में भी मामूली वृद्धि देखी गई है। रिफाइंड चांदी की कीमत अब 82,100 रुपए प्रति किलो है।
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Silver Price Today : सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट का कारण
जयपुर के सर्राफा व्यापारी पंकज सोनी के अनुसार, सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट के पीछे दो मुख्य कारण हैं:
1. भारत में शादी का सीजन खत्म होना: भारत में शादी का सीजन खत्म होने के बाद सोने की मांग में कमी आई है। आमतौर पर, शादी के सीजन में सोने की खरीदारी बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमतों में भी तेजी आती है।
2. अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता: पिछले कुछ समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में स्थिरता आई है। इसका असर घरेलू बाजारों में भी देखने को मिल रहा है। इन दोनों कारणों से रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद अब सोने और चांदी दोनों की कीमत में गिरावट हो रही है।
Today gold rate : सोने-चांदी की कीमतें बढ़ने के कई कारण होते हैं
1. मुद्रास्फीति (Inflation): जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, यानी जब चीजों की कीमतें बढ़ती हैं, तो सोने और चांदी को मूल्य का भंडार माना जाता है। इसका मतलब है कि इनकी कीमतें भी बढ़ जाती हैं, ताकि वे बढ़ती हुई कीमतों के साथ बनी रह सकें।
2. आर्थिक अनिश्चितता (Economic Uncertainty): जब अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता होती है, जैसे कि युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता या प्राकृतिक आपदाएं, तो लोग सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसकी वजह से इनकी मांग बढ़ जाती है और कीमतें भी बढ़ जाती हैं।
3. ब्याज दरें (Interest Rates): जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो सोने की कीमतें गिर सकती हैं, क्योंकि लोग अब सोने को रखने के बजाय बचत खाते या अन्य निवेशों में पैसा लगाना पसंद करते हैं।
4. अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market): सोने और चांदी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आपूर्ति और मांग के आधार पर भी निर्धारित होती हैं। यदि वैश्विक स्तर पर इनकी मांग बढ़ती है, तो उनकी कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
5. गहनों की मांग (Demand for Jewelry): सोने का उपयोग गहनों बनाने में भी बड़े पैमाने पर होता है। यदि गहनों की मांग बढ़ती है, तो सोने की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
6. सरकारी नीतियां (Government Policies): सरकारें सोने और चांदी के आयात-निर्यात पर शुल्क लगाकर या अन्य नीतियां बनाकर इनकी कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं।