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Prohibition of alcohol : जिला मुख्यालय के समीपवर्ती निर्मल ग्राम पंचायत पसुंद में चल रहे शराबबंदी अभियान में सहयोग करने वाले ग्रामीणों ने सरपंच पर मतदाताओं के मतदाता सूची में फर्जी हस्ताक्षर करने व ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के नाम पर हस्ताक्षर करवाने का आरोप लगाया है।

Rajsamand news : दरअसल पसून्द गावं में पिछले सवा साल से शराब बंदी अभियान चलाया जा रहा है। उसके लिए पहले दौर पर शराबबंदी करवाने के लिए ग्रामवासियों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपा गया। उसके बाद प्रशासन द्वारा जारी की गई सत्यापित मतदाता सूची पर गांव में निवास करने वाले मतदाताओंं के हस्ताक्षर करवाकर जिला प्रशासन को सौंपी गई थी। उसके बाद प्रशासन द्वारा मतदाता सूची का सत्यापन भी कराया गया था। लेकिन सरपंच अयन जोशी द्वारा शराबबंदी के लिए मतदान की तिथि दिलाने की मांग को लेकर एक दिन पूर्व बुधवार को सौंपे गए ज्ञापन के बाद इस मामले में नया खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत में शराब बंदी के लिए मतदाता सूची पर कराए गए हस्ताक्षर के सत्यापन में कई हस्ताक्षर फर्जी पाए गए तो दो महिला मतदाता असाक्षर होते हुए भी उनके नाम के साथ हस्ताक्षर पाए गए है। ऐसे में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत सरपंच अयन जोशी द्वारा पेश किए गए शराब बंदी प्रस्ताव के दस्तावेज पर कूटरचित हस्ताक्षर कर जिला प्रशासन को प्रस्तुत किया गया है। यहीं नहीं सरपंच के नैतृत्व में ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत किए गए दूसरे ज्ञापन में पसून्द पंचायत के अलावा अन्य गांवों के लोगों के भी हस्ताक्षर करवाए गए थे जो, नियमों के विपरित है।

Wine Prohibition : जिन्होंने कभी पैन हाथ में नहीं पकड़ा उनके कैसे हो गए साईन

मतदाता सूची पर ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर करने के बाद प्रशासन द्वारा मतदाता सूची के हस्ताक्षर सत्यापन में खुलासा हुआ है कि सरपंच द्वारा पेश किया प्रस्ताव ग्रामीणों की सहमति से नहीं लिया गया है, बल्कि सरपंच की अपनी निजी लड़ाई को ग्रामीणों के बलबूते पर लडऩा चाहते है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक युवा ने बताया कि ग्राम पंचायत में पिछले दो-तीन सालों से वर्चस्व की लड़ाई चल रहीं है। इसी बीच सरपंच ने गांव में शराब बंदी का मुद्दा उठा लिया। उसके लिए ग्रामीणों के घर-घर जाकर मतदाता सूची पर ग्रामीणों के हस्ताक्षर व अंगूठे के निशान लिए गए। इस दौरान मुख्य मुद्दा शराबबंदी के लिए लोगों को अंधेरे में रखते हुए उनको सरकारी योजना का लाभ देने के नाम पर अधिकतर लोगों के हस्ताक्षर व अंगूठे के निशान लिए गए। ग्रामीणों ने बताया क गांव में शराब बंदी होने वाली है, उसकी जानकारी हमारे घर पर हस्ताक्षर का सत्यापन करवाने आए कर्मचारियों से मिली।

Pasoond : ग्रामीणों ने दिए शपथ पत्र

जब ग्रामीणों को उनके हस्ताक्षर किए गए दस्तावेज को शराब बंदी के लिए उपयोग में लिया गया है तो उसके बाद दर्जनों ग्रामीणों ने स्टांप पैपर पर शपथ पत्र देकर शराब बंदी के मामले में असहमति जताते हुए सरपंच द्वारा किए गए कृत्य पर उसके खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है। वहीं हलफ नामा प्रस्तुत करने वाले ग्रामीणों ने बताया कि गांव में शराब बंदी हो या नहीं उसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है। लेकिन हमे झांसे में रखकर साईन करवाए है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाही हो।

Excise Department : सरपंच व जिला आबकारी अधिकारी आमने सामने

निर्मल ग्राम पंचायत पसून्द में चल रहे शराबबंदी आंदोलन में जिला आबकारी अधिकारी लोकेश जोशी ने सनसनीखेज खुलासा किया है। सरपंच अयन जोशी द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए डीओ लोकेश जोशी ने सरपंच पर ही फर्जी हस्ताक्षर करवाने, ग्रामीणों को बरगलाने और सरकारी विभागों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। आबकारी अधिकारी लोकेश जोशी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने पद संभाला था। इस प्रस्ताव पर पंचायत में मतदाता अधिक होने के कारण भौतिक सत्यापन में समय लगा। तत्कालीन और वर्तमान आबकारी निरीक्षक और अन्य अधिकारियों के भौतिक सत्यापन के दौरान सामने आया कि सरपंच अयान जोशी ने सूची में कई फर्जी और बाहरी मतदाताओं के भी हस्ताक्षर करवाए हैं। कुछ अनपढ़ मतदाताओं के भी हस्ताक्षर हैं जो निरक्षर हैं। पंचायत के कुछ लोग जो कई सालों पहले बाहर चले गए थे। ऐसे लोगों के फर्जी हस्ताक्षर करके सरपंच अयान जोशी जिला प्रशासन और सरकारी विभागों को गुमराह कर रहा है। आबकारी अधिकारी ने कहा कि उन्होंने भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट और अन्य जांच रिपोर्ट आबकारी आयुक्त और जिला कलेक्टर के सामने पेश कर दी है। उनकी जांच में वास्तविक सच सामने आ जाएगा।

यह है सत्यापन के अंश, जिसमें झूठ सामने आया है

गांव में शराब बंदी के लिए सत्यापित मतदाता सूची में ग्राम पंचायत में निवास करने वाले मतदाताओं ने सूची में अंकित अपने नाम पर ही हस्ताक्षर किए है या असाक्षर लोगों ने अपने अंगूठे का निशान लगाया है। मतदाताओं के हस्ताक्षर व अंगूठे का निशान उन्होंने लगाया है या नहीं उसके लिए सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई गई। इस दौरान बड़े ही चौकाने वाले तथ्य सामने आए। वार्ड संख्या दो की मतदाता सूची के क्रमांक 131, 32, 33 एवं 34 पर किशनलाल के नाम के एक ही व्यक्ति ने हस्ताक्षर किए है। वार्ड एक की मतदाता सूची संख्या 25 व 27 पर नैना नाम के व्यक्ति ने ही दोनो स्थान पर हस्ताक्षर किए गए। वार्ड संख्या दो की मतदाता सूची के क्रमांक 137, 38 एवं 42 में महिला मतदाता है जिन्होंने कभी भी अपने हाथ में कलम नहीं पकड़ी और हमेशा अंगूठे का निशान लगाती है, मगर मतदाता सूची में उनके नाम पर हस्ताक्षर है। ऐसे कई तथ्य सामने आए है, जो यह साबित कर सकते है कि कई लोगों के हस्ताक्षर फर्जी या कूटरचित है।

आबकारी अधिकारी व सरपंच की बात

ग्राम पंचायत पसून्द में शराबबंदी का मामला चल रहा है, उस सम्बंध में जो हमें दस्तावेज प्राप्त हुए है। उसकी जांच में सामने आया कि मतदाता सूची में जिन लोगों के हस्ताक्षर है। उसमें कई स्थान पर मतदाताओं को झूठ बोलकर साईन करवाए गए है। कुछ स्थान पर एक ही मतदाता द्वारा एक से अधिक स्थान पर साईन करवाए गए है। कुछ लोगों ने बताया कि हमे साईन करने नहीं आता उसके बाद भी हमारे हस्ताक्षर कैसे हो गए है। उसके बाद कई मतदाताओं ने कहां कि सरपंच ने हमे भ्रमित कर साईन करवाए है। इसके अलावा दूसरे ज्ञापन में ग्राम पंचायत से बाहर निवास करने वाले लोगों के साईन है। इस प्रकार केवल घुमराह करने के लिए कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किए गए है।

लोकेश जोशी, जिला आबकारी अधिकारी, राजसमंद

सारे हस्ताक्षरों का सत्यापन कलेक्टर, उपखंड अधिकारी व तहसीलदार द्वारा करके ही प्रशासन द्वारा अग्रिम कार्यवाही की रिपोर्ट आबकारी आयुक्त उदयपुर को भेजी गई थी। अगर फर्जी हस्ताक्षरों का आरोप जिला आबकारी अधिकारी द्वारा लगाया गया है तो ये सीधा सवाल कलेक्टर द्वारा की गई प्रक्रिया पर उठाया जा रहा है।

अयन जोशी, सरपंच – निर्मल ग्राम पंचायत, पसुन्द