खुद को कैंसर से पीड़ित विधवा महिला बताकर एक शातिर ठग ने राजस्थान की एक धनाढ्य परिवार की महिला से फेसबुक पर दोस्ती कर ली। उसे चैटिंग के जरिए झांसे में लेकर अपनी 3.9 मिलियन डॉलर (करीब 28 करोड़ रुपए) की संपत्ति का वारिस बनाने का झांसा देकर ढाई करोड़ रुपए हड़प लिए। शातिर ठग ने पीड़िता को विश्वास में लेकर यह रकम करीब 55 बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करवाई। मामला उजागर होने पर केस की अनुसंधान में जुटी एसओजी जयपुर की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने चार साल से फरार ठग को गिरफ्तार कर लिया। इस वारदात का खुलासा रविवार शाम को किया गया।
एसओजी के डीआईजी शरत कविराज ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी नीरज सूरी है। वह मूल रुप से बिहार का रहने वाला है। वर्तमान में उत्तराखंड में देहरादून स्थित बद्रीपुर के पास शिव विहार कॉलोनी में रह रहा था। डीआईजी के मुताबिक ठगी की शिकार हुई सवाई माधोपुर की रहने वाली गुंजन शर्मा ने 12 मई 2017 को कोतवाली थाने में एक मुकदमा दर्ज करवाया था।
जिसमें बताया कि शातिर ठग नीरज सूरी ने फेसबुक पर Rebecca Christine नाम की विदेशी महिला की फर्जी आईडी बनाकर उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। इसे स्वीकार करने के बाद वह गुंजन से चैटिंग करने लगा। विदेशी महिला बने शातिर ठग नीरज ने बताया कि वह कैंसर से पीड़ित है और उसके पति की मृत्यु हो गई है। उसके परिवार में कोई वारिस नहीं है। उनके पास 3.9 मिलियन डालर की सम्पति है। जिसे वह परिवादिया गुंजन शर्मा के नाम करवाना चाहती है। गुंजन को विश्वास में लेकर शातिर ठग ने बताया कि मेरा वकील बारमेक्स व भारतीय प्रतिनिधि बैन जॉनसन आपको वारिस बनाने प्रक्रिया के लिये संपर्क करेंगे।
ये प्रक्रिया पूरी करने का झांसा देकर ढाई करोड़ की रकम 55 खातों में जमा करवाई
डीआईजी शरत कविराज के मुताबिक ठग ने FOREIGN एक्सचेंज डिपार्टमेंट की तरफ से एक फर्जी ईमेल गुंजन शर्मा को भेजा। जिसमें बैनजॉनसन नाम के प्रतिनिधि ने गुंजन से संपर्क करके इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड के नाम से लगने वाला चार्जेज व अन्य औपचारिकताओं के नाम पर, हवाला के जरिये प्राप्त होने वाले डॉलर पर लगी उनकी कंपनी की मोहर को साफ करने के लिए विशेष प्रकार का केमिकल खरीदने के नाम पर, Rebecca Christine द्वारा भेजे गये महंगे गिफ्ट जिसमें डॉलर पौंड व गोल्ड को कस्टम ऑफीस द्वारा पकड़े जाने छुड़वाने के लिए कस्टम ड्यूटी इत्यादि के नाम पर, विदेश से प्राप्त होने वाली राशि पर आरबीआई की तरफ से लिया जाने वाला शुल्क के नाम पर, प्रोसेसिंग फीस, वकील का खर्चा इत्यादि के नाम पर करीब 2.5 करोड़ रूपये विभिन्न 55 बैंक खातों में परिवादिया से जमा करवाये गये।
सवाईमाधोपुर की कोतवाली पुलिस मामले में शातिर ठग तक नहीं पहुंच सकी। तब केस की तफ्तीश एसओजी जयपुर स्थित सायबर क्राइम थाने को सौंपी गई। यहां डीएसपी उमेश निठारवाल के सुपरविजन में सबइंस्पेक्टर गजेंद्र शर्मा की टीम ने पड़ताल शुरु की। इसके बाद फर्जी पते के आधार पर फर्म खोलकर फर्म के नाम से खाते खुलवाने वाले आरोपी नीरज सूरी को मसूरी स्थित उसके ऑफिस से धरदबोचा। उसे जयपुर लाकर पूछताछ की गई।
पुलिस से बचने के लिए पांच साल में छह जगहों पर खोले ठगी के ऑफिस
तब सामने आया कि नीरज सूरी ने फर्जी सीए का कार्ड बनाकर दिल्ली, मसूरी व देहरादून में ऑफिस खोल रखे है। वह लोगों को लोन दिलवाने, जीएसटी, आईटीआर, पेनकार्ड, आधार कार्ड बनाकर उन्हीं डॉक्यूमेंटो से फर्जी बैंक खाते खोलने के लिये दस्तावेज तैयार करता था। इसके बाद नाईजीरियन लोगों के साथ मिलकर उनको बैंक खाते उपलब्ध करवाता है। इसके बदले मोटे कमीशन का झांसा देता है।
वह नाईजीरियन मूल के विदेशियों के साथ गिरोह बनाकर विभिन्न व्यक्तियों के फर्जी पहचान से फेसबुक रिक्वेस्ट भेजकर उनको अपने जाल में फंसाता है। फिर गिफ्ट व बड़ी राशि ईनाम देने के झांसा देकर ठगी की वारदात करता है। पुलिस से बचने के लिए नीरज सूरी ने पिछले 5 वर्षों में 6 विभिन्न जगहों पर ऑफीस खोले। उससे गहनता से पूछताछ की जा रही है।