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राजसमंद। दसाणा की भागल गांव में आर्थिक तंग से परेशान होकर गुमानसिंह ने फंदे पर लटक आत्महत्या कर दी। अब उसकी पत्नी व सात साल के बच्चे पर रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। पति की मौत के बाद पत्नी मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है लेकिन उसे मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा।

कुंभलगढ़ पंचायत समिति के ग्राम पंचायत झीलवाड़ा का राजस्व गांव चदाणा की भागल में 20 दिन पूर्व एक व्यक्ति गुमानसिंह पुत्र देवीसिंह चदाणा ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। अब परिवार में कमाने वाला कोई नहीं रहा, जिससे मृतक की पत्नी व सात वर्षीय पुत्र के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

सरकारी सुविधाओं से वंचित
मृतक गुमानसिंह के कच्चा केलूपोश मकान है जिसमें अब उसकी पत्नी व बच्चा रहता है। मृतक गुमानसिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ नहीं मिला। जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीब तबके के सभी लोगों के पक्के मकान बनाने थे, ये परिवार पात्र होते हुए आवास योजना से वंचित है।

बिजली कनेक्शन नहीं
मृतक गुमानसिंह के घर में बिजली कनेक्शन तक नहीं है। सरकार ने भले ही कई सरकारी योजनाएं चला रखी हो लेकिन मृतक गुमानसिंह के परिवार को किसी भी तरह की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इसमें या तो लोगों को जानकारी का अभाव है या सरकारी सिस्टम की बेपरवाही हो सकती है।

मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रही महिला
सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए पति के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बेवा ग्राम पंचायत कार्यालय के 15 दिनों से चक्कर काट रही है, लेकिन उसे मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। बेवा ने बताया कि उसका परिवार खाद्य सुरक्षा, नरेगा, प्रधानमंत्री ग्रामीण सहायता योजना से नहीं जुड़ पाया है। मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाता तो पलनहार योजना के लिए भी आवेदन कर सकती थी इससे उसके बच्चे की पढ़ाई आदि के लिए दिक्कत नहीं होगी।

इधर ग्राम विकस अधिकारी नारायण मोबारसा ने मीडिया को बताया कि मृतक गुमानसिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र ऑफलाइन तो तैयार हो गया है, ऑनलाइन नहीं बन पाया है। इसका चार्ज सहायक सचिव जीवराजसिंह शेखावत के पास है। शेखावत के पास ओटीपी जाएगी तभी प्रमाण पत्र बन पाएगा। सहायक सचिव शेखावत से इस बारे में बात करने के लिए फोन किया पर उसने फोन नहीं उठाया। जबकि ईमित्र केंद्र पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनकर तैयार पड़ा हुआ है।