वृद्ध महिला की बीड़ में हत्या के मामले में अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक व राजसमंद डीएसपी बेनीप्रसाद के साथ दो थानों की पुलिस 4 दिन तक गांव में डटी रही, तब तक परत दर परत मर्डर मिस्ट्री का खुलासा हुआ। 11 जून को दोवड़ निवासी मोहनबाई (70) की हत्या का राजफाश करते हुए राजनगर पुलिस ने दसवें दिन शातिर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। त्वरित जांच कर मर्डर के हत्यारों को सलाखों में बंद करने पर राजनगर थाना प्रभारी प्रवीण टांक के साथ पूरी टीम को एसपी सुधीर चौधरी द्वारा अवार्ड दिया जाएगा।
जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि 11 जून को वृद्धा मोहनबाई की हत्या दोवड़ निवासी किशनसिंह पुत्र सोहनसिंह और केशरसिंह पुत्र उदयसिंह राजपूत द्वारा की गई। वारदात के बाद पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना किया, तो प्रथम दृष्टया लूट की नीयत से हत्या करना सामने आया। पुलिस जांच में पता चला कि वृद्धा ने कई लोगों को उदरत पैसा दे रखा है, जिसकी डायरी उसके घर पर मिली। पुलिस ने उस डायरी के आधार पर जिन जिन लोगों ने वृद्धा से पैसे उधार ले रखे थे, उन सभी लोगों से पूछताछ शुरू की। फिर चोरी, लूट के मामले में क्षेत्र में सक्रिय अन्य बदमाशों से भी पुलिस द्वारा पूछताछ की गई। इसके तहत एएसपी राजेश गुप्ता, डीएसपी बेनी प्रसाद मीणा, राजनगर थाना प्रभारी प्रवीण टांक, कुंवारिया थाना प्रभारी पेशावर खान भी दोवड़ गांव में ही डटे रहे। गांव में कई लोगों से अलग अलग वार्ता कर जानकारी ली, तो कई महत्त्वपूर्ण सुराग मिले। इसी बीच पुलिस की जांच में पोल खुलने के डर से एक आरोपी किशनसिंह अपना मोबाइल व चप्पल कुएं के बाहर छोडक़र जंगल में फरार हो गया। इससे पुलिस का शक और गहरा गया। पुलिस ने कुएं से पानी खाली करवाया, तो उसमें कुछ नहीं मिला। फिर पुलिस दल ने गांव में गहन तलाश करते हुए जंगल से आरोपियों को दबोच लिया।
पैर काटते वक्त खून आने से घबरा गए
घटना के वक्त बीड़ में किशनसिंह गया, जहां वृद्धा मोहनीबाई को आवाज लगाकर बुलाया और लिम्बा का मथारा पर बकरियों के टहनी डालने का झांसा दिया। इस पर महिला बकरियों को लेकर लिम्बा का मथारा नामक बीड़ में चली गई, जहां मौका पाकर गला दबाकर महिला की हत्या कर दी। हत्या के समय केशरसिंह घटना स्थल के पास जंगल में खड़ा होकर आने जाने वाले लोगों पर नजर रख रहा था। हत्या के बाद किशनसिंह ने जेवर लूटे और पैर से कड़े निकालने के लिए पैर काटने लगा, मगर पैर से काफी खून निकलने से वह घबरा गया था।
डॉग स्क्वॉयड देख भाग गए आरोपी
महिला की हत्या के बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और बाद में जांच के लिए डॉग स्क्वायड पहुंचने पर आरोपी घबरा गए, जो गांव की तरफ चले गए थे। इससे भी वे दोनों आरोपी कुछ लोगों की नजर में आ गए कि आखिर वे यहां से क्यों गए।
बेरोजगारी से बनाया हत्या का प्लान
लॉकडाउन में घर लौटने के बाद महिला द्वारा किशनसिंह से उधार दिए पैसे मांगने और बेरोजगारी के चलते किशनसिंह ने हत्या का प्लान बनाया। इसमें केशर सिंह को भी शामिल कर दिया। फिर दोनों ने हत्या कर दी। हत्या के बाद पुलिस की जांच जब तेज हुई, तो आरोपी जंगल में भाग गए। फिर पुलिस ने जंगल में घेराबंदी कर पकड़ लिया।
यह थी पुलिस इन्वेंस्टीगेशन टीम
राजसमंद डीएसपी बेनीप्रसाद मीणा, राजनगर थाना प्रभारी प्रवीण टांक, कुंवारिया थाना प्रभारी पेशावर खान, हैड कांस्टेबल सुरेशकुमार, कमलेंद्रसिंह, हरिसिंह, निर्मल कुमार, कांस्टेबल थानाराम, महेंद्रसिंह, गणपतलाल, पप्पाराम, निर्मला, दिनेशचंद्र, राजेशकुमार, वीरेंद्रकुमार, हमेरसिंह, डीएसटी प्रभारी मुंशी मोहम्मद, साइबर सेल एएसआई पवनसिंह, इंद्रलाल, शिवदर्शनसिंह, मदनसिंह शामिल थे। पूरी टीम को लीड एसपी चौधरी ने किया।