Sambodhi Upvan Trust : संबोधि उपवन ट्रस्ट बोर्ड राजसमंद के नवगठित संचालक मंडल एवं प्रबंध समिति पदाधिकारियों व सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह 2 जून प्रातः 10.30 बजे संबोधि उपवन परिसर, धानीन में आयोजित होगा। संस्था मीडिया प्रवक्ता राजकुमार दक ने बताया कि ट्रस्ट के नवनिर्वाचित अध्यक्ष न्यायविद् डॉ. बसंती लाल बाबेल के सानिध्य में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रविंद्र कुमार करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में अधिवक्ता विजयश्री उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर दोपहर 3 बजे संचालक मंडल एवं प्रबंध समिति की बैठक होगी।
Jain Samaj : सम्बोधि उपवन ट्रस्ट कार्यकारिणी घोषित
Jain Samaj : वर्ष 2024-25 के लिए सम्बोधि उपवन ट्रस्ट मण्डल धानीन की कार्यकारिणी की घोषणा हुई। इसके तहत अध्यक्ष डॉ. बसन्तीलाल बाबेल, उपाध्यक्ष पद पर धर्मचंद खाब्या, कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तलेसरा, महासचिव भरत कुमावत, सह सचिव एवं भवन संधारण प्रभारी विनय कुमार कोठारी, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार सोनी, सह कोषाध्यक्ष हिम्मत कोठारी को मनोनीत किया। योग-साधना प्रभारी भंवरलाल पगारिया, प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी राजकुमार दक, भोजनशाला प्रभारी घनश्याम तलेसरा, गौशाला प्रभारी राजेश भंडारी, संघ सेवा प्रभारी अशोक गांधी तथा वित्त प्रभारी गणेशलाल कच्छारा को नियुक्त किया। संरक्षक मंडल में विमल कुमार बोथरा को मुख्य संरक्षक बनाया गया, जबकि मोहिनी देवी वेद, शांतिलाल सोलंकी, बाबूलाल कोठारी, मन्नालाल वर्मा, मुकेश कच्छारा को सदस्य बनाया गया। वरिष्ठ परामर्श मंडल में भंवरलाल कर्णावट, रमेश कुमार धाकड़, कुंदनमल बोहरा, गणपतलाल दुग्गड़, आशा पालीवाल, परामर्श क मंडल में विजय कुमार बोथरा मुख्य परामर्शक, चतुर कोठारी, दशरथ भाई पटेल मेहसाणा, अशोक कुमार डूंगरवाल, मोडीलाल बापना, योगेश जैन को शामिल किया गया। कार्यकारिणी सदस्य के रूप जगदीश पटेल मेहसाणा, राजेन्द्र कुमार सेठिया, अचल कुमार धर्मावत, नितीन कुमार पामेचा, पिन्टुकुमार हिरण, कुशलेश सहलोत, जगजीवन चोरडिय़ा को मनोनीत किया गया।
शांति और सुकून देने वाला है यह स्थल
जैन समाज द्वारा राजसमंद जिले में हाइवे आठ किनारे धानीन गांव शांति व सुकून देने वाला एक धर्म स्थल विकसित किया है, जहां जैन मुनिजन साधना करते हैं। यहां पर पहले मुनि शुभकरण लंबे समय तक रहकर साधना की और आमजन में ज्ञान का प्रकाश फैलाया। जैन समाज द्वारा संबोधि उपवन ट्रस्ट का गठन किया, जिसके जरिए इस स्थल को धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। एकांतवास के लिए काफी बेहतरीन स्थल है, जहां शांति व सुकून का अहसास होता है। जैन मुनिजनों के आवास, भोजन व साधना तक की सारी सुविधाएं उपलब्ध है। साथ ही जैन मुनिजन के दर्शन व प्रवचन के लिए पांडाल है, तो श्रद्धालुओं के लिए भी कई सुविधाएं है।