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Leopard Rescue : देलवाड़ा के गोड़वा गांव में 29 मई की रात को तेंदुआ घर के आंगन में मां के साथ सो रहे दो साल के बच्चे को उठाकर ले गया था। इस घटना के बाद गुरुवार को वन विभाग की टीम ने तेंदुए के संभावित ठिकानों पर तीन पिंजरे रखवाए और 6 ट्रेप कैमरे लगाए थे। शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तेंदुआ शिकार की फिराक में आया और माकड़ा से गोड़वा के बीच लगाए पिंजरे में कैद हो गया।

Panther Attack : सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। तेंदुआ वृद्ध दिखाई दे रहा था। तेंदुए को ट्रंकुलाइज करके दूसरे पिंजरे में शिफ्ट किया गया। बच्चों को उठाकर ले जाने के बाद वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के बताए अनुसार तेंदुए के संभावित ठिकानों और जहां तेंदुआ पानी पीने के लिए आता है, वहां पर पिंजरे रखे गए थे। वहीं दो शूटर को भी रात भर लगाया गया। एक शूटर बच्चे घर की छत और दूसरा शूटर तलाई के पास पानी वाले प्वाइंट पर तैनात किया गया। एक पिंजरा गोड़वा के तलाई के पास लगाया गया। दूसरा पिंजरा माकड़ा से गोड़वा गांव के बीच लगाया गया। तीसरा पिंजरा बस्ती के पास ही लगाया गया। इसके साथ ही जिस मार्ग से तेंदुआ आया था, इस मार्ग पर 6 ट्रैप कैमरे लगाए गए थे। ऐसे में तेंदुआ माकड़ा से गोड़वा के बीच लगे पिंजरे में कैद हुआ।

Leopard Attack : वृद्ध था तेन्दुआ

Leopard Attack : तेंदुआ 12 साल का नर वृद्ध, दांत टूटे, नाखून भी घीसे हुए, इसलिए आसान शिकार ढूंढा डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि पिंजरे में आया तेंदुआ 12 साल का नर वृद्ध तेंदुआ आया है। जिसके पंजे के नाखून की घीसे हुए थे। जबड़े के नीचे के दांत भी टूटे हुए थे। ऐसे तेंदुए शिकार करने में असमर्थ होते हैं। वृद्धावस्था में छोटे जानवरों का शिकार करना या घर आंगन से छोटे बच्चों को उठाकर लेकर जाना इस प्रकार से शिकार करते हैं। डीएफओ ने बताया कि जो तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ है, वह फिजिकल तौर पर बीमार लग रहा है। संभवतया यह वही तेंदुआ है, जो बच्चे को उठाकर ले गया। बीमार व वृद्ध होने से तेंदुए को उदयपुर भेजा गया। इधर ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में और भी कई तेंदुए हैं, जो अक्सर दिखाई देते हैं। ऐसे में वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को तीन पिंजरे व ट्रेप कैमरे व दो शूटर तैनात किए । Panther Locked in Cage

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Rajsamand news : 13 साल में तेंदुओं ने 13 इंसानों का किया शिकार, भालू के हमले में दो की मौत

राजसमंद में वन्यजीवों द्वारा इंसानों का शिकार करने का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वन्यजीवों ने कई बार आबादी क्षेत्र में आकर रात में घर के आंगन से बच्चों को उठाकर ले गए। पिछले 15 सालों में वन्यजीव आबादी में क्षेत्र में काफी सक्रिय हुए हैं।

  • 23 अप्रैल 2012 को नाथद्वारा रेंज के घोड़च के नेगा निवासी बच्ची केसी का पैंथर ने शिकार किया। इसमे मासूम केसी की मौत हो गई।
  • दो महीने बाद ही 24 जून 2012 को नाथद्वारा रेंज के नेड़च निवासी बच्चे जगदीश का शिकार किया। बच्चे जगदीश की मौत हो गई।
  • 5 अप्रैल 2014 को नाथद्वारा रेंज के घोड़च गारियों की भागल निवासी बच्चे खूबी लाल पर पैंथर ने हमला करके मार दिया।
  • 16 जून 2015 को कुंभलगढ़ रेंज के ग्राम पंचायत समीचा के नेगदरिया भील बस्ती निवासी बच्ची भूरकी को पैंथर उठा ले गया।
  • 1 सितम्बर 2015 को कुंभलगढ़ रेंज के पीपला निवासी सात वर्षीय बालक हरिसिंह को पैंथर उठा ले गया।
  • 6 जनवरी 2016 को कुंभलगढ़ रेंज के उसूर निवासी 13 साल की संगीता का पैंथर ने हमला करके शिकार कर दिया।
  • 7 अप्रैल 2016 को नाथद्वारा रेंज के सांयों का खेड़ा के मड़का निवासी 8 साल के पुष्कर गमेती को पैंथर घर के आंगन से उठा ले गया।
  • 23 जून 2016 को कुंभलगढ़ रेंज के गजपुर के लेवों का गुड़ा निवासी 11 वर्षीय बालिका गिरिजा को घर से पैंथर उठाकर ले गया।
  • 20 जनवरी 2017 को नाथद्वारा रेंज के गांवगुड़ा के सतपालियों का भीलवाड़ा निवासी 20 साल की महिला अमृता पत्नी रामलाल गमेती की पैंथर के हमले से मौत हो गई।
  • 18 जुलाई 2017 को कुंभलगढ़ रेंज के उसर के कोदकड़ा निवासी वकी बाई का पैंथर ने शिकार कर दिया।
  • 13 दिसम्बर 2017 को नाथद्वारा रेंज के भैंसा कमेड़ भील बस्ती निवासी डाली पत्नी डालू गमेती अपने पीहर जा रही थी। रास्ते में पैंथर ने शिकार कर दिया।
  • 10 जनवरी 2018 को कुंभलगढ़ रेंज के पीपला के जड़फा निवासी 22 वर्षीय महिला शायरी देवी की पैंथर के हमले से मौत हो गई।
  • 17 जून 2021 को कुंभलगढ़ रेंज के थोरियावास गढ़बोर निवासी रूप सिंह पर भालू के हमले से गंभीर घायल हो गया। जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
  • 24 अप्रैल 2022 को कुंभलगढ़ रेंज के बिल्लीया बाली जिला पाली निवासी देवाराम चौधरी की भालू के हमले से मौत हो गई।
  • 30 मई 2024 को नाथद्वारा रेंज के गोड़वा में भीमावतों की भागल सरे खुर्द निवासी नितेश को तेंदुआ घर के आंगन से उठाकर ले गया।