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Court decision : जिला पॉक्सो न्यायालय की न्यायाधीश पूर्णिमा गौड़ ने नाबालिग बालिका को बहला-फुसलाकर जबरन शादी करने के लिए ले जाने व उसके साथ बलात्कार करने के आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 30 हजार जुर्माने की सजा से दंडित किया है। विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 16 जुलाई 2020 को पीड़िता के पिता ने थानाधिकारी पुलिस थाना भीम के समक्ष उपस्थित होकर एक रिपोर्ट पेश की कि इसमें बताया कि वे परिवार सहित उदयपुर में रहते थे, परंतु कोरोना महामारी एवं लॉकडाउन के कारण परिवार सहित पैतृक गांव में 23 मार्च 2020 को आ गए। तब से परिवार सहित गांव में ही रह रहे हैं एवं अपने परिवार के पालन पोषण के लिए वह पति-पत्नी नरेगा कार्य पर मजदूरी कर रहे हैं।

Rajsamand news : रोजाना की तरह 15 जुलाई 2020 को सुबह 6 बजे वे पति -पत्नी अपने घर से 2 किलोमीटर दूर नरेगा कार्य पर गए। घर पर उनकी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री को छोड़कर गए एवं उसको घरेलू कार्य करने एवं इसके बाद अपने छोटे भाई के घर जाने की हिदायत देकर गए। उनकी पुत्री रोजाना घर का काम का निपटाकर उसके छोटे भाई के घर चली जाती है तथा उनके आने पर के बाद उसे बुला लेते हैं। उस दिन मजदूरी से छुट्टी होने पर दोपहर 1:45 बजे घर आए तो बच्चों घर पर नहीं मिली। इस पर उसके भाई के घर आवाज लगाई तो वहां से बताया कि वह तो आज जल्दी ही पानी भरने का कहकर चली गई तथा यहां पर वापस नहीं आई। इस पर उन्होंने आसपास व रिश्तेदारी में तलाश की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला इत्यादि। रिपोर्ट पर पुलिस थाना भीम द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर तत्कालीन थानाधिकारी पुलिस थाना भीम गजेंद्रसिंह द्वारा आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर जिला पॉक्सो न्यायालय में आरोपी बादल सिंह व मनीष के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया।

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Accused of rape : पीड़िता ने न्यायालय में रखे बयान

Accused of rape : न्यायालय में राज्य सरकार व पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 19 गवाह तथा 34 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए। न्यायालय में विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य द्वारा एफएसएल, डीएनए रिपोर्ट को पेश की गई। इसके निष्कर्ष के अनुसार अभियुक्त के ब्लड सैंपल से ऑब्टेन मेल डीएनए प्रोफाइल का मिलान पीड़िता के कपड़ों से लिए गए जो डीएनए प्रोफाइल से होना पाया गया। न्यायालय में पीड़िता ने कथन किया कि घटना वाले दिन अभियुक्त गण उसे बहला फुसलाकर उसके गांव से गाड़ी में बिठाकर बादलसिंह के घर लेकर गए। बादल और मनीष पीड़िता को कोर्ट में स्टांप वाले के यहां लेकर गए किंतु पीड़िता के नाबालिग होने से पीड़िता के नाम पर स्टाम्प नहीं दिया। इस पर आरोपी के नाम से स्टाम्प खरीदा और पीड़िता को बिना पढ़ाए उसके हस्ताक्षर करवाए। बादलसिंह उसे उसकी बहन के घर लेकर गया, जहां उसने पीड़िता को दो दिन तक रखा और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी बादलसिंह पुत्र लालसिंह निवासी कृष्णा कॉलोनी, सेक्टर 9, पुलिस थाना सविना जिला उदयपुर को दोषसिद्ध घोषित किया तथा सह अभियुक्त मनीष को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त घोषित किया गया।

Rajsamand Police : इन धाराओं में दी सजा

Rajsamand Police : पॉक्सो न्यायालय द्वारा अभियुक्त बादलसिंह को धारा 363 भारतीय दंड संहिता में 7 वर्ष का कठोर कारावास तथा 5 हजार जुर्माना। धारा 366 भारतीय दंड संहिता में 7 वर्ष का कठोर कारावास तथा 5 हजार जुर्माना । धारा 376 (3) भादंस के अंतर्गत दोषी मानते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 20 हजार जुर्माने की सजा से दंडित किया गया।