राजसमंद। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा खरीफ फसलों पर कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम हुआ। इसमें महिला किसानों को खरीफ फसलों की उत्पादन तकनिकी के बारे में बताया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. पीसी रेगर ने बताया कि केंद्र द्वारा गोद लिए गए डिंगेला गांव की 25 किसान महिलाओं ने संवाद में भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रसार शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. एसएल मुंदडा (महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, उदयपुर) ने जनजाति किसान महिलाओं को खरीफ फसलों की उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. मुंदड़ा ने सभी किसान महिलाओं से कहा कि वैज्ञानिक पद्धति से खेती कर किसान महिलाएं कम जमीन पर अधिक मुनाफा कमा सकती है तथा अपनी आजीविका में सुधार कर सकती है।
केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ. मनीराम ने बीज उपचार राईजोबियम एवं पीएसबी कल्चर द्वारा कैसे किया जाए तथा बीज उपचार की महत्वता बताई। कार्यक्रम के दौरान जनजाति उपयोजना के तहत डिंगेला गांव की 25 जनजाति परिवारों को उड़द की उन्नत किस्म, प्रताप उड़द का बीज उपलब्ध करवाया तथा बीज भंडारण के लिए 25 उन्नत कोठीया भी उपलब्ध करवाई गई। कार्यक्रम के दौरान कोविड़-19 के विशेष सुरक्षा उपायों का ध्यान रखा गया।