दिलीप वैष्णव @ रेलमगरा

पैंथर का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं और उसे बिना किसी संसाधन के पकडऩे की तो सोच भी नहीं सकते। मगर राजसमंद जिले में रेलमगरा थाना क्षेत्र के सकरावास व मऊ गांव की सरहद पर वन विभाग के उडऩदस्ता दल के साथ युवाओं ने बिना ठोस सुरक्षा प्रबंध के पैंथर को पकड़ लिया। इसी जगह से वन विभाग ने दो दिन पहले 9 घंटे के प्रयास के बाद रेस्क्यू कर पकड़ा, जबकि बुधवार को वन विभाग के उडऩदस्ते के आधा दर्जन सदस्यों के साथ पचास से ज्यादा ग्रामीणों ने लाठियों के सहारे घेराबंदी कर पैंथर को दबोच लिया।

जानकारी के अनुसार मऊ व सकरावास गांव की सरहद पर बुधवार दोपहर में पैंथर के विचरण करते दिखाई दिया। इसकी सूचना पर वन विभाग उडऩदस्ता रेस्क्यू दल प्रभारी सुरेन्द्रसिंह शक्तावत के साथ उगमचंद बैरवा, ईश्वरलाल रेगर, सुरेशचंद्र खटीक, लच्छीराम पूर्बिया मौके पर पहुंच गए। पैंथर को पकडऩे के लिए सकरावास व मऊ गांव के बड़ी तादाद में युवा पहले से एकत्रित हो गए और जैसे ही वन विभाग का रेस्क्यू दल पहुंचा, तो शाम 5 बजे गांव के युवा भी लाठियों के साथ खेतों में पैंथर की तलाश में निकल पड़े। रेस्क्यू दल के साथ ग्रामीण युवा खेतों में उतरे, तो पैंथर दिखाई दिया, जो इधर उधर भागते हुए ग्रामीणों व रेस्क्यू दल पर भी हमले का प्रयास किया। इस बीच युवा लाठियां लेकर पहुंचे और घेराबंदी करते हुए पैंथर पकड़ लिया। फिर वन विभाग के रेस्क्यू दल सदस्य जाल लेकर पहुंचे और पैंथर को जाल के जरिये पिंजरे में कैद कर दिया। इस तरह करीब ढाई घंटे के प्रयास में पैंथर को पकड़ लिया और वन दल उसे राजसमंद ले गए, जहां पशु चिकित्सकों से उसकी सेहत की जांच करवाई गई। फिर उसे उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

पैंथर देखने उमड़े लोग, पुलिस तैनात
पैंथर को पकडऩे की कार्रवाई देखने के लिए मऊ, गोगाथला, मदारा सहित आस पास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए। ऐसे में कानून एवं शांति व्यवस्था को लेकर रेलमगरा थाने के एएसआई लक्ष्मणसिंह, हैड कांस्टेबल रघुवीरसिंह, कांस्टेबल लक्ष्मीलाल भी मौके पर पहुंच गए।

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