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Big Fraud Story : इस कहानी में प्रेम भी है, प्यार भी है, रिश्ते भी है और रिश्तों का गला घोटती साजिश भी है, धोखा भी है, तो ठगी का मायाजाल भी है। यह कहानी एक ऐसी शातिर महिला की है, जो अपने आपको प्रधानमंत्री कार्यालय की राष्ट्रीय सलाहकार बताती थी। अपना रुतबा दिखाकर उसने पति गणेश गायकवाड़ के साथ मिल कर लोगों से करोडों रुपए ठग लिए। वह प्रधानमंत्री व अमित शाह से सीधे संपर्क का दावा करके टेंडर, नौकरी लगवाने सहित कई तरह से लूट खसोट की। पीड़ितों ने कई बार पुलिस थाने में रिपोर्ट भी दी, मगर महिला की प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच होने का मानते हुए कभी गंभीरता से नहीं लिया और जांच ही नहीं की। फिर पीड़ित जब हाईकोर्ट में पहुंचा और हाईकोर्ट का नोटिस आया, तब महाराष्ट्र के सतारा पुलिस ने गंभीरता से जांच की, तो वह महिला शातिर ठग निकली। शातिर ठग महिला व उसके पति के पुलिस ने जो खुलासे किए, उसे देख व सुनकर हर कोई हैरान रह गया।

Crime Real Story : रियल कहानी की शुरुआत होती है महाराष्ट्र सतारा पुलिस से। कोर्ट का नोटिस जारी होने के बाद सक्रिय हुई सतारा पुलिस ने कश्मीरा और उसके पति गणेश के खिलाफ आई शिकायत की जांच शुरू की। 82 लाख रुपए की ठगी करने की 3 शिकायतें मिलने के बाद 19 जून 2024 को रात करीब 11 बजे सतारा पुलिस कश्मीरा संदीप पवार और उसके पति 32 वर्षीय गणेश गायकवाड़ के घर पहुंच गई। कश्मीरा के बारे में आस पास रहने वाले लोग जानते थे कि वो पीएमओ में अधिकारी है, जहां वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे बात करती है, वहीं गृहमंत्री अमित शाह के इतने करीब है कि वह उन्हें अंकल कहती है। पुलिस जब उसके घर पहुंची तो जो बात पता चली, उससे सभी हैरान रह गए। बात ही कुछ ऐसी थी। पता चला कि कश्मीरा पीएमओ में कोई अफसर नहीं, बल्कि एक जालसाज है। अब तक वह अपने पति के साथ मिलकर कई लोगों से लाखों रुपए की ठगी कर चुकी है। प्रधानमंत्री के नाम पर ठगी कोई नई बात नहीं है। पिछले साल भी किरण पटेल नाम के ठग ने अपने आपको आईएएस अफसर बताते हुए पीएमओ से जुड़ा होने की बात कही और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर उन पर खूब रौब जमाया था, लेकिन आखिर में उसकी दबंगई धरी की धरी रह गई। वह पुलिस द्वारा धरा गया और उसे जेल की हवा खानी पड़ी। वहीं संजय शेरपुरिया नाम के एक शातिर ठग ने लोगों से पीएमओ से जुड़ा होने की बात कह कर कारोबारियों, बैंकों व अन्य से करोड़ों रुपए की ठगी की, मगर उसे भी जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा था। 11 दिसंबर 2017 को महाराष्ट्र के एक मराठी अखबार में एक खबर छपी थी, जिसमें महाराष्ट्र के सतारा निवासी युवा महिला कश्मीरा संदीप पवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपना राष्ट्रीय सलाहकार मनोनीत किया है। कश्मीरा संदीप पवार अब सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके उनके साथ सलाह मशविरा कर सकती हैं।

Real Fraud Story : न्यूज चैनल में चली खबर

Real Fraud Story : अखबार के बाद मराठी चैनल पर भी इसी तरह ब्रेकिंग न्यूज चली थी, जिसमें बताया था कि कश्मीरा संदीप पवार अब सीधे अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगी। चैनल के एक रिपोर्टर ने कश्मीरा का इंटरव्यू भी लिया। अपने साक्षात्कार में कश्मीरा ने बताया था कि पीएमओ में नियुक्ति के बाद मैंने सतारा के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व पीएमओ के शीर्ष अधिकारियों से भी संवाद किया। कश्मीरा ने बताया कि मैं पीएमओ से जुड़कर ग्रामीण विकास विभाग में काम करूंगी। इंटरव्यू में कश्मीरा ने यह भी बताया कि उसने केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत एक प्रतियोगिता जीती है। इसके लिए राष्ट्रपति के हाथों अवार्ड दिया गया। उसके बनाए स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट पर उत्तरप्रदेश के तीन गांव में विकास हुआ है।

साथ ही बताया कि पीएमओ से जुड़कर वह अब अलग अलग फील्ड की योजनाओं के बारे में केंद्र सरकार को सलाह देगी। कश्मीरा ने दावा किया था कि एमपीएससी की परीक्षा देकर उसे डिप्टी कलक्टर पद पर नियुक्ति मिली थी। बाद में उसे प्रधानमंत्री कार्यालय से अटैच किया गया। कश्मीरा से पहला इंटरव्यू पत्रकार विनय कदम (परिवर्तित नाम) ने लिया था। होटल व्यवसायी फिलिप भंबल ने दिसंबर 2022 में सतारा पुलिस में कश्मीरा व गणेश के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।बताया था कि कश्मीरा व गणेश पूरे महाराष्ट्र में लोगों को पीएमओ में नियुक्ति के दस्तावेज तथा यूपी, त्रिपुरा, नागालैंड व लोकसभा सचिवालय के टेंडर दिखा धोखाधड़ी कर रही है। शिकायत के साथ दस्तावेजों की प्रति भी संलग्न की थी। फिर जांच के लिए सतारा सिटी पुलिस स्टेशन में 4 जनवरी 2023 को धारा 170 के तहत लोक सेवक के रूप में प्रतिरूपण करने के लिए दस्तावेजों का उपयोग करना के आरोप में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दी थी। इससे पहले 9 दिसंबर 2020 को फिलिप भंबल ने सतारा में कश्मीरा व गणेश के खिलाफ धारा 380, 427, 454, 411 के अंतर्गत भी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

होटल दिया था किराए पर

व्यवसायी का आरोप था कि परिचित होने के कारण उसने कश्मीरा व गणेश को अपना होटल किराए पर दिया, लेकिन उन्होंने होटल को गैरकानूनी गतिविधियों का अड्डा बना दिया एवं वे अब खाली करने से भी इनकार कर रहे हैं। दोनों पति व पत्नी द्वारा ठगी की जा रही है, जिसकी उसके द्वारा विस्तार से जांच की गई, तभी उसके द्वारा पुलिस में रिपोर्ट दी गई है। साथ ही इसको लेकर उसे जिला कलक्टर, सतारा पुलिस से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक में शिकायतें दर्ज करवाई थी। तारा सिटी थाने के निरीक्षक आरबी मस्के ने बताया कि 3 लोगों की शिकायतें दर्ज हुई, जिसमें 82 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप है। इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराएं जोड़ते हुए प्रकरण की जांच शुरू की गई। साथ ही दोनों पति व पत्नी के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय से भी जानकारी ली गई। आरोपियों के बैंक खातों की जांच भी शुरू की गई और 17 जून 2024 को पुणे के एक व्यवसायी गोरख मराल ने कश्मीरा व उसके पति गणेश के विरुद्ध पुणे शहर के बंड गार्डन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज दी थी। मराल ने दोनों पर सरकारी टेंडर दिलाने के बदले 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया।

Crime Ki Kahani : पत्र पर थे प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर

Crime Ki Kahani : मराल ने पुलिस को बताया कि आरोपियों ने दिसंबर 2019 व मार्च 2022 के बीच 50 लाख रुपए के बदले वाट्सएप पर उसके साथ टेंडर दस्तावेज भेजे थे। व्यवसायी से कश्मीरा व गणेश कई बार काउंसिल हॉल एवं पुणे में कई जगह पर मिले थे। साथ ही गणेश ने कश्मीरा की तारीफ में छपी ऑनलाइन रिपोर्ट दिखाकर कई दस्तावेज भी साझा करते हुए विश्वास जीतने का प्रयास किया। बताया कि 20 नवंबर 2019 को वाट्सएप पर एक पत्र साझा किया कि जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर थे। उस पत्र में कश्मीरा की प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सलाहकार और भारत के काउंसलर के रूप में नियुक्ति का उल्लेख था। कश्मीरा के पति गणेश ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, विदेशी खुफिया एजेंसी के साथ संबंध होने का दावा किया था। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक हथियार लाइसेंस भी दिखाया था। सतारा पुलिस ने उन दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है जो आरोपी ने व्यवसायी के साथ साझा किए थे। दोनों पति पत्नी बडे ही शातिर थे, जो सरकार के वीआईपी अफसर बताते थे। पीएमओ व राष्ट्रपति भवन के फर्जी पत्र लोगों को भेजते थे। सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर मोटी रकम लेते थे। फर्जी टेंडर दस्तावेज भेजकर लोगों को फंसाते थे। ये अलग अलग राज्य के टेंडर होते थे। प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से बात करने का नाटक करते थे। मीडिया जगत के अखबार व चैनलों ने भी न्यूज के जरिए उनके झूठे दावों को सही साबित करने में मदद की। दोनों के फर्जीवाडे के बारे में गोरख मराल ने पुलिस को बताया था, लेकिन लिखित शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने कोई ठोस एक्शन नहीं लिया। 9 सितंबर 2020 को गोरख मराल ने प्रकरण दर्ज करवाया गया था। पुलिस ने कश्मीरा को सही बताते हुए उल्टा गोरख मराल व फिलिप भंबल के खिलाफ जबरन वसूली का प्रकरण दर्ज किया था। गोरख मराल परेशान हो गया। उसे न्याय नहीं मिल रहा था। इस पर वह वर्ष 2023 में हाईकोर्ट गया। हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री, कलक्टर और सतारा पुलिस को नोटिस जारी किया। कोर्ट के आदेश पर सतारा पुलिस हरकत में आ गई और कश्मीरा संदीप पवार व उसके पति गणेश गायकवाड़ की तलाश शुरू की। फिर पुलिस ने दोनों को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। 20 जून 2024 को दोनों को सतारा पुलिस ने न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें 2 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। दोनों से पूछताछ के बाद पता चला कि फिलिप भंबले और गणेश गायकवाड़ एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। इसके चलते दोनों में गहरी दोस्ती थी। गणेश को शराब की लत थी। वर्ष 2017 में फिलिप ने उसे रिहैबिलिटेशन सेंटर में भर्ती करवाया था। इसके बाद गणेश ने फिलिप को कश्मीरा से मिलवाया था। गणेश ने कहा था कि कश्मीरा पीएमओ में अधिकारी है। गणेश ने 6 मई 2018 को सोशल मीडिया पर एक फोटो पोस्ट की थी, जिसमें बताया था कि यह फोटो कश्मीरा की ज्वाइनिंग वाले दिन की है।

तीनों अक्सर मिलते जुलते रहते थे। कश्मीरा और गणेश का फिलिप के होटल में आना जाना भी रहता था। गणेश और कश्मीरा के बीच नजदीकियां बढ़ीं और साल 2020 में फिलिप ने दोनों की शादी महाबलेश्वर के एक मंदिर में करवा दी। चूंकि फिलिप कश्मीरा को बहन मानने लगा था। इसके चलते उसने कश्मीरा का कन्यादान भी किया था। मजे की बात यह है कि पकड़े जाने पर कश्मीरा गणेश को अपना केवल दोस्त ही बताती थी, जबकि फिलिप के पास उनकी शादी के फोटो भी हैं। एक दिन कश्मीरा और गणेश ने फिलिप से कहा कि वह अपना होटल उन्हें लीज पर दे दे। इस पर फिलिप ने दोनों को अपना होटल दे दिया। क्योंकि वह कश्मीरा को अपने परिवार के मेंबर की तरह ही मानता था।

होटल को गणेश और कश्मीरा ने कुछ ही दिनों में अपराधियों का अड्डा बना दिया, जहां होटल में पहले रोजाना की आमदनी 70 हजार रुपए होती थी, वहीं वह घट कर मात्र 5 हजार रुपए रह गई। यह देखकर फिलिप ने उनसे होटल वापस मांगा तो होटल से कब्जा छोडऩे को मना कर दिया। इतना ही नहीं, विवाद बढऩे पर उन दोनों ने मिलकर फिलिप के साथ मारपीट की। इसके बाद दोनों ने मिल कर होटल को हड़पने के लिए षडयंत्र रचा। गोरख मराल ने कश्मीरा और गणेश दोनों पर भरोसा किया था। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे कहावत उस समय सच साबित हुई। जब सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर मराल द्वारा दिया गया अपना पैसा वापस मांगने तथा स्थानीय होटल व्यवसायी फिलिप द्वारा अपना होटल वापस करने की कहने पर उल्टा 10 जनवरी 2023 को सतारा सिटी पुलिस स्टेशन में कश्मीरा ने जबरन वसूली का झूठा मामला दर्ज करा दिया।

Hindi Crime Story : आरोपी महिला ने दी थाने रिपोर्ट

Hindi Crime Story : कश्मीरा ने मराल और स्थानीय होटल व्यवसायी फिलिप भंबल सहित 2 अन्य पर 50 लाख रुपए की मांग करने और उनके बीच विवाद के बाद जबरन 50 हजार रुपए लेने का आरोप लगाया था। हालांकि इस रिपोर्ट में कश्मीरा ने अपनी पीएमओ में नियुक्ति का कोई जिक्र नहीं किया था। इतना जरूर कहा गया था कि उसके पास समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री है। कश्मीरा व गणेश की गिरफ्तारी के बाद एसपी (सतारा) समीर शेख ने प्रैस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि कश्मीरा और गणेश सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, जाली दस्तावेज व इलेक्ट्रास्निक रिकॉर्ड तैयार करने के आरोप मं प्रकरण दर्ज करवाया गया। एसपी ने बताया कि हम क्राइम में कश्मीरा और गणेश के शामिल होने की जांच कर रहे हैं। सत्यापन के लिए पीएमओ से संपर्क किया है। आरोपियों के बैंक खातों की जांच भी की जा रही है। पीडित 49 वर्षीय गोरख मराल बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर हैं। कश्मीरा और गणेश ने सरकारी टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे 50 लाख रुपए मांगे। मराल ने बताया कि दिसंबर 2019 से मार्च 2022 के बीच नकद और ऑनलाइन रुपए दे दिए गए। इसके बाद कश्मीरा व गणेश ने वाट्सऐप पर उन्हें टेंडर डाक्यूमेंट शेयर किया। कश्मीरा का पहला इंटरव्यू पत्रकार विनय कदम ने लिया था। ये पत्रकार बताते हैं, कश्मीरा के पीएमओ का सलाहकार बनने की खबर कई अखबारों के फ्रंट पेज पर छपी थी। कश्मीरा के घर पहुंचने वाला वह पहला पत्रकार था। कश्मीरा अपने इंटरव्यू में इतनी आत्मविश्वास से भरपूर थी कि पत्रकार को लगा ही नहीं कि वह झूठ बोल रही है। विनय के अनुसार कश्मीरा ने जिन लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है, वे उसका 6 साल पुराना इंटरव्यू देखकर मुझसे संपर्क कर रहे हैं। इस हिसाब से एक अनुमान के अनुसार कश्मीरा और गणेश ने 40 से ज्यादा लोगों को शिकार बनाया है।

सतारा के वरिष्ठ पत्रकार विजय मांडके ने बताया कि कश्मीरा पवार ने सतारा के प्रसिद्ध निर्मला कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई की है। उसकी इंंग्लिश अच्छी है। उसके माता पिता चाहते थे कि वह अधिकारी बने। इसलिए ग्रेजुएशन के बाद कश्मीरा एमपीएससी की तैयारी करने लगी, लेकिन वह इस परीक्षा को पास नहीं कर सकी। कश्मीरा ने अपने माता पिता को भी स्वयं के अधिकारी बनने और प्रधानमंत्री कार्यालय में सलाहकार नियुक्त होने का फर्जी लेटर दिखाया था। इसके बाद प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया में खबरें आने के बाद सभी को कश्मीरा की बात पर पूरा भरोसा भी हो गया था। कश्मीरा की मां एक स्कूल में प्रिंसिपल हैं, जबकि पिता जल आपूर्ति विभाग में कार्यरत हैं। कश्मीरा ने गणेश गायकवाड़ से प्रेम विवाह किया था। गणेश आदतन अपराधी है। दोनों पर टेंडर दिलवाने व सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने का आरोप है। ठगी का शिकार हुए लोग और पीएमओ का नाम सुन कर पुलिस से शिकायत करने से बचते रहे। कश्मीरा और उसके पति गणेश को लग्जरी कारों का शौक है। उनके पास रेंज रोवर, बीएमडब्लू और मंहगी कारें हैं। इसके साथ ही उनके पास 27 लाख रुपए की एक बाइक भी है। फरेब का खेल खेल रहे कश्मीरा और गणेश दोनों वीआईपी की तरह घूमते थे। गणेश के पास वीवीआईपी बैज और फर्जी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट भी था। फरेब का यह खेल महाराष्ट्र के पुणे में खेला गया। लोगों के लालच की वजह से धोखेबाज व जालसाज ये बंटी और बबली 82 लाख की ठगी करने में सफल हो गए। लोगों को पहले इन के बारे में सही तथ्य जुटा लेने चाहिए थे कि जिस कार्यालय से वे जुड़ा होने का दावा करते हैं कि वास्तव में उससे जुड़े हैं या नहीं. जागरूक बनकर ही ऐसे ठगों के मंसूबों पर पानी फेरा जा सकता है।

Most Big Fraud Kahani : ये हुई बड़ी ठगी

Most Big Fraud Kahani : ठगी की दुनिया में जब भी चर्चा होती है तो अब तक सबसे पहला नाम नटवरलाल का आता था, लेकिन ये बात पुरानी हो गई। क्योंकि अब जो ठगी होती है उसमें नटवरलाल पीछे रह जाता है। पिछले साल यानी 2023 में किरण पटेल नाम का एक फंदेबाज पीएमओ का बड़ा अधिकारी बनकर दिल्ली से कश्मीर तक सैकड़ों अधिकारियों को बेवकूफ बनाकर अपना उल्लू सीधा करता रहा। जब 16 मार्च की रात को सोशल मीडिया पर उसका सच सामने आया तो दिल्ली में हड़कंप मच गया था। खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का एडिशनल डायरेक्टर बताकर किरण पटेल ने कश्मीर जाकर जेड प्लस श्रेणी की सिक्योरिटी ले ली। वीआईपी गाड़ी, सुरक्षा के लिए जैमर तथा साथ में सुरक्षा बल की 2 गाडिय़ां। बताते है कि किरण पटेल ने अक्तूबर 2022 से मार्च 2023 तक खुद को पीएमओ का फर्जी अफसर बता कर जम्मू कश्मीर में अधिकारियों के साथ गोपनीय मीटिंगें कीं। किरण पटेल गुजरात में अहमदाबाद के दसक्रोई तहसील के नाज गांव का निवासी है। एक साल पहले उसने अहमदाबाद के पॉश इलाके सिंधुभवन के पास नया बंगला खरीदा। उसके भारतीय जनता पार्टी व मीडियाकर्मियों से अच्छे संबंध थे। भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें भी अक्सर दिखाई दे जाती थीं। इन तस्वीरों का इस्तेमाल वह अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए करता था। वह अक्सर बीजेपी पार्टी कार्यालय में जब भी कोई बड़ा कार्यक्रम होता था, तो वहां पर भी दिखाई देता था। वह लग्जरी कारों का शौकीन है।

जेड प्लस सुरक्षा ली

कश्मीर पहुंचकर उसने खुद को पीएमओ का एडिशनल डायरेक्टर बता कर कुछ अधिकारियों से संपर्क किया और सुरक्षा हासिल कर ली थी। अधिकारियों को फटकारने व एक माह में 4 बार कश्मीर आने पर उस पर शक हुआ। जांच हुई तो पता चला कि वह फर्जी है। वह श्रीनगर के फाइव स्टार होटल ललित के कमरा नंबर 1107 में ठहरा था। वहीं से उसे गिरफ्तार किया गया। भारत के सबसे सुरक्षा वाले राज्य में यह ठग सभी की आंखों में धूल झोंकता रहा और जेड प्लस की सुरक्षा तक प्राप्त कर ली। गाजीपुर के शेरपुर का निवासी संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का अफसर बताता था। उसने वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं से नजदीकी का दावा कर कई लोगों को धोखा देकर उनसे मोटी रकम ठगी। पुलिस ने जालसाजी के आरोप में पिछले साल उसे गिरफ्तार किया था। लखनऊ पुलिस द्वारा की गई प्राथमिकी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी संजय शेरपुरिया के खिलाफ धनशोधन यानि मनी लांड्रिंग के तहत आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। पिछले साल 28 जुलाई को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष लखनऊ पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई थी। ईडी ने 42 स्थानों पर छापे मारे थे, इनमें प्रमुख रूप से नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम, गाजीपुर, फरीदाबाद, पुणे, गांधीधाम आदि शामिल हैं। इसके कुछ महीने बाद महाठग संजय को उत्तरप्रदेश के लखनऊ में विभूति खंड से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। संजय ने खुद को सामाजिक कायकर्ता और पीएमओ से जुड़ा हुआ बताकर झूठे वादे करते हुए चुनाव में टिकट दिलवाने, अफसरों के ट्रांसफर व पोस्टिंग कराने, कालेधन को सफेद धन में बदलने के नाम पर बिंदु फैशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नवीन कुमार मल्होत्रा से एक करोड़, मेटा डिजायन सोल्यूशन प्राइवेट मिमिटेड के निदेशक सुनील चंद गोयल से 51.50 लाख की ठगी की थी। संजय शेरपुरिया ने ईडी की कार्रवाई को मैनेज कराने के लिए कारोबारी गौरव डालमिया की कंपनी से 6 करोड़ रुपए लिए थे, जो संजय के एनजीओ के खाते में आए थे। वह बैंक को भी करोड़ों रुपए का चूना लगाने में पीछे नहीं रहा। वह ठगी भी हाईटेक तरीके से करता था। उसने दिल्ली में जहां आवास बनाया था, वहां लगे वाईफाई का नाम पीएम आवास लिख रखा था। अधिकतर लोगों को वह यही बताता था कि वह पीएमओ से संबंधित काम देखता है। यह आवास इसीलिए मिला है। संजय पर आरोप यह भी है कि वह एनजीओ में डोनेशन के नाम पर करोड़ों का घपला करता था। अलग अलग आईडी कार्ड देकर ठगी करता था ताकि उसकी वास्तविक पहचान उजागर न हो सके। भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ फोटो खिंचवा कर वह सोशल मीडिया पर खुद की ब्रांडिंग करता था. इससे लोग इस महाठग के मायाजाल में फंस जाते थे।

शातिर महाठग की यह कहानी बताने के पीछे हमारा उद्देश्य किसी की भावना को आहत करना नहीं, बल्कि आमजन को सतर्क व सावधान करना है, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की ठगी का शिकार न बनें। साथ ही आप किस तरह की कहानियां सुनना चाहते हैं, वह भी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं, ताकि उसी तरह की कहानियों को चैनल पर प्राथमिकता से दी जा सकें। धन्यवाद