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Tiger Reserve : राजस्थान में वन्यजीव संरक्षण को एक और बड़ी सफलता मिली है। राज्य में अब कुंभलगढ़ को छठा टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने अगस्त 2023 में इस परियोजना को मंजूरी दे दी थी। इस निर्णय के बाद, एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था जिसने हाल ही में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। इस नए टाइगर रिजर्व के लिए 5 जिलों को शामिल किया गया है और इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 1397 वर्ग किलोमीटर होगा। यह कदम राजस्थान में बाघों की संख्या बढ़ाने और उनके प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Rajsamand news today : राजस्थान के वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व को मंजूरी मिलने के साथ ही राज्य में बाघों के संरक्षण के प्रयासों को नई ऊंचाइयां मिली हैं। मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), उदयपुर एसआर वेंकटेश्वर मूर्ति ने बताया कि उदयपुर, राजसमंद, ब्यावर, पाली और सिरोही के कुछ इलाकों में इस रिजर्व के लिए काम शुरू हो चुका है।कुंभलगढ़ के नीचे स्थित सादड़ी, देसूरी और रणकपुर जैसे क्षेत्रों में घने जंगल होने के कारण यह क्षेत्र बाघों के लिए एक आदर्श आवास है। NTCA को इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट भी भेज दी गई है। मूर्ति ने बताया कि अगर इस रिजर्व को अंतिम मंजूरी मिल जाती है तो शुरुआत में NTCA के निर्देशानुसार चार बाघों को यहां लाया जाएगा। इन बाघों को करीब दो साल तक वन विभाग के निगरानी में रखा जाएगा और उसके बाद आगे की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा। टाइगर रिजर्व वाले क्षेत्र में घास के मैदानों को विकसित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ताकि चीतल और सांभर जैसे शाकाहारी जानवरों के लिए पर्याप्त भोजन और आश्रय उपलब्ध हो सके। यह परियोजना राजस्थान में जैव विविधता को बढ़ावा देने और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। Kumbhalgarh news today

Wildlife Reserve : कुंभलगढ़ में सबसे ज्यादा शाकाहारी जीव

Wildlife Reserve : कुंभलगढ़ सेंचुरी राजस्थान में शाकाहारी वन्यजीवों का एक महत्वपूर्ण आश्रय स्थल है। 2024 की वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस सेंचुरी में लगभग 15,000 से अधिक वन्यजीव मौजूद हैं, जिनमें से अधिकतर शाकाहारी हैं। कुंभलगढ़ वन क्षेत्र में अकेले 8,690 शाकाहारी जीव पाए जाते हैं। इनमें चीतल(26) , सांभर(521), नीलगाय(1390), चिंकारा(1), चौसिंगा(84), जंगली सुअर(729), लंगूर(5806), जंगली मुर्गी(1380) और मोर(2234) जैसी प्रजातियां शामिल हैं। इसके अलावा, रावली और टॉडगढ़ क्षेत्रों में भी 4,969 शाकाहारी वन्यजीवों का निवास है। इनमें सांभर(160), रोजड़ा(974), जंगली सुअर(534), लंगूर(3240) और अन्य प्रजातियां शामिल हैं।

Kumbhalgarh Tiger Reserve : कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व परियोजना के लिए चुने गए क्षेत्र

Kumbhalgarh Tiger Reserve : कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व परियोजना राजस्थान के विभिन्न जिलों के कुछ विशिष्ट क्षेत्रों को शामिल करेगी। इस परियोजना के लिए चुने गए प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं:

  • राजसमंद: कुंभलगढ़, रावली-टॉडगढ़, झीलवाड़ा, नाथद्वारा ब्लॉक का एक हिस्सा और भीम क्षेत्र इस परियोजना के दायरे में आएंगे।
  • ब्यावर: रावली-टॉडगढ़ क्षेत्र का एक छोटा हिस्सा भी इस परियोजना में शामिल किया जाएगा।
  • पाली: बिजागुड़ा, बाली का एक हिस्सा, देसूरी और सादड़ी क्षेत्र इस परियोजना के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
  • उदयपुर: सायरा और देवला क्षेत्र के कुछ हिस्से को भी इस परियोजना में शामिल किया जाएगा।
  • सिरोही: पिंडवाड़ा क्षेत्र का एक छोटा हिस्सा इस परियोजना का हिस्सा होगा।

इन सभी क्षेत्रों को मिलाकर कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व का एक व्यापक क्षेत्र बनाया जाएगा, जो वन्यजीवों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास को बनाए रखने के लिए समर्पित होगा।