Balaji Temple Anniversary : राजसमंद शहर के सौ फीट रोड पर बजरंग चौराहा स्थित बालाजी मंदिर की नवम वर्षगांठ के उपलक्ष में आयोजित तुलसी विवाह महोत्सव में मंगलवार शाम को ठाकुरजी संग तुलसी माता के शुभ मुहूर्त में विवाह की रस्म पूर्ण की गई। इसके बाद हुई भक्ति संध्या में देर रात तक ठाकुरजी के विवाह की खुशी में भक्तों ने भजनों पर भाव नृत्य कर विवाह का पूरा आनंद लिया। वहीं, महोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को बालाजी मंदिर पर शुभ मुहूर्त में नव ध्वजा चढ़ाई गई, जिसके बाद श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसादी का आयोजन भी किया गया।
Tulsi Vivah : श्री बालाजी महाराज सेवा समिति के अध्यक्ष कैलाश निष्कलंक ने बताया कि तुलसी विवाह महोत्सव के तहत मंगलवार को दोपहर बाद ठाकुरजी की बारात मालीवाड़ा के प्रभु श्री चारभुजानाथ मंदिर से पूरे लाव-लश्कर, ढोल-नगाड़ों एवं डीजे के साथ बारात रवाना हुई। राजनगर के प्रमुख मार्गो से होकर बारात सौ फीट रोड स्थित विवाह स्थल बालाजी मंदिर पर पहुंची। जहां विवाह के पूरे रस्मो-रिवाज के तहत बारात का स्वागत किया गया और ठाकुरजी से तोरण की रस्म को भी पूर्ण करवाया गया। बारात में महिलाओं के साथ ही युवा भक्त पूरे रास्ते में भजनों की धुनों पर भावों से नाचते हुए चल रहे थे। महिलाएं इस दौरान विवाह के पारंपरिक गीत गाते हुए पूरे सोलह शृंगार करके बारात में शामिल हुई। मंदिर के द्वार पर बारात स्वागत की सभी रस्में पूर्ण होने के बाद ठाकुरजी को हवन मंडप में बिराजित किया गया। यहां पर हवन में आहुतियां देते हुए गोधुली वेला में मंत्रोचार के साथ पंडित शशिकांत के सान्निध्य में पंडितों ने तुलसा माता संग ठाकुरजी के विवाह की रस्में पूर्ण की।
Hanuman Temple : हनुमान चालीसा के पाठ और हवन अनुष्ठान भी
Hanuman Temple : महोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को बालाजी मंदिर में हवन में आहुतियों के साथ पूजा-पाठ किया गया। साथ ही श्रद्धालुओं ने संगीत के साथ हनुमान चालीसा के 11 पाठ किए गए। इसके बाद पूर्णाहुति दी गई और बालाजी महाराज और प्रभु श्री राम के जयकारों के बीच तथा ढोल-नगाड़ा वादन के साथ मंदिर पर नई ध्वजा चढ़ाई गई। ध्वजा रस्म के पूर्ण होने के बाद श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसादी का दौर शुरू हुआ। इसमें सुरेश माली, मुकेश माली, दिलीपसिंह, रोशन माली, सुरेश प्रजापत सहित समिति के सभी सदस्यों एवं भक्तों ने भी सेवाएं दी। प्रसादी का दौर दोपहर से देर शाम तक चला, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
Rajsamand City : भजन संध्या में देर रात तक बरसा भक्तिरस
Rajsamand City : महोत्सव में तुलसी विवाह की रस्म के बाद मंगलवार रात करीब साढ़े नौ बजे से गायक पूरण गुर्जर की गणपति वंदना प्रस्तुति के साथ भजन संध्या की शुरुआत हुई। इसके बाद गायक गुर्जर ने म्हारो हेलो सुणो बजरंग बालाजी, भजन प्रस्तुत करते हुए हनुमानजी महाराज की स्तुति की। इसके बाद उन्होंने राम सियाराम जय-जय सियाराम भजन पेश करते हुए श्रद्धालुओं से भी संकीर्तन करवाया। पूरण ने जब बिंद बणिया रे म्हारा चारभुजा जी, भजन पेश किया तो पाण्डाल में मौजूद भक्त भावातिरेक होकर पूरे भजन के दौरान भक्ति नृत्य करते रहे, जिसमें महिला-पुरुष दोनों शामिल रहे। यहां से भक्तों के पैर जो भक्ति में उठे तो फिर थमे नहीं क्योंकि अगली कड़ी में पूरण ने सांवरिया थाने कुण सजााया जी एवं बन्नो म्हारो चारभुजा रो नाथ बन्नी तो म्हारी तुलसा लाडली, सुन ले सांवरिया मंडफिया वाला काली गाडी लाणी है, जैसे भजनों की प्रस्तुतियों से ऐसा भक्तिरस बरसाया कि श्रद्धालुओं के पैरों ने थमने का नाम नहीं लिया। इसके साथ ही गायिका त्रिशा सुथार ने फुलड़ा ले आवे मालिका मारे घर आवेला भगवान, बेठो यो सेठा को सेठ पल में दुखड़ा देवे मेट, पार्वती महलों की रानी, जैसे मधुर भजनों की प्रस्तुतियों से एक बार फिर श्रद्धालु श्रोताओं को भक्ति नृत्य करने पर मजूबर कर दिया।
Rajsamand News : भक्ति भाव से झूमते धूमधाम से निकाली बिंदोली
Rajsamand News : श्री बालाजी महाराज सेवा समिति के अध्यक्ष कैलाश निष्कलंक ने बताया कि तुलसी विवाह महोत्सव के तहत सोमवार शाम को बालाजी मंदिर से ठाकुर जी और तुलसी माता को सुसज्जित रथ में विराजित कर हाथी-घोड़े बैंड और डीजे के साथ बिंदोली रवाना हुई। इसमें प्रभु श्री द्वारकाधीश मंदिर का द्वारकेश बैंड के साथ ही तीन चार अन्य बैंड भक्ति गीतों की धुनें बिखरते चल रहे थे। इसके साथ ही तीन-चार डीजे भी शामिल थे , जिन पर भी भजन बजाए जा रहे थे। इनमें जिनी जिनी उड़े रे गुलाल सांवरिया के मंदिर में, बन्नो मारो चारभुजा रो नाथ बनी मारी तुलसा लाडली, सांवरिया थारा नाम हजार कैसे लिखूं कंकू पत्री, मारा चारभुजा रा नाथ, सांवरिया सेठ दे दे, जैसे भजनों पर झूम-झूम कर नृत्य किया। पूरे मार्ग में जगह-जगह पर श्रद्धालुओं ने बिंदोली का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया। बिंदोली में मालीवाड़ा, भोइवाड़ा आदि के साथ अन्य स्थान के चारभुजा मंदिरों के ठाकुर जी को भी रथ में विराजित कर शामिल किया गया। बिनोली बालाजी महाराज के मंदिर बजरंग चौराहा से अंबेडकर सर्किल, मानक चौक, मालीवाडा भोइवाड़ा, खटीक वाडा, गणेश चौक, सिलावटवाड़ी, सदर बाजार,शीतला माता मंदिर, दीनदयाल दयाल उपाध्याय सर्किल से होकर दानी चबूतरा, नायकवाड़ी से मालीवाडा एवं भोईवाड़ा के मंदिर में ठाकुर जी को पुनः विराजित करते हुए अंबेडकर सर्किल होकर पुनः बजरंग चौराहा स्थित बालाजी मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। कार्यक्रम में सूरजकुंड कुंभलगढ़ के महंत अवधेश चैतन्य के साथ ही अन्य संतों का भी सानिध्य मिला।
Bajrang Balaji Temple : एक किमी. तक लाइट डेकोरेशन से सजावट
Bajrang Balaji Temple : महोत्सव को लेकर मंदिर पर आकर्षक डेकोरेशन किया गया है तथा मंदिर की ओर आने वाले सभी मार्गों पर करीब 1 किलोमीटर तक लाइटिंग एवं डेकोरेशन किया गया है। कार्यक्रम में समिति के कार्यकर्ताओं के साथ ही शहर के श्रद्धालु भी पूर्ण श्रद्धा के साथ अपनी सेवा समर्पित कर रहे हैं। महोत्सव में बुधवार प्रत्यक्ष 6:00 बजे से हवन पूजन, हनुमान चालीसा पाठ और पूर्णाहुति के साथ मंदिर पर ध्वजा चढ़ाई जाएगी। दोपहर 12:15 बजे महा आरती के बाद महा प्रसादी का आयोजन होगा।