Agnniveer Bharti Fraud 1 https://jaivardhannews.com/agniveer-bharti-fraud-dummy-candidate-arrested/

Agniveer Bharti fraud : राजस्थान के जोधपुर में आयोजित अग्निवीर भर्ती रैली के दौरान एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। संभवतः यह पहली बार है जब अग्निवीर भर्ती में एक डमी कैंडिडेट पकड़ा गया है। सेना के डॉक्टर की सतर्कता के कारण इस मामले का पर्दाफाश हुआ। अब पुलिस और जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि यह फर्जीवाड़ा अकेले आरोपी का काम है या इसके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ है। जोधपुर की अग्निवीर भर्ती रैली में हुए इस फर्जीवाड़े ने सुरक्षा और ईमानदारी के महत्व को उजागर किया है। सेना और पुलिस की तत्परता से यह मामला सामने आया। डमी कैंडिडेट की गिरफ्तारी और मुख्य आरोपी की तलाश जारी है। यह घटना न केवल सेना के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। आने वाले दिनों में इस मामले की जांच के नतीजे और इसके प्रभाव पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।

Rajasthan News Today : भर्ती रैली का आयोजन और फर्जीवाड़े का खुलासा

Rajasthan News Today : जोधपुर के राजकीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय में 5 से 13 दिसंबर तक 11 जिलों के युवाओं के लिए अग्निवीर भर्ती रैली आयोजित की गई थी। भर्ती के पहले चरण में चयनित युवाओं का 20 दिसंबर को मेडिकल परीक्षण किया गया। इसी दौरान आरोपी कुलदीप आमना पुत्र भगवान सिंह पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा। कुलदीप को अपनी आंखों की कमजोरी के कारण मेडिकल टेस्ट में फेल होने का डर था। इसलिए उसने फर्जी तरीके से अपने दोस्त को टेस्ट देने भेज दिया।

Dummy candidate caught : डमी कैंडिडेट कैसे पकड़ा गया?

Dummy candidate caught : 20 दिसंबर को कुलदीप ने सुबह 8 बजे अपना बायोमेट्रिक रिकॉर्ड कराया और दोपहर 12:30 बजे मेडिकल हॉस्पिटल की आई टेस्ट ओपीडी में पहुंचा। लेकिन, जांच शुरू होने से पहले वह वॉशरूम जाने का बहाना बनाकर वहां से निकल गया। उसने अपनी जगह अपने दोस्त मुकेश चौधरी पुत्र अमेदाराम को टेस्ट के लिए अंदर भेज दिया। मुकेश जब आंखों की जांच कराने पहुंचा, तो लेफ्टिनेंट कर्नल छनी प्रीत सिंह को उसके हाथ पर लगी मुहर संदिग्ध लगी। असली मुहर की जगह मुकेश के हाथ पर पेन से बनाई गई नकली मुहर थी। इसके बाद अधिकारियों ने बायोमेट्रिक्स और रेटिना स्कैन मिलान किया, जो अलग-अलग निकले। सख्ती से पूछताछ करने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

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Scam in army recruitment : डमी कैंडिडेट गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार

Scam in army recruitment : रातानाडा पुलिस ने डमी कैंडिडेट मुकेश चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है। वह लोहावट के मतोड़ा थाना क्षेत्र के पल्ली गांव का निवासी है। पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह अभी फरार है और उसकी तलाश जारी है। रातानाडा थाने के एएसआई जेठाराम ने कहा कि सेना की रिक्रूटमेंट सेल ने 21 दिसंबर को थाने में मामला दर्ज कराया।

Agniveer Bharti Fraud Candidate : फर्जीवाड़े की वजह और जांच का दायरा

Agniveer Bharti Fraud Candidate : प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कुलदीप की आंखों में कुछ कमी थी, जिसके कारण उसे फेल होने का डर था। उसने अपने दोस्त मुकेश को टेस्ट देने के लिए भेज दिया। अब यह पता लगाया जा रहा है कि मुकेश केवल दोस्ती के कारण इसमें शामिल हुआ या इसके बदले पैसे लिए गए। यह भी जांच की जा रही है कि क्या यह किसी बड़े गिरोह का काम है।

फर्जीवाड़े का संभावित प्रभाव

यह मामला न केवल भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कुछ लोग किस हद तक जाने को तैयार हैं। अगर इसमें किसी गिरोह की संलिप्तता साबित होती है, तो यह मामला और गंभीर हो जाएगा। सेना और पुलिस इस मामले को गंभीरता से जांच रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

भर्ती प्रक्रिया में सतर्कता की जरूरत

इस घटना ने सेना की भर्ती प्रक्रिया में सतर्कता बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित किया है। जांच एजेंसियां अब यह सुनिश्चित करने के प्रयास में हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से ही ऐसे मामलों पर लगाम लगाई जा सकती है।

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