LPG Tanker Blast : जयपुर अग्निकांड मामले की अपडेट में बड़ा चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। इस हादसे में एक दिन पहले तक 14 लोगों की मौत होना बताया जा रहा था और अब प्रशासन द्वारा पांचों अज्ञात शव की डीएनए जांच करवाई, तो क्षत विक्षत शव के दो हिस्से एक ही शव के होना सामने आया। इस तरह 14 नहीं, बल्कि 13 लोगों की ही अब तक मौत हुई है। हादसे में रिटायर्ड IAS करणी सिंह राठौड़ और उत्तर प्रदेश के संजय की पहचान हो चुकी है, लेकिन अब भी दो शव ऐसे हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य उनसे संपर्क करने आया है। एफएसएल टीम ने डीएनए सैंपल लेकर जांच की, जिससे दो शवों की पहचान संभव हो सकी। इसके लिए आगे की डीएनए जांच और उनके परिवार से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, प्रशासन इस हादसे में 14 लोगों की मौत में 5 अज्ञात शव होने का बात कही थी। वहीं, 31 गंभीर घायल होने का आंकड़ा पेश किया था। लेकिन जब पांच शवों की पहचान सैंपल डीएनए जांच के लिए भेजे गए तो पता चला कि यह चार लोगों के ही शव हैं। एक आदमी के धड़ और ऊपर वाला हिस्सा अलग हो गया था। वह दो बन गए थे।
Rajasthan News today : SMS अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने हादसे के बाद अस्पताल में व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ICU में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि डॉक्टरों और परिजनों से मिलकर ही मरीजों की स्थिति को समझा जा सकता है। वार्डों में अनावश्यक भीड़ से बचने की सलाह दी गई है। इस घटना के बाद, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और पांच अन्य जांच टीमें हादसे की तह तक जाने के लिए काम कर रही हैं। टीमें घटनास्थल का मुआयना कर रही हैं और इस बात की जांच कर रही हैं कि ऐसा हादसा दोबारा न हो। कट और रोड डिजाइन को लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
Big Accident Jaipur : घायलों की स्थिति
Big Accident Jaipur : हादसे में झुलसे 27 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 7 वेंटिलेटर पर हैं। 25 मरीज 75 प्रतिशत तक जल चुके हैं, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।
Tanker Blast Accident Update : कैसे हुआ हादसा?
Tanker Blast Accident Update : 20 दिसंबर की सुबह, भारत पेट्रोलियम का एलपीजी टैंकर अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा था। सुबह करीब 5:44 बजे, जब यह दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने (भांकरोटा) यू-टर्न ले रहा था, तभी जयपुर से अजमेर जा रहे एक ट्रक से इसकी टक्कर हो गई।.
How many died in Jaipur accident? : धमाका और आग का कहर
How many died in Jaipur accident? : गेल इंडिया लिमिटेड के फायर एंड सेफ्टी DGM सुशांत कुमार सिंह ने बताया कि टक्कर के कारण टैंकर के पांच नोजल टूट गए, जिससे 18 टन (180 क्विंटल) गैस लीक हो गई। यह गैस इतनी तेजी से फैली कि जोरदार धमाका हुआ और पूरे इलाके में आग फैल गई। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि धमाके की चपेट में आने वाले लोग बच नहीं सके।
Jaipur Accident New Update : गनीमत: दूसरा टैंकर सुरक्षित
Jaipur Accident New Update : घटनास्थल से महज 200 मीटर की दूरी पर एक और एलपीजी टैंकर खड़ा था। गनीमत रही कि इस टैंकर ने आग नहीं पकड़ी, वरना नुकसान और भी बड़ा हो सकता था। यह हादसा दिखाता है कि गैस और अन्य ज्वलनशील पदार्थों की परिवहन प्रक्रिया में जरा सी चूक कितनी बड़ी त्रासदी ला सकती है। सड़क सुरक्षा, सही ढंग से टर्न लेने के नियम और ट्रांसपोर्ट कंपनियों की सतर्कता बेहद जरूरी है।
पीड़ित परिवारों का दर्द
इस घटना में कई परिवार अपने प्रियजनों को खो चुके हैं। रिटायर्ड IAS करणी सिंह राठौड़ के परिवार पर यह हादसा वज्रपात बनकर गिरा। वहीं, अन्य पीड़ित परिवारों की स्थिति भी बेहद दयनीय है। अब तक जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई है, उनके परिवारों की तलाश जारी है। NHAI और अन्य संबंधित एजेंसियां यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों। कट के डिजाइन, सड़क पर सुरक्षा मानकों और टैंकर परिवहन प्रक्रियाओं में सुधार की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।
जयपुर की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है।
यह हादसा न केवल पीड़ित परिवारों के लिए बल्कि समाज और प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जाए। जिन लोगों ने अपनों को खो दिया, उनके लिए यह दर्द भुला पाना शायद कभी संभव न हो। लेकिन यह सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है कि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों।
इस तरह हादसे में घट गए मृतक
जयपुर अग्निकांड में अब तक 13 लोगों की मौत हुुई है। पहले प्रशासन ने 14 मौते बताई थी, मगर 21 दिसंबर देर शाम FSL की जांच में पता चला कि बोरी में 2 शव के अवशेष आए थे, वो 2 नहीं बल्कि एक ही व्यक्ति के थे। 20 दिसंबर सुबह हुए हादसे में 4 लोग मौके पर जिंदा जले थे, जबकि 9 झुलसे लोगों की सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में मौत हुई थी। अस्पताल के बर्न यूनिट में अब भी 31 लोग भर्ती हैं। इनमें करीब 20 लोग 80 फीसदी तक झुलसे हैं। अस्पताल लाए गए 2 शव की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। पुलिस व प्रशासन उनकी पहचान के प्रयास में जुटा है।