Teacher’s farewell : राजस्थान के बाड़मेर जिले के रामसर आगोर में एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने हर किसी का दिल छू लिया। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक तिलोक मायला की विदाई के अवसर पर बच्चों और अध्यापक के बीच का गहरा भावनात्मक रिश्ता हर किसी की आंखें नम कर गया। इस भावुक पल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें बच्चे अपने प्रिय अध्यापक को विदा करते समय फूट-फूटकर रोते हुए नजर आ रहे हैं।
Rajasthan News Today : अध्यापक तिलोक मायला की विदाई का यह भावुक दृश्य हर किसी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि एक शिक्षक और छात्र के बीच का रिश्ता कितना गहरा और महत्वपूर्ण होता है। यह केवल ज्ञान का आदान-प्रदान नहीं है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव और प्रेरणा का भी स्रोत है। इस घटना ने यह भी दिखाया कि शिक्षकों का योगदान छात्रों के जीवन में कितना अहम होता है। तिलोक मायला जैसे शिक्षक न केवल छात्रों को शिक्षित करते हैं, बल्कि उन्हें जीवन के लिए तैयार करते हैं। उनकी यह विदाई उनके छात्रों और समुदाय के लिए हमेशा यादगार रहेगी।
Emotional moment of teacher’s farewell : विदाई समारोह का भावुक पल
Emotional moment of teacher’s farewell : 20 दिसंबर को आयोजित इस विदाई समारोह में विद्यालय के विद्यार्थी अपने शिक्षक को विदाई देने पहुंचे। जैसे ही विदाई का समय आया, बच्चों की भावनाएं फूट पड़ीं और वे अपने आंसू रोक नहीं पाए। अध्यापक तिलोक मायला भी अपने विद्यार्थियों को गले लगाते हुए उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रहे थे। इस दृश्य ने यह साबित कर दिया कि अध्यापक और छात्रों के बीच का संबंध केवल शिक्षा तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह रिश्ता गहराई से जुड़ा होता है।
Teacher Farewell in Barmer : 15 माह का जुड़ाव और विदाई का कारण
Teacher Farewell in Barmer : अध्यापक तिलोक मायला ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रामसर आगोर में सामाजिक विज्ञान के तृतीय श्रेणी अध्यापक के रूप में 15 माह तक अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान उन्होंने न केवल छात्रों को पाठ्यक्रम के अनुरूप शिक्षा दी, बल्कि सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी उन्हें सक्रिय रूप से जोड़ा। उनकी मेहनत और समर्पण का ही नतीजा था कि छात्रों का अपने अध्यापक से गहरा जुड़ाव हो गया। शिक्षक तिलोक मायला को उनकी पदोन्नति के तहत राजकीय बालिका वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, मजल में वरिष्ठ अध्यापक के रूप में स्थानांतरित किया गया। यह पदोन्नति उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन उनके लिए अपने छात्रों को छोड़कर जाना भी भावुक करने वाला था।
School News : छात्रों के लिए प्रेरणा बने तिलोक मायला
School News : 15 महीनों के अपने कार्यकाल में तिलोक मायला ने न केवल शिक्षा को प्राथमिकता दी, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए भी काम किया। उन्होंने प्रार्थना सभा को रोचक और ज्ञानवर्धक बनाने के लिए सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी और समाचार वाचन जैसी गतिविधियां शुरू कीं। इसके अलावा, उन्होंने छात्रों को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण कराया, जिसमें प्रसिद्ध किराडू मंदिर भी शामिल था। इन गतिविधियों के माध्यम से उन्होंने छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव प्रदान किया।
Farewell ceremony in School : विदाई समारोह का आयोजन
Farewell ceremony in School : विद्यालय में 20 दिसंबर को आयोजित विदाई समारोह में छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर तिलोक मायला के योगदान को सराहा। इस अवसर पर छात्रों ने अपने अध्यापक के लिए भावुक शब्दों में कृतज्ञता व्यक्त की। जैसे ही विदाई का समय आया, बच्चों ने अपने आंसू रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पा सके। यह देख तिलोक मायला खुद भी भावुक हो गए। उन्होंने बच्चों को गले लगाते हुए उन्हें समझाया, “रो मत बच्चों, तुम्हें मन लगाकर पढ़ाई करनी है और अपने जीवन में आगे बढ़ना है।”
सामाजिक और शैक्षणिक योगदान
तिलोक मायला ने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल पाठ्यक्रम पूरा किया, बल्कि सह-शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को हर क्षेत्र में बेहतर बनाया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक छात्र की प्रतिभा को निखारा जाए। उनकी इन पहलों ने छात्रों के मन में उनके प्रति गहरी श्रद्धा और स्नेह उत्पन्न किया।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
विदाई के इस भावुक पल का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर लिया और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया। यह वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया। लोगों ने इस पर भावनात्मक प्रतिक्रियाएं दीं और अध्यापक-छात्र के रिश्ते की गहराई की सराहना की। इस वीडियो ने न केवल बाड़मेर जिले, बल्कि पूरे देश में यह संदेश फैलाया कि एक अच्छा शिक्षक अपने छात्रों के जीवन में कितना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं
स्थानीय समुदाय के लोगों ने भी तिलोक मायला के योगदान की प्रशंसा की। एक अभिभावक ने कहा, “तिलोक मायला ने हमारे बच्चों के लिए जो किया, वह शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उन्होंने न केवल पढ़ाई पर ध्यान दिया, बल्कि बच्चों के चरित्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
नए अध्यापक के लिए चुनौती
तिलोक मायला की विदाई के बाद अब जो अध्यापक उनकी जगह लेंगे, उनके लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी। छात्रों और समुदाय के बीच जो गहरा संबंध तिलोक मायला ने बनाया, उसे बनाए रखना और आगे बढ़ाना आसान नहीं होगा। हालांकि, यह उम्मीद की जाती है कि नए अध्यापक भी अपने समर्पण और मेहनत से छात्रों का विश्वास जीतेंगे।
शिक्षकों के लिए सीख
यह घटना शिक्षकों के लिए भी एक प्रेरणा है। तिलोक मायला ने यह साबित किया कि एक शिक्षक का काम केवल पाठ्यक्रम पूरा करना नहीं है, बल्कि छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। उन्होंने यह दिखाया कि जब एक शिक्षक अपने छात्रों के प्रति ईमानदारी और समर्पण से काम करता है, तो वह छात्रों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लेता है।