राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी एक ट्वीट से सोशल मीडिया पर विवादों में घिर गई है। राजसमंद सांसद दीया कुमारी के बेटे पद्मनाभ सिंह के जन्मदिन पर विधायक दीप्ति ने ट्वीट पर महाराजा लिखकर बधाई दी। इस पर सोशल मीडिया पर आम लोगों से लेकर साहित्यकार, विपक्षी नेता तो क्या भाजपा के लोगों ने भी लोकतंत्र का पाठ पढ़ा दिया।
राजसमंद में भाजपा के संसदीय मीडिया प्रवक्ता मधुप्रकाश लड्ढा ने भी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी।लड्ढा ने रिट्वीट करते हुए लिखा कि राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह की ट्वीट करना गलत है। बेशर्मी की हद हो गई, ट्रोल होने के बाद भी मृत भैंस की तरह ट्वीट पर पड़े हुए हो। ऊपर से सफाई भी दे रहे हो। ट्वीट हटाते क्यों नहीं ?
जयपुरा राजघराने से ताल्लुक रखने वाली राजसमंद सांसद दीया कुमारी के पुत्र पद्मनाभ सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए एक ट्विट किया। ट्विट में दीप्ति ने लिखा कि जयपुर के महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह जी को जन्मदिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं। ईश्वर आपको सदैव उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु प्रदान करें। इसके बाद दीप्ति द्वारा पद्मनाभ को जयपुर का महाराजा बताने पर बवाल खड़ा हो गया और लोगों ने विधायक दीप्ति को लोकतंत्र का पाठ पढ़ा दिया और संविधान याद दिला दिया। राजस्थान में पूर्व विधायक और सीपीआईएम नेता रहे अमराराम ने ट्विट कर कहा कि- कौन से महाराजा ? लोकतंत्र है ये। जिस संविधान का उपयोग कर आप विधायक बनी हैं, उसका आर्टिकल 18 पढ़ लीजिए।
ट्विट के बाद दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ बोलने के इरादे से नहीं किया गया था। मैंने सिर्फ जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी थीं। वह एक घराने से हैं। इसके अलावा हमारे क्षेत्र की सांसद के पुत्र को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गई थीं। मेरे लिए दीया कुमारी सिर्फ एक सांसद नहीं, बल्कि मेरी बड़ी बहन की तरह हैं। उनका मुझ पर आशीर्वाद रहा है। ऐसे में पारिवारिक माहौल में मैंने ट्विट किया था।