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Udaipur News : उदयपुर जिले के कुछ क्षेत्रों में हाल ही में लेपर्ड का लगातार मूवमेंट देखा जा रहा था। अब, सायरा ब्लॉक स्थित एक जैन मंदिर के पास लगाए गए पिंजरे में एक लेपर्ड कैद हो गया। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा गया कि लेपर्ड पहले पिंजरे के पास घूमता रहा और फिर उसमें फंस गया। बताया जा रहा है कि इस मंदिर में फरवरी महीने की शुरुआत से ही लेपर्ड का आना-जाना लगा हुआ था।
leopard caught Udaipur : कैसे कैद हुआ लेपर्ड?
leopard caught Udaipur : उदयपुर जिले के सायरा और राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ के बीच स्थित भानपुरा गांव में यह घटना हुई। यह गांव जैन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन बीते कुछ दिनों से यहां लेपर्ड का आतंक बना हुआ था। गांव के लोग रात में घर से बाहर निकलने में भी डरने लगे थे।
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लेपर्ड को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा पिंजरा लगाया गया था, लेकिन कई दिनों तक कोई सफलता नहीं मिली। मंगलवार रात करीब 10:09 बजे, लेपर्ड मंदिर के पास आया। उसने पहले मंदिर के अंदर जाने की कोशिश की, लेकिन फिर पिंजरे के चारों ओर घूमने लगा। देखते ही देखते, दो मिनट के भीतर वह पिंजरे में कैद हो गया। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई।
Leopard News today udaipur : सूरत से कैमरा एक्सेस कर देखी गई घटना
Leopard News today udaipur : गांव में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों के एक्सेस के अधिकार सिर्फ दो लोगों के पास थे। इनमें से एक विपुल जैन, जो सूरत में रहते हैं, वे अपने मोबाइल पर लाइव फुटेज देख रहे थे। जब उन्होंने लेपर्ड को पिंजरे में कैद होते देखा, तो तुरंत गांववालों को इसकी सूचना दी।
ग्रामीणों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
जैसे ही सूचना फैली, गांव के लोग जैन मंदिर में इकट्ठा हो गए और पिंजरे में कैद लेपर्ड को देखने पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि फरवरी की शुरुआत से ही इस लेपर्ड की वजह से लोग डरे हुए थे। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी में भय का माहौल बना हुआ था। लेकिन, लेपर्ड के पकड़ में आते ही लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि, अब भी कुछ ग्रामीण इस आशंका में हैं कि क्या यह वही लेपर्ड है, जो बीते दिनों गांव में देखा गया था, या फिर कोई और?
गांव की स्थिति और वन्य क्षेत्र का निकटता
भानपुरा गांव, उदयपुर जिला मुख्यालय से लगभग 83 किलोमीटर, गोगुंदा से 45 किलोमीटर और सायरा से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गांव सायरा से कुंभलगढ़ जाने वाले मार्ग पर पड़ता है। गांव की कुल जनसंख्या लगभग 1300 के आसपास है। दिलचस्प बात यह है कि गांव के चारों ओर जंगल नहीं है, लेकिन बाहर निकलते ही आसपास का क्षेत्र घने जंगल जैसा नजर आता है। गांव के एक तरफ कुंभलगढ़, रणकपुर और सायरा का जंगल स्थित है, जो हालांकि कुछ दूर हैं, लेकिन जंगली जानवरों की आवाजाही यहां तक बनी रहती है।
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लेपर्ड का मूवमेंट कब-कब देखा गया?
- फरवरी के शुरुआती दिनों में, पहली बार भानपुरा गांव के जैन मंदिर में लेपर्ड देखा गया।
- 10 फरवरी की रात, फिर से मंदिर के सीसीटीवी फुटेज में लेपर्ड की मौजूदगी दर्ज हुई।
- गांववालों ने वन विभाग पर नाराजगी जताई कि पिंजरा लगाने के 10 दिन बाद भी कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई थी, जिससे लेपर्ड आसानी से कैद हो सके।
अब, लेपर्ड के पकड़े जाने के बाद गांव में डर का माहौल थोड़ा कम हुआ है, लेकिन ग्रामीण अब भी पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि क्षेत्र में और लेपर्ड मौजूद हैं या नहीं। वन विभाग अब इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है।