देश अभी दूसरी लहर से उभरा नहीं कि अब तीसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है। डेल्टा से भी घातक कप्प वैरिएंट यूपी में मिला है। यहां दो मरीजों में इसकी पुष्टि हुई है जबकि एक मरीज की पिछले महीने मौत हो गई। 109 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई। इसमें इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है। हालांकि, इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं। जिन लोगों में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है, उनकी ट्रेवल हिस्ट्री तलाशी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई हाईलेवल मीटिंग में अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
लखनऊ की KGMU में की गई जीनोम सीक्वेंसिंग में संतकबीर नगर जिले के रहने वाले 65 साल के मरीज के सैंपल में यह वैरिएंट मिला था। गोरखपुर में इलाज के दौरान जून में मरीज की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 107 नमूनों में कोरोना की दूसरी लहर में सामने आए डेल्टा स्वरूप की पुष्टि हुई है। 2 सैंपल में वायरस का कप्पा वैरिएंट पाया गया। बयान में कहा गया कि दोनों ही वैरिएंट प्रदेश के लिए नए नहीं हैं।
इस वैरिएंट को भले डेल्टा से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा हो, लेकिन इसके बारे में पूछे जाने पर अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कप्पा स्वरूप कोई नई बात नहीं है, पहले भी इस स्वरूप के कई मामले सामने आ चुके हैं, इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है, यह कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप हैं और इससे रिकवर हो सकते हैं।
इससे पहले गोरखपुर में यह वैरिएंट मिला था। यह डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है। गोरखपुर के बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कॉलेज में भर्ती 61 मरीजों के नमूने जांच के लिए दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (IGIB) में भेजे गए थे। उनमें से 30 की रिपोर्ट आई है। इनमें एक में कप्पा वैरिएंट की पुष्टि हुई। डॉक्टर्स अब इस बात की आशंका जता रहे हैं कि गोरखपुर में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कप्पा ने भी कहर बरपाया था। इसके बाद शासन ने BRD मेडिकल कॉलेज से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी ने कहा कि मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री, परिवार के सदस्यों की जानकारी के अलावा उसके संपर्क में आए लोगों की जानकारी इकट़्ठा की जा रही है।