adarak https://jaivardhannews.com/using-ginger-in-winter-is-like-nectar/

✔️ छिले-अदरक के अंदर छेद करके उसमें लगभग 01 ग्राम का चौथा भाग हींग भरकर, सूती व साफ, कपड़े में लपेटकर सेंक लें। फिर पीस कर मटर के दाने के बराबर गोली बना लें। इन गोलियों को दिन में 01 – 01 करके 8 बार तक चूसें। यह स्वर-भंग (आवाज खराब होना) में लाभकारी है।

✔️ अदरक का रस, शहद में मिलाकर चाटने से भी बैठा हुआ गला खुल जाता है।

✔️ अदरक के आधा चम्मच रस को चौथाई कप गर्म पानी में मिलाकर, आधे-आधे घंटे में चार-पांच बार पीने से सर्दी के कारण या खट्टी चीजों के खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है।

✔️ अदरक के रस को गले में कुछ समय तक रोकना चाहिए यानी कि रस को कुछ समय तक निगलना नहीं चाहिए। इससे गला साफ हो जाता है।

✔️ अदरक को छीलकर, टुकड़े, चूसने या टुकड़े को गरम करके – काला नमक डालकर चूसने से भी बहुत लाभ होता है।

✔️ अदरक गला, सर्दी-जुकाम-खांसी, अपच, अफरा आदि कई तकलीफों को दूर करने में सहायक होता है।

विशेष : सर्दियों में इसका प्रयोग अमृत समान होता है।

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डॉ.तत्सवितु व्यास
सु-जोक थेरेपिस्ट (एक्यूप्रेशर)
एवं प्राकृतिक सलाहकार
Mob. 98272 78715