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ड्राइवरी से पति की कमाई इतनी ही होती थी कि घर गुजारा चल सकें। पत्नी फातमा बानो बीमारी हुई और अस्पताल में जांच करवाई, तो दिल की बीमारी का पता चलने पर ऑपरेशन खर्च डेढ़ से दो लाख रुपए बताया। परिवार में छह सदस्यों का पालन पोषण भी मुश्किल से हो रहा था। ऐसे में डेढ़ से दो लाख रुपए का प्रबंध करना उनके बस में नहीं था। गंभीर हालात में जन आधार कार्ड का ख्याल आया और किसी परिचित ने अनंता हॉस्पीटल में कार्यरत डॉ सूर्य मिश्रा से बातचीत की। डॉ. सूर्या ने कहा कि खाद्य सुरक्षा का गेहूं मिलता है, तो जन आधार कार्ड लेकर अस्पताल आ जाए, सारा इलाज फ्री में हो जाएगा। परिजन फातमा को लेकर अनन्ता हॉस्पीटल पहुंचे, जहां सफल ऑपरेशन हो गया।

बताया कि जालोर के रंगाला निवासी फातमा बानो के पति कामस खां वाहन चलाते हैं, जिससे मासिक पांच से छह हजार रुपए आय होती है। परिवार में 5 वर्षीय इरफान, 3 वर्षीय इरफान व डेढ़ वर्षीय श्यामा और ससुर सत्तार खां सहित छह सदस्य है। फातमा की बीमारी का पता चलने के बाद पति कासम खां के साथ ससुर सत्तार खां भी चिंतित हो गए। तभी कासम खां को जन आधार कार्ड से गरीबों का फ्री इलाज का ख्याल आया। इस पर सत्तार खां ने पहले से परिचित कार्डियेक सर्जन डॉ. सूर्य मिश्रा से संपर्क किया, तो डॉ. सूर्य ने कहा, मैं अभी अनन्ता हॉस्पीटल राजसमंद में हूं। लेकिन अगर आपके खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं मिल रहा है, तो आपका इलाज यहां फ्री में हो जाएगा। आप चाहे तो राजसमंद के अनन्ता हॉस्पीटल में आ सकते हैं। इस पर सत्तार खां उनकी बहू फातमा को लेकर अनन्ता हॉस्पीटल पहुंच गए। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हार्ट की सफल सर्जरी हो गई। इस तरह फातमा के इलाज पर 1 लाख 59 हजार रुपए का खर्च मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना से पुनर्भरण हो गया। अब फातमा पूर्ण रूप से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।