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सांप का नाम सुनते ही हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। देश के सबसे खतरनाक चार सांपों की प्रजातियां हैं। ये इतने खतरनाक है कि इनके डंसने के कुछ सेकेंड में ही इंसान की मौत हो जाती है। भीलवाड़ा जिले में करेत, रसल वाइपर, सा रसेल और कोबरा सांप की प्रजातियां पाई जाती हैं। यह सांपों की वे प्रजातियां हैं, जो देश के सबसे 11 खतरनाक सांपों में से आते हैं। इनमें सबसे गुस्सैल और खतरनाक ‘रसेल वाइपर’ है। ये 5 फीट दूर खड़े इंसान पर भी चंद सेकेंड में हमला कर उसे अचेत कर देता है। इसका जहर इतना खतरनाक है कि शरीर पर सूजन और किडनी तक फेल कर देता है। जिले की बात करें तो इन 4 खतरनाक सांपों के डंसने से तीन साल में 1 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन हकीकत में सांप डसने का आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है।

कोबरा सांप

भारत के सभी हिस्सों में पाया जाता है। राजस्थान में इसे नाग भी कहा जाता है। यह काफी जहरीला होता है। स्नेक बाइट के मामले में सबसे ज्यादा मौत के कोबरा सांप के डसने से ही होती है। इसमें सिनौप्टिक न्यूरोटॉक्सीन व कार्डियोटॉक्सिन जहर होता है। कोबरा के डसने से कुछ ही समय बाद शरीर का न्यूरो सिस्टम काम करना बंद कर देता है और लकवा मार जाता है। जहर के कारण आंखों की रोशनी चली जाती है। सांप की लंबाई 1 मीटर से डेढ़ मीटर तक होती है।

रसल वाइपर

यह सांप अजगर की तरह दिखता है। काफी खतरनाक होता है। एक बार डसने पर 120 से 250 ग्राम तक इंसान के शरीर में जहर छोड़ देता है। इसके जहर से खून के थक्के बनने के साथ ही किडनी तक फैल हो जाती है। शरीर पूरी तरह से सूज जाता है और चमड़ी फटना शुरू हो जाती है। यह इतना आक्रामक होता है कि 5 फीट दूर खड़े शिकार को भी चंद सेकेंड में डस लेता है। खेतों में काम करने वाले किसानों को इस सांप का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।

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इंडियन क्रेट ( करेत ) ्र

यह भारत का सबसे जहरीला सांप है। इसके काटने के बाद एकबार में जो जहर निकलता है, उससे 60 से 70 लोगों की मौत हो जाती है। इसकी खासियत यह है कि यह रात के समय सोते हुए लोगों पर ही हमला करता है और वह भी उनके हाथ, पैर, मुंह और सिर पर। इसके काटने के बाद दर्द नहीं होता। नींद में ही मौत हो जाती है। भीलवाड़ा में करेत के हमले के सबसे ज्यादा मामले हैं। यह सांप बेहद पतला और लंबा होता है। काले चटकीले रंग के साथ ही इस पर सफेद गोल लकीर होती है।

सा स्केल

यह सांप भीलवाड़ा के पहाड़ी व ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। इसकी आक्रामकता दूसरे सांप से सबसे ज्यादा है और जहरीला भी। लंबाई में यह काफी छोटा होता है। भूरे रंग और उस पर काले और सफेद धब्बों के कारण यह काफी खतरनाक दिखता है। यह देश के सबसे गुस्सैल सांपों में आता है।

बारिश के दिन दो से तीन सांप का होता है रेस्क्यू

भीलवाड़ा स्नेक केचर कुलदीप सिंह राणावत ने बताया कि भीलवाड़ा शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के समय घरों में व अन्य सुरक्षित जगह ढूंढते हैं। इनका रेस्क्यू किया जाता है। अभी मानसून का सीजन है। ऐसे में काफी ज्यादा सांप बाहर आ रहे हैं। रोजाना दो से तीन सांप का रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा जा रहा है। भीलवाड़ा में सामान्य तौर पर 11 प्रजातियों के सांप देखने को मिलते हैं, लेकिन इनमें से भी 4 प्रजातियां ऐसी है जो देश के सबसे खतरनाक सांप में आती है। इनमें कोबरा, रसल वाइपर, सा स्केल और करेत शामिल हैं। जंगलों में यह प्रजाति काफी रहती है। शहरी व ग्रामीण इलाकों में भी कई बार इनका रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया है।