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हरियाणा के रेवाड़ी निवासी ग्रेजुएट मोनिका की शादी 2013 में बहरोड़ के गादोज गांव में 12वीं पास प्रदीप यादव से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद से ही मोनिका अपने पति के गुस्से का शिकार होने लग गई थी। प्रदीप के गुस्से की टॉर्चर कहानी इतनी भयावह है, जिसे सुन रोंगटें खड़े हो जाएंगे। उसे जब भी गुस्सा आता तो मोनिका को बिजली के झटके देता। यहां तक कि कई बार पत्नी को रात 12 बजे घर से बाहर भी निकाल देता। यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ पुलिस पूछताछ में।

पुलिस पूछताछ और मोनिका के भाई से हुई बातचीत में सामने आया कि प्रदीप की बेरहमी अपनी 3 साल की मासूम बेटी को मौत के घाट उतारने के बाद भी खत्म नहीं हुई। बेटी को इतने जोर से फेंका कि उसकी जान निकल गई। उसके चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। कमरे से बाहर आकर उसने बोला कि प्रियांशी नहीं रही। घरवाले उस पर चिल्लाने लगे तो पत्नी को धमकी देने लगा कि किसी को बताया तो जान से मार दूंगा। जेल भी चला गया तो बाहर आने के बाद जिंदा नहीं छोडूंगा।

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि प्रदीप मोनिका को इतना प्रताड़ित करता था कि वह घर का काम कर रही होती तो बिना किसी बात के उसे पीटना शुरू कर देता। घूंघट नहीं निकालने पर भी उसे सजा के तौर पर घर से बाहर निकाल देता। कभी ज्यादा गुस्सा आता तो बेहरमी से पीट देता। पुलिस जांच में सामने आया कि प्रदीप महीने में कम से कम तीन से चार बार मोनिका पर जुल्म ढाता था। कई बार तो वह कमरे में सो रही होती तो करंट के झटके तक देता था। मोनिका का भाई बताता है कि उसकी बहन के पैरों में करंट के झटके निशान अब भी मौजूद है।

शादी के कुछ महीने बाद से ही मोनिका प्रदीप की इस सनकपन से परेशान होने लग गई थी। सास-बहू की अनबन होती तो पिटाई। ससुर के सामने या फिर किसी बाहरी व्यक्ति के आने पर थोड़ा बहुत घूंघट कम रह गया तो पिटाई। पति को किसी बात पर जवाब दे दिया तो पिटाई। मोनिका ने कई बार अपने भाई के सामने इस बात का जिक्र किया कि उसे घूंघट को लेकर न जाने कितनी बार प्रदीप की अमानवीय मार सहनी पड़ी। घूंघट को लेकर उसकी सनक इस कदर थी कि घर में कोई छोटी उम्र का व्यक्ति भी आ गया तो उसके सामने भी घूंघट में आने के लिए मजबूर करता था। मना करती तो फिर उसे मार सहनी पड़ती।

17 अगस्त 2021 को प्रदीप-मोनिका व उसके सास-सुसुर के बीच आपस में घर में झगड़ा हो गया था। जिसके बाद प्रदीप ने मोनिका को बेहरमी से पीटा। उसकी 3 साल की बेटी प्रियांशी रोने लगी। उसे दादा बाहर की तरफ ले जाने लगे, लेकिन वह फिर रोते हुए अंदर आ गई। इस बात से प्रदीप इतना गुस्सा हो गया कि उसने 3 साल की बेटी को कमरे के भीतर से उछालते हुए बाहर फेंक दिया। कुछ देर बाद बोला प्रियांशी नहीं रही। यह सुनकर सब परिवार के लोग सन्न रह गए। मोनिका व उसकी सास प्रियांशी को अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। गुपचुप अंतिम संस्कार कर दिया गया। मोनिका के परिवार के लोग आए तो उसने पूरी कहानी बयां कर दी। इसके बाद प्रदीप व उसके सास-ससुर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया गया। उसी दिन प्रदीप व उसके पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

बेटी की हत्या के बाद भी प्रदीप ने अपनी पत्नी को धमकाया था। कहा था कि किसी को बताया तो मार दूंगा। जेल भी जाना पड़ा तो बाहर आकर नहीं छोडूंगा। चाहे कोई भी हो। इस डर के कारण पहले दिन मोनिका चुप ही रही।

मोनिका ने अगले दिन दर्ज कराई रिपोर्ट
बेटी का अंतिम संस्कार होने जाने के बाद मोनिका ने अपने पीहर में सूचना दी। वहां से परिवार के लोग आए। जिसे कुछ देर बाद ही घर से बाहर लेकर गए। इसके बाद मोनिका ने पूरी कहानी बताई। फिर रिपोर्ट में बताया कि उसका पति प्रदीप यादव घर के अंदर रहने पर भी हमेशा घूंघट डालने के लिए कहता था। 17 अगस्त की शाम को वह ननद के घर से गादोज लौटी थी। पति इस बात से नाराज हो गया कि उसने अपने ससुर के सामने पूरी तरह घूंघट नहीं डाला। इस झगड़े में उसने अपनी तीन साल की बेटी को कमरे के भीतर से उछालते हुए बाहर फेंक दिया। पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है कि बेटी को फेंका या दूसरे तरीके से मारा गया है।

गांव वालों से बोला- बीमार थी बेटी
18 अगस्त को सुबह करीब 8:30 बजे बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। उस दौरान प्रदीप घर पहुंच गया था। उसने गांववालों को बताया था कि बेटी कई दिनों से बीमार थी, जिससे उसकी मौत हो गई है। कुछ देर बाद प्रदीप के ससुराल वालों तक खबर पहुंची तो वे गादोज आ गए। उसके बाद पूरे मामले का पता चला।