सडक़, बिजली, पानी व सफाई ये हर शहरवासी की मूलभुत सुविधाएं है, लेकिन अगर ये ही नहीं मिले, तो हर किसी का दम घुटना स्वाभाविक है। नाथद्वारा शहर की कॉलोनियों के कुछ ऐसे ही हालात पार्षदों ने बयां किए, तो हर कोई चौंक गया। नगरपालिका प्रशासन के प्रति आक्रोशित पार्षद उपखंड कार्यालय पहुंच गए, जहां एसडीएम नहीं होने पर उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन दिया। साथ ही शहर में मूलभुत सुविधाओं को लेकर खूब खरी खोटी सुनाई और यूं कह दे कि पार्षदों ने अपनी भड़ास निकाल दी, जिसमें नगरपालिका के कामकाज की सारी पोलपट्टी खुलकर सामने आ गई। पार्षद बोले कि जब पार्षदों की ही सुनवाई नहीं हो रही है, तो इस नगरपालिका में आमजन की क्या बिसात है, जो उनका कोई काम हो जाए।

देखिए, क्या क्या बोले महिला पार्षद

वार्ड 34 की पार्षद ललिता काबरा ने बताया कि जब हमारे वार्ड के छोटे छोटे कार्य ही नहीं होंगे, तो बड़े काम क्या काम। मूलभुत सुविधाएं उपलब्ध करवाना ही नगर निकाय की मुख्य प्राथमिकता है। इसके लिए सीपी साब को भी बोल दिया, लेकिन नगरपालिका अध्यक्ष और आयुक्त कोई सुनवाई नहीं करते।

वार्ड 39 की पार्षद चंद्रकला माली ने बताया कि वार्ड में चौतरफा गन्दगी फैल रही है, मगर पालिका अध्यक्ष तो कभी संतोषप्रद जवाब ही नहीं देते और आयुक्त भी न हमारी सुनते हैं न काम होता है।

वार्ड 5 की पार्षद यमुना पालीवाल ने बताया कि 24 घंटे जलापूर्ति की बात कर रहे हैं, जबकि तीन से चार दिन में पानी आ रहा है और वह भी बदबूदार। रोड लाइटें कई दिनों से खराब पड़ी है। कोई सुनने वाला नहीं। इस दौरान वार्ड 38 पार्षद पूरण श्रीमाली सहित कॉलोनी के कुछ लोग भी थे, जिन्होंने भी असंतोष जताया।