लालपुर स्कूल में छात्रों को फफूंद फूड पैकेट बांटने पर बाल कल्याण समिति का संज्ञान, जवाब तलब

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पहली से 8 आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को लालापुर कुंवारिया उच्च प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को फफूंद लगे फूड पैकेट बांटने की जानकारी मिलने पर बाल कल्याण समिति राजसमन्द द्वारा संज्ञान लेते हुए । बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कोमल पालीवाल, सदस्य बहादुर सिंह चारण, हरजेंद्र सिंह चौधरी, सिमा डागलिया व रेखा गुर्जर उपस्थित रहे
बाल कल्याण समिति को स्थानीय द्वारा जानकारी मिलने पर संज्ञान लिया व बैठक में समिति द्वारा लालपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से आठवी तक के बालको को जो हल्दी, धनिया पाउडर, नमक, सोयाबीन, तेल, चना दाल, मूंग दाल आदी पोषाहार सामग्री कॉम्बो पैकेट में दी जाती है जो बच्चो कोरोना महामारी की वजह से करीब 100 बच्चो को वितरण की गई जिसमें बच्चो के द्वारा घर जाकर पैकेट देखने पर खाद्य सामग्री में फफूंद थी जो बच्चो के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है तथा जहां सरकार व चिकित्सा विभाग द्वारा थर्ड वेव की सम्भावना को देखते हुए बच्चो के लिए विशेष गाइडलाइन बनाई है व बच्चो की इम्युनिटी अच्छी रहे व स्वस्थ है इस ओर विशेष कार्य योजना से कार्य किया जा रहा है ऐसे में बच्चो को दूषित व फफूंद वाला पोषाहार पैकेट देना अपराधिक कृत्य की तरह ही है व अन्य बिंदुओं पर बैठक में विचार किया गया ।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि बाल कल्याण समिति के द्वारा जिला रसद अधिकारी को इसकी जांच कर रिपोर्ट तलब की जा रही है व दोषी की पहचान करने व आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए जाने का तथा विभाग अन्य किसी भी विद्यालय में फफूंद वाला व खराब वितरण न इसकी जांच करने के निर्देश का भी प्रस्ताव लिया गया है ।

सदस्य बहादुर सिंह चारण ने बताया कि पोषाहार में तेल के पैकेट फटे होना, फफूंद वाला पोषाहार बच्चो तक वितरण करवाने की व्यवस्था को जांच जाना व मोनेटरिंग किया जाना अनिवार्य है व दोषी के विरुद्ध विभाग को कार्यवाही करना चाहिये । बाल कल्याण समिति के सदस्य हरजेंद्र सिंह चौधरी, सिमा डागलिया व रेखा गुर्जर के द्वारा भी बच्चो के स्वास्थ्य पर कोविड के समय विपरीत प्रभाव हो सकता है इसलिए वितरण व्यवस्था में स्कूल प्रशासन को साथ रखने का कहा जिससे पोषाहार सही मात्रा में व उच्च गुणवत्ता को वितरित हो ।
बाल कल्याण समिति के द्वारा जिला रसद अधिकारी, जिला शिक्षा विभाग को इसकी जांच कर रिपोर्ट 7 दिवस में बाल कल्याण समिति को देने का लिखा है जो प्राप्त हो जाने पर जिला कलेक्टर को प्रस्तुत की जाएगी जिससे विधिनुसार कार्यवाही हो व भविष्य में ऐसा न हो । बाल कल्याण समिति के द्वारा ऐसे किसी भी लापरवाही की सूचना 1098 पर भी दी का सकती है की अपील की गई व बताया गया कि जीरो से 18 वर्ष तक के बच्चो के लिए सदैव शिक्षा, स्वास्थ्य, पुनर्वास व कौशल विकास के क्षेत्र में सदैव सहयोगी भूमिका रहेगी । बाल विवाह न हो व बाल श्रम न हो व बच्चो का भविष्य उज्जवल हो यही प्रयास जागरूक के माध्यम किये जा रहे है.